अयोध्या: प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार राम मंदिर में अक्षय तृतीया का पर्व बड़े ही उल्लास के साथ मनाया गया. मंदिर परिसर को तरह तरह के फूलों से सजाया गया तो वही गर्भगृह के मुख्य द्वार पर फलों की भी लड़ियां मंदिर की भव्यता को बढ़ाती रहीं. सुबह श्रृंगार के बाद रामलला का विशेष पूजन अर्चन किया गया. वहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए.
महाराष्ट्र के राम भक्त श्री विनायक सेठ भालचंद्र कांची परिवार द्वारा विशेष प्रसाद के प्रबंध किए गए. ट्रस्ट की अनुमति के बाद एक ट्रक में भरकर मौसमी फल राम मंदिर लेकर पहुंचे. जिसमें मुख्य रूप से आम रखा गया था. मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने दोपहर 12 बजे रामलला का आरती पूजन के बाद पहला भोग आम का लगाया. जिसका प्रसाद आने वाले सभी भक्तों में वितरित किया गया.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अक्षय तृतीया का बड़ा महत्व है. आज के दिन जो काम किया जाता है, वह कभी नष्ट नहीं होता. रामलला के यहां विशेष कर आम का भोग लगा है. इसी प्रकार पूड़ी-सब्जी, खीर और मिष्ठान का भोग लगा.
भाव विभोर उपराष्ट्रपति ने उतारी रामलला की आरती
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने श्रीरामजन्मभूमि परिसर में रामलला का दर्शन पूजन किया. साष्टांग मुद्रा में रामलला को प्रणाम करने के बाद आरती उतारी. इस दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट डॉक्टर अनिल मिश्रा ने उनका स्वागत किया और स्मृति स्वरूप राम मंदिर के मॉडल को भेंट किया.
उपराष्ट्रपति अपने परिवार के साथ महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पहुंचे, जहां प्रदेश के मंत्री सूर्य प्रताप शाही और जिले के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया. जहां से सबसे पहले हनुमान गढ़ी पर पहुंचे और बजरंगबली प्रसाद अर्पित कर दर्शन पूजन किया. उसके बाद राम मंदिर में अक्षय तृतीय पर आयोजित अनुष्ठान में भी शामिल हुए और विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किया. उन्होंने राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर विराजमान भगवान शिव मंदिर में भी आराधना की.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ देर शाम सरयू के तट पर अपने निर्धारित समय से 30 मिनट लेट पहूंचे. जहां मौजूद 51 बटुक ब्राह्मण और आचार्यों के द्वारा मंत्रोच्चार कर सरयू पूजन कराया गया. जिसके बाद 1100 दीपों से आरती उतारी गई. मां सरयू आरती समिति के अध्यक्ष शशिकांत दास ने बताया कि उपराष्ट्रपति महोदय आज अपने परिवार के साथ पहुंचे और विधि विधान पूर्वक पूजन अर्चन कर आरती उतारी.