नई दिल्ली: डीडीए द्वारा छत्तरपुर के रिज क्षेत्र में 1100 पेड़ों को काटने के मामले में दिल्ली सरकार के मंत्रियों ने उपराज्यपाल पर बड़ा आरोप लगाया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी में शामिल मंत्री सौरभ भारद्वाज, आतिशी ने मंगलवार को मौके पर जाकर जायजा लिया.
इन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना और डीडीए पर आरोप लगाया कि छतरपुर जंगल में फॉर्म हाउस वालों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया. डीडीए यहां जंगल काटकर सड़क बना रहा है. इसी सड़क के दूसरी तरफ़ फार्महाउस हैं, उनकी ज़मीन को लेकर भी सड़क चौड़ी की जा सकती थी लेकिन डीडीए ने ग़ैरक़ानूनी ढंग से जंगल काट दिए. उन्होंने कहा इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है.
VIDEO | Delhi Minister Saurabh Bharadwaj (@Saurabh_MLAgk) and the fact-finding committee of the Delhi government visited the Chhatarpur area where 1,100 trees were allegedly cut.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 9, 2024
“Villagers have told me that the road we are standing on is newly built in the middle of the… pic.twitter.com/kLHUzb01Bd
दिल्ली सरकार ने मामले की जांच के लिए वन विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया तो पर्यावरण मंत्री द्वारा बार-बार आदेश दिए जाने के बाद भी अधिकारी मीटिंग तक मे नहीं आए. इसलिए जांच के लिए कमेटी बनाई गई. यह कमेटी अपनी रिपोर्ट पर्यावरण मंत्री को सौपेंगी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में भी जमा कराया जाएगा. वहीं, मंत्री आतिशी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बीते 4 साल में दो करोड़ से ज्यादा पौधे लगाए हैं.
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एलजी ने सुप्रीम कोर्ट से बिना अनुमति लिए रिज एरिया में हजारों पेड़ कटवा दिए. मामला संज्ञान में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार एलजी और अधिकारियों से लगातार जवाब मांग रहे हैं, लेकिन सभी चुप हैं. अब भाजपा इसमें राजनीति करने के लिए एक झूठे दस्तावेज दिखा रही है और कह रही है कि सीएम केजरीवाल के कहने पर ये पेड़ काटे गए, जबकि यह नामुमकिन है. रिज एरिया में पेड़ काटने की अनुमति केवल सुप्रीम कोर्ट ही दे सकता है. इसलिए भाजपा अपनी नौटंकी बंद करे और कोर्ट को अनुमति के कागज दिखाए.
उन्होंने कहा कि दिल्ली का सतबरी ईको सेंसिटिव जोन भी इसी श्रेणी में आता है, जहां दिल्ली के एलजी के आदेश पर बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के 11 सौ पेड़ काटे गए. लेकिन भाजपाइयों की धूर्तता यहां खत्म नहीं हुई. पेड़ काटने के बाद वे सुप्रीम कोर्ट से इसकी अनुमति लेने के लिए गए, जहां कोर्ट को पता चला कि ये पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं. अब सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली सरकार, दिल्ली के एलजी और भाजपा के निर्देश पर काम करने वाले अधिकारियों से जवाब मांग रहे हैं, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आ रहा है. भाजपा ने इसमें भी राजनीति का अवसर ढूंढ लिया और गत दिनों से कुछ दस्तावेज लहरा रही है कि ये पेड़ अरविंद केजरीवाल के कहने पर काटे गए. जबकि यह नामुमकिन है, क्योंकि रिज एरिया से पेड़ काटने की अनुमति केवल सुप्रीम कोर्ट दे सकता है.
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