लखीमपुर खीरी: जिले में एक बच्चे ने बहादुरी की मिसाल पेश करते हुए बिना डरे मगरमच्छ से लड़ गया. हालांकि 20 मिनट तक विशालकाय मगरमच्छ से लड़ाई में बच्चे को अपना एक हाथ गंवाना पड़ा. वहीं, बच्चा जब इलाज के लिए सीएचसी पहुंचा तो सिस्टम से हार गया. यहां बच्चे को लोगों के बैठने के लिए बनी बेंच पर इलाज किया गया. इसकी तस्वीर सामने आई है, जो विचलित करने वाली है. फिलहाल बच्चे को जिला अस्पताल में रेफर कर दिया गया है.
जानकारी के मुताबिक, सिंगाही थाना क्षेत्र के ठाकुर पुरवा मजरा बंगलहा तकिया निवासी सोमबारी का 11 साल का बेटा संकित कुमार शुक्रवार को अपनी मां के साथ घास लेने गांव के किनारे गया था. संकित जैसे ही तालाब के पास पहुंचा तो तालाब में छिपे एक बड़े मगरमच्छ ने उसे दबोच लिया. ये देख संकित की मां के होश उड़ गए और जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया. पड़ोस में पड़े एक डंडे से भी मगरमच्छ को पीटने लगी. लेकिन मगरमच्छ संकित को तालाब में खींचता रहा. जबकि संकित अपनी पूरी ताकत से मगरमच्छ से लड़ता रहा. यह करीब 20 मिनट तक चलता रहा. वहीं, संकित की मां का शोर सुनकर पहुंचे लोगों ने लाठी डंडों से पीटकर किसी तरह से संकित को मगरमच्छ के जबड़े से छुड़ाया. लेकिन तब तक मगरमच्छ संकित का बायां हाथ चबा चुका था.
आनन-फानन में मां और पड़ोसी संकित को लेकर निघासन सीएचसी पहुंचे. जहां पर गंभीर रूप से घायल संकित को फर्स्ट एड देकर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. अब संकित और उसकी मां की हिम्मत और हौंसलो की इलाके में चर्चा हो रही है.