कोरिया: जिले में 10वीं-12वीं की परीक्षा दे चुके स्टूडेंट्स को साइबर ठग अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे है. साइबर ठग विद्यार्थियों को फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास कराने के नाम पर फर्जी कॉल कर रहे हैं. कॉल करने वाला खुद को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल का कंप्यूटर ऑपरेटर बता रहा है.
फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास कराने का झांसा: डीईओ जितेंद्र गुप्ता ने बताया, "कोरिया विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के एक छात्र को कॉल आया था. कॉलर ने छात्र का नाम, पिता का नाम, परीक्षा केन्द्र, रोल नम्बर बताया. अज्ञात शख्स ने खुद को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल में कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्यरत होना बताया. साथ ही छात्र को प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण कराने का दावा करते हुए चार हजार रुपए मांगे थे. छात्र ने पैसे देने के बाद काम नहीं होने का अंदेशा जताया तो ठग ने बकायदा पैसा मिलते ही अंकसूची व्हाट्सएप पर भेजने और काम नहीं होने पर पैसा वापस करने की बात कही. हालांकि, छात्र ठगी होने से बच गया है."
कलेक्टर ने फर्जी कॉल से सतर्क रहने की अपील: कोरिया कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने विद्यार्थियों और अभिभावकों को सावधान रहने और ऐसे फर्जी कॉल से सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, "साइबर ठगी करने वाले गिरोह के सदस्य छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल के नाम का दुरुपयोग कर छात्र-छात्राओं से ऑनलाइन ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं."
"किसी भी प्रलोभन और बहकावे में नहीं आएं. उत्तीर्ण या प्रथम श्रेणी में पास कराने के दावा करने वाले ठगों से सतर्क रहें. आधार, पैन कार्ड, एकाउंट नंबर न दें या किसी भी प्रकार की ओटीपी अनजान व्यक्ति को बिल्कुल न बताएं." - विनय कुमार लंगेह, कलेक्टर, कोरिया
दरअसल, कई बार ऐसा देखा गया है कि 10वीं-12वीं या कॉलेज और प्रतियोगी परीक्षाओं में पास कराने के नाम पर साइबर ठग अभ्यर्थियों को अपना शिकार बनाते हैं. उन्हें पास कराने या सेलेक्शन कराने कीा झांसा देकर ऑनलाइन ठगी की जाती है. ऐसे सभी फर्जी कॉल या मैसेजेस से लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. कोरिया कलेक्टर ने भी छात्रों और अभिभावकों से ऐसे कॉल से सतर्क रहने की सलाह दी है.