नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में अग्निशमन विभाग द्वारा हाईराइज सोसाइटीज का फायर ऑडिट कराया गया था. फायर ऑडिट के दौरान करीब 105 सोसाइटियों के पास फायर एनओसी मौजूद नहीं मिली. हालांकि, अग्निशमन विभाग द्वारा पहले भी आग से बचाव के इंतजाम पूरे ना होने के कारण सोसाइटियों को नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन नोटिस के बाद भी फायर सेफ्टी को लेकर व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई. फायर फाइटिंग सिस्टम दुरुस्त न होने के कारण आग लगने पर बड़ा हादसा होने की संभावना रहती है. ऐसे में जिन सोसाइटी में बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं मिले, उन सभी सोसाइटियों को अग्निशमन विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया है.
अग्निशमन विभाग द्वारा पांच साल के लिए एनओसी जारी की जाती है. एनओसी जारी करने से पहले अग्निशमन विभाग की टीम द्वारा मौके पर जाकर समिति का निरीक्षण किया जाता है, और देखा जाता है कि मानक के अनुसार फायर फाइटिंग के इंतजाम सोसाइटी में मौजूद है. मानक के अनुसार फायर फाइटिंग के तमाम इंतजाम पूर्ण पाए जाने पर अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी जारी की जाती है. एनओसी की अवधि पूर्ण होने के बाद रिन्यू को रिन्यू कराना होता है.
"अग्निशमन विभाग द्वारा समय-समय पर चेक अभियान चलाया जाता है. विभाग द्वारा गाजियाबाद की तकरीबन 350 हाई सोसाइटियों का ऑडिट किया गया था. जिसमें से करीब 245 सोसाइटियों के पास फायर की वैध एनओसी थी और फायर फाइटिंग का इंतजाम ठीक पाए गए हैं. जिन सोसाइटियों में फायर फाइटिंग के इंतजाम पूर्ण नहीं मिले उन तमाम सोसाइटियों को अग्निशमन विभाग द्वारा नोटिस जारी किया गया है. 35 हाई राइस सोसाइटीज के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में बाद दायर किया गया है."- राहुल पाल, मुख्य अग्निशमन अधिकारी गाजियाबाद
गाजियाबाद में अग्निशमन विभाग द्वारा समय-समय पर अस्पतालों, स्कूल, हाई राइज सोसाइटीज आदि का फायर ऑडिट किया जाता है. ऑडिट के दौरान अग्निशमन विभाग की टीम मौके पर जाकर फायर फाइटिंग इंतजाम को परखती है. ऑडिट के दौरान फायर पंप, वाटर टैंक, हाइड्रेटिंग सिस्टम, होजरील, स्प्रिंकलर सिस्टम आदि को चेक किया जाता है. ताकि आपात स्थिति में जरूरत पड़ने पर कोई समस्या उत्पन्न ना हो. ऑडिट के दौरान पाया गया कि हाई राइज बिल्डिंग और सोसाइटीज में फायर फाइटिंग उपकरण खराब हो चुके हैं या कई सालों से बदले नहीं गए हैं.
अधिकारियों के मुताबिक, ऑडिट के दौरान हाई राइज सोसाइटी के मेंटेनेंस स्टाफ को फायर फाइटिंग से संबंधित प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जाता है. साथ ही विभिन्न जागरूकता अभियानों के तहत निवासियों को भी जागरूक किया जाता है.
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