बाड़मेर. सावन का पावन महीना चल रहा है. इस अवसर पर आज हम आपको बाड़मेर के करीब 100 साल पुराने एक प्राचीन शिव मंदिर की रोचक जानकारी साझा कर रहे हैं. शहर के पुरानी सब्जी मंडी में स्थित इस मंदिर की अटूट आस्था है. आस्था है नि:संतान दंपतियों की. श्रद्धालुओं की माने तो सच्चे मन से यहां आने वाले निःसंतान दंपती को संतान सुख की प्राप्ति होती है. भगवान शिव भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं.
100 बरस पुराना मन्दिर : स्थानीय बुजुर्ग जगदीश सेन ने बताया कि यह बाड़मेर के प्राचीन मंदिरो में एक है. यह शिव मंदिर कम से कम 100 बरस पुराना है. उन्होंने अपने दादाजी और पिताजी से सुना था कि पहले कुएं के पास पेड़ के नीचे शिवलिंग व पास में शीतला माताजी की मूर्ति थी. वो लोग पूजा अर्चना करते थे. उस समय से आज तक लोगों की इस शिव मंदिर से आस्था जुड़ी हुई है. धीरे-धीरे करके सेठ लोगों ने मन्दिर का निर्माण करवाया.
संतान सुख की होती है प्राप्ति : उन्होंने बताया कि इस मंदिर में कई दंपती आते है जिनके कोई संतान नहीं है. सच्चे मन से यहां आने वाले निःसंतान दंपती को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही भक्तों की भगवान शिव हर मनोकामना पूरी करते है. यहां बड़ी संख्या में लोग दर्शन के लिए आते हैं. कई धार्मिक अनुष्ठान भी इस मंदिर में होते है.
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शीतला माता की मूर्तियां स्थापित : श्रद्धालु पुष्पेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि वह 15-20 सालों से इस मंदिर में नियमित रूप से भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं. ये मंदिर करीब 100 साल पुराना है. शहर से लेकर गांवों तक के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. इस मंदिर में शिव परिवार के साथ शीतला माताजी का मंदिर भी है. इस मंदिर में सावन के सोमवार को लोगों की भारी भीड़ उमड़ती है.
हर परेशानी का होता है निवारण : श्रद्धालु देव कुमार बताते हैं कि यह 100 साल पुराना मन्दिर है. लोगों की जो भी परेशानियां होती है, उनका यहां निवारण होता है. वह पिछले 30 सालों से इस मंदिर में आ रहे हैं. इस मन्दिर से उनकी आस्था जुड़ी हुई है. बता दें कि इस प्राचीन मंदिर को लेकर लोगों की अपनी-अपनी राय है. मन्दिर से श्रद्धालुओं की बड़ी आस्था जुड़ी हुई है. यही कारण है कि आम दिनों में भी बड़ी संख्या में लोग सुबह-शाम दर्शन के लिए यहां आते हैं.