जोधपुर: एम्स जोधपुर के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग ने पेरोरल एंडोस्कोपिक मायोटॉमी (पीओईएम) के 100 ऑपरेशन पूरा कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. यह एक्लेसिया के इलाज के लिए एक अत्याधुनिक प्रक्रिया है. यह प्रक्रिया वर्तमान में, राजस्थान में केवल एम्स जोधपुर और देशभर में केवल कुछ चुनिंदा केंद्रों पर ही उपलब्ध है.
गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉ आशीष अग्रवाल के अनुसार एक्लेसिया भोजन नली की एक दुर्लभ बीमारी है. जिसमें मरीज के लिए भोजन और तरल निगलना मुश्किल हो जाता है. ऐसा तब होता है जब भोजन नली के नीचले हिस्से में मांसपेशियां संकुचित हो जाती हैं. भोजन, नली में ही रहता है. पूर्व में इस परेशानी का इलाज दवाइयां और सर्जरी ही था. लेकिन अब पीओईएम बहुत कारगर साबित हो रही है. यह न्यूनतम इनवेसिव है, जिससे एक्लेसिया के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव किया है.
पढ़ें: 21 साल के बेटे ने दिया पिता को लिवर, एम्स जोधपुर में पहला सफल लाइव लिवर ट्रांसप्लांट
100 मरीजों को दी राहत: डा अग्रवाल ने बताया कि हमने 100 मरीजों को इस प्रक्रिया से ठीक कर राहत पहुंचाई है. इस एंडोस्कोपिक तकनीक के माध्यम से, डॉक्टर बिना किसी बाहरी चीरे के भोजन नली तक पहुंचने में सक्षम होते हैं और सिकुड़ी हुई मांसपेशियों को सावधानीपूर्वक लचीला कर दिया जाता है. इसके परिणामस्वरूप भोजन निगलने में तत्काल और महत्वपूर्ण सुधार होता है. पीओईएम तकनीक से मरीज की कम समय में रिकवरी होती है. उन्होंने इस उपलब्धि में सहयोग के संस्थान के निदेशक डॉ गोवर्धन दत्त पुरी और उपनिदेशक प्रशासन मनुमनीश गुप्ता का हार्दिक आभार व्यक्त किया.