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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए चलाई जाएंगी 100 ई-बसें

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए 100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जाएगा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 3 hours ago

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यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण सिंह (Etv Bharat)

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: नोएडा में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तैयारियों ने अब गति पकड़ ली है. यमुना प्राधिकरण ने घोषणा की है कि 15 नवंबर से इस एयरपोर्ट पर विमानों के ट्रायल उड़ानें शुरू होने वाली हैं. इसके मद्देनजर यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने 100 बसों के संचालन का निर्णय लिया है. इन बसों का संचालन पर्यावरण के प्रति सजगता दिखाते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा.

बसों का संचालन और रूट: यमुना प्राधिकरण द्वारा संचालित की जाने वाली ये 100 इलेक्ट्रिक बसें एयरपोर्ट तक पहुंच को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से चलाई जाएगी. इनमें से 50 बसें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई), परी चौक, बोटैनिकल गार्डन, गाजियाबाद, आईएसबीटी सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से जोड़ेंगी. वहीं, बाकी 50 बसें यमुना प्राधिकरण के विभिन्न सेक्टरों, जैसे सेक्टर 18, सेक्टर 20 और सेक्टर 22 डी, के बीच परिवहन की सुविधा प्रदान करेंगी.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ, डॉ. अरुण सिंह (ETV Bharat)

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण सिंह ने स्पष्ट किया कि ये बसें यात्री की कुशलता और सुविधा के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि भविष्य में कनेक्टिविटी को और बढ़ाने के उद्देश्य से 150 और बसें शामिल की जाएंगी, जिससे कुल बेड़ा 250 बसों का हो जाएगा.

यह भी पढ़ें- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इस तारीख से शुरू होगी उड़ान, टिकट बुकिंग भी जल्द

परिवहन तंत्र को मजबूत बनाना: सुविधाजनक और रैपिड परिवहन व्यवस्था स्थापित करने के लिए यमुना प्राधिकरण ने परिवहन अधिकारियों के साथ मिलकर रूट का निर्धारण किया है और इसकी रिपोर्ट मेरठ कमिश्नर को सौंपने की प्रक्रिया में है. यह निर्णय न केवल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है, बल्कि यह एयरपोर्ट के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

भविष्य की योजनाएं: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण और संचालन की चर्चा करते हुए बताया गया कि अप्रैल 2025 में इस एयरपोर्ट से उड़ाने शुरू होने की योजना है. इसके साथ ही एयरपोर्ट तक पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए रैपिड रेल, मेट्रो और ट्रांसिट रेल का प्रस्ताव भारत सरकार के पास भेजा जा चुका है. जैसे ही इस प्रस्ताव पर सहमति मिलेगी, एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी और भी अधिक सशक्त और सुविधाजनक होगी.

यह भी पढ़ें- इस तारीख से चालू हो जाएगा जेवर एयरपोर्ट, 30 नवंबर को होगा कमर्शियल ट्रायल

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: नोएडा में बन रहे इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तैयारियों ने अब गति पकड़ ली है. यमुना प्राधिकरण ने घोषणा की है कि 15 नवंबर से इस एयरपोर्ट पर विमानों के ट्रायल उड़ानें शुरू होने वाली हैं. इसके मद्देनजर यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए यमुना प्राधिकरण ने 100 बसों के संचालन का निर्णय लिया है. इन बसों का संचालन पर्यावरण के प्रति सजगता दिखाते हुए इलेक्ट्रिक वाहनों के रूप में किया जाएगा, जिससे पर्यावरण पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा.

बसों का संचालन और रूट: यमुना प्राधिकरण द्वारा संचालित की जाने वाली ये 100 इलेक्ट्रिक बसें एयरपोर्ट तक पहुंच को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से चलाई जाएगी. इनमें से 50 बसें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (आईजीआई), परी चौक, बोटैनिकल गार्डन, गाजियाबाद, आईएसबीटी सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से जोड़ेंगी. वहीं, बाकी 50 बसें यमुना प्राधिकरण के विभिन्न सेक्टरों, जैसे सेक्टर 18, सेक्टर 20 और सेक्टर 22 डी, के बीच परिवहन की सुविधा प्रदान करेंगी.

यमुना प्राधिकरण के सीईओ, डॉ. अरुण सिंह (ETV Bharat)

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुण सिंह ने स्पष्ट किया कि ये बसें यात्री की कुशलता और सुविधा के लिए विशेष रूप से डिजाइन की गई हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि भविष्य में कनेक्टिविटी को और बढ़ाने के उद्देश्य से 150 और बसें शामिल की जाएंगी, जिससे कुल बेड़ा 250 बसों का हो जाएगा.

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परिवहन तंत्र को मजबूत बनाना: सुविधाजनक और रैपिड परिवहन व्यवस्था स्थापित करने के लिए यमुना प्राधिकरण ने परिवहन अधिकारियों के साथ मिलकर रूट का निर्धारण किया है और इसकी रिपोर्ट मेरठ कमिश्नर को सौंपने की प्रक्रिया में है. यह निर्णय न केवल यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है, बल्कि यह एयरपोर्ट के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

भविष्य की योजनाएं: नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण और संचालन की चर्चा करते हुए बताया गया कि अप्रैल 2025 में इस एयरपोर्ट से उड़ाने शुरू होने की योजना है. इसके साथ ही एयरपोर्ट तक पहुंच को और बेहतर बनाने के लिए रैपिड रेल, मेट्रो और ट्रांसिट रेल का प्रस्ताव भारत सरकार के पास भेजा जा चुका है. जैसे ही इस प्रस्ताव पर सहमति मिलेगी, एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी और भी अधिक सशक्त और सुविधाजनक होगी.

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