अयोध्या: राम मंदिर समेत निर्माणाधीन 17 अन्य मंदिरों में प्रशिक्षित 20 पुजारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. पहले चरण में 10 अर्चकों को नियुक्ति दी जाएगी. मिली जानकारी के मुताबिक विवाह पंचमी से यह सभी अर्चक रामलला की पूजन अर्चन में अपनी सेवा प्रारंभ करेंगे. वहीं शेष अन्य अर्चकों को जनवरी के वार्षिक उत्सव के दौरान शामिल किया जा सकता है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने बीते दिनों हुई बैठक के दौरान अर्चकों को सशर्त नियुक्ति दिए जाने के लिए अपनी राय स्पष्ट कर दी थी. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक रोस्टर के मुताबिक ही सभी अर्चक विभिन्न मंदिरों में पूजन अर्चन करेंगे. इसके साथ ही किसी भी अपवित्रता की अवस्था में स्वयं मंदिर से बाहर रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक ट्रस्ट ने अर्चकों के लिए एक और नियम को शामिल किया है, जिसमें किसी भी प्रकार से ट्रस्ट के विरुद्ध कोई भी अर्चक किसी कार्य में लिप्त पाया जाता है तो उसे कार्य मुक्त कर दिया जाएगा. इन सभी नियमों को लेकर ट्रस्ट ने आवेदन फार्म के साथ शपथ पत्र भी जमा कराया है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पूजन व्यवस्था प्रभारी गोपाल जी राव ने बताया कि पुजारियों को नियुक्ति किए जाने को लेकर विचार कर लिया गया है. बीते शनिवार को अर्चकों के साथ बैठक कर इसकी पूरी जानकारी उन्हें दे दी गई है. इसके साथ ही एक आवेदन फार्म जमा कर लिया गया है.
5 दिसंबर मुख्यमंत्री करेंगे रामायण मेले का उद्घाटन: राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद सरयू तट पर आयोजित होने वाला रामायण मेला इस वर्ष राम भक्तों और धार्मिक क्षेत्र के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होगा, जिसका उद्घाटन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 5 दिसंबर को सुबह 10.30 बजे करेंगे. इस दौरान मुख्यमंत्री रामलीला और हनुमान गढ़ी पर भी दर्शन पूजन करेंगे.
राम नगरी अयोध्या में चार दिवसीय रामायण मेले का आयोजन होने जा रहा है. जिसमें विभिन्न आयोजनों के माध्यम से अवध की संस्कृति को सृजित किया जाएगा. वहीं संपन्न होने वाले हर कार्यक्रम में सनातन धर्म और आमजन के लिए एक सशक्त संदेश होगा. इस वर्ष रामायण मेले सुबह 10 से प्रारम्भ होगा. जिसके बाद सांस्कृतिक संध्या में रामायण की प्रस्तुति किया जाएंगा. इसी के साथ रामायण चित्र वीथिका की प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी. दूसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत राम विवाह के साथ ही अन्य प्रकार के लोक नृत्य प्रस्तुत किए जाएंगे.
रामायण मेले के संयोजक आशीष मिश्रा के मुताबिक अयोध्या सरयू तट पर स्थित राम कथा पार्क में आयोजित होने वाले इस रामायण मेले में रामायण के प्रसंगों पर आधारित भगवान के चरित्र को दर्शाया ही नहीं जाएगा, बल्कि विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों तक रामराज्य संदेश भी जाएगा.