लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की बड़ी पैथोलॉजी में गुरुवार को नमूनों की जांच करते वक्त प्रयोग किए फॉर्मेलीन से 10 जूनियर रेजीडेंट की हालत बिगड़ गई. आनन फानन में सभी को इलाज मुहैया कराया गया. केजीएमयू प्रशासन का कहना है एक जूनियर डॉक्टर को कुछ दिक्कत हुई थी. इलाज बाद हालत में सुधार है. बाकी जूनियर डॉक्टरों को पहले दिन से राहत मिल चुकी है.
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की बड़ी पैथोलॉजी में हिस्ट्रोपैथोलॉजी से जुड़ी जांच होती है. पैथोलॉजी में टिशू को फिक्स में रखने के लिए फार्मेलीन का प्रयोग होता है. हर दिन पैथोलॉजी में करीब 30 से अधिक नमूने जांच के लिए आते हैं. संस्थान में टिशू को सुरक्षित रखने के लिए नए बैच के फार्मेलीन की आपूर्ति हुई थी. पैथोलॉजी विभाग के 10 जूनियर डॉक्टर फार्मेलीन का प्रयोग करते वक्त उनकी हालत बिगड़ गई. किसी को आंख से धुधला दिखने लगा तो किसी का चेहरा झुलस गया था. एक-एक करके करीब 10 जूनियर रेजीडेंट को यह परेशानी हुई.
![केजीएमयू की पैथालाॅजी में रीएक्शन.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-05-2024/21431351_kgmu1.jpg)
मामले की जानकारी अधिकारियों को हुई तो आनन फानन में एक्शन लिया गया. सभी जूनियर रेजीडेंट को नेत्र रोग विभाग में इलाज के लिए भेजा गया. जहां इलाज के बाद सभी की हालत बेहतर बताई जा रही है. बहरहाल अधिकारियों ने उस बैच के फार्मेलीन के प्रयोग पर रोक लगाते हुए मामले की जांच के आदेश पहले ही दिए थे. प्रति कुलपति डॉ. अभिजीत कौर के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित हुई है. हालांकि 10 दिन से अधिक समय बीतने बाद भी जांच कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है.