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ओलंपिक में डिस्क्वालीफाई, विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा में किया क्वालीफाई, ऐसा रहा संघर्ष

Wrestler Vinesh phogat Election : हरियाणा के विधानसभा चुनाव में पूर्व भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने जीत हासिल कर ली है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Sports Team

Published : 4 hours ago

Updated : 3 hours ago

Vinesh Phogat
विनेश फोगाट (IANS PHOTO)

नई दिल्ली : पहलवानी छोड़कर राजनीति में आई पूर्व महिला रेसलर विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली है. इसके साथ ही ओलंपिक में जीतकर भी मेडल न हासिल करने वाली विनेश फोगाट की राजनीति में आधिकारिक एंट्री भी हो हई है. विनेश फोगाट को हरियाणा और जुलाना की जनता ने 5,961 वोटो से चुनकर विधानसभा भेजा है.

पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालीफाई होने के बाद विनेश फोगाट ने पहलवानी से संन्यास का ऐलान किया था. उसके बाद विनेश फोगाट कांग्रेस में शामिल हुई और पार्टी ने उनको जुलाना सीट से उम्मीदवार भी बनाया था.

जंतर-मंतर पर किया था संघर्ष
विनेश इससे पहले अपनी साथी खिलाड़ियों के साथ जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट से काफी दिनों तक चर्चा में रही थी. जहां, उन्होंने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला खिलाड़ियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जंतर मंतर पर उनका धरना काफी दिनों तक चला और देश में काफी चर्चा का विषय भी बना था.

53 से 50 किग्रा वर्ग में लड़ी थी विनेश
उसके बाद विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक की तैयारियां शुरू की और 53 किग्रा वर्ग में लडने वाली विनेश ने हार न मानते हुए 50 किग्रा वर्ग में लडने का फैसला किया. क्योंकि, उस वर्ग में में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 10 किग्रा वर्ग में फाइनल में जगह बनाई थी. हालांकि, वह फाइनल वाले दिन होने वाले वजन में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से डिस्क्वालीफाई कर दी गई.

उनके डिस्क्वालीफाई होने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने सीएएस में विनेश फोगाट को संयुक्त पदक दिलाने की गुहार लगाई थी. हालांकि, सीएएस ने सुनवाई के बाद उनकी अपील को खारिज कर दिया था. सीएएस के अपील खारिज करने के साथ ही विनेश फोगाट का ओलंपिक में पदक जीतने का सपना भी अधूरा रह गया.

पदक जीतने का सपना रहा अधूरा
विनेश फोगाट ने जैसे ही सेमीफाइनल में जीत हासिल की वैसे ही उनका सिल्वर पदक पक्का हो गया था और पूरा देश इस जीत का जश्न मना रहा था. उसके बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरा देश स्तब्ध रह गया. ऐसा लगा मानों विनेश फोगाट की किस्मत में ओलंपिक का गोल्ड मेडल ही नहीं है. इस घटना से न सिर्फ विनेश फोगाट टूटी बल्कि, पूरा देश स्तब्ध रह गया. विनेश ने तो इसके बाद इतनी टूट गई कि उन्होंने पेरिस से ही पहलवानी से संन्यास का ऐलान कर दिया.

भारत में हुआ था जोरदार स्वागत
17 अक्टूबर को सीएएस के फैसले के बाद विनेश फोगाट भारत लौटी, भारत लौटने पर विनेश का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उनके घर तक जोरदार स्वागत किया गया. वह अपने घर में भारी भीड़, फूल मालाओं और मान सम्मान के साथ तीन में लौटी. उन्हें बीच- बीच में खाप पंचायत और समाज के लोगों ने खूब मेडल पहनाए.

हरियाणा की जनता ने किया क्वालीफाई
विनेश की इस प्रसिद्धि को देखते हुए कांग्रेस ने उनको जुलाना से टिकट देने का फैसला किया. विनेश कांग्रेस में शामिल हुई और उसके बाद उन्होंने जी तोड़ मेहनत के साथ अपने क्षेत्र में प्रचार किया. विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से तो डिस्क्वालीफाई हुई लेकिन जुलाना और हरियाणा की जनता ने विनेश को राजनीति में क्वालीफाई कर दिया.

यह भी पढ़ें - विनेश फोगाट ने पीएम मोदी से फोन पर बात करने से किया था इंकार, बोली- 'देश छोड़ने का था मन'

नई दिल्ली : पहलवानी छोड़कर राजनीति में आई पूर्व महिला रेसलर विनेश फोगाट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर ली है. इसके साथ ही ओलंपिक में जीतकर भी मेडल न हासिल करने वाली विनेश फोगाट की राजनीति में आधिकारिक एंट्री भी हो हई है. विनेश फोगाट को हरियाणा और जुलाना की जनता ने 5,961 वोटो से चुनकर विधानसभा भेजा है.

पेरिस ओलंपिक में डिस्क्वालीफाई होने के बाद विनेश फोगाट ने पहलवानी से संन्यास का ऐलान किया था. उसके बाद विनेश फोगाट कांग्रेस में शामिल हुई और पार्टी ने उनको जुलाना सीट से उम्मीदवार भी बनाया था.

जंतर-मंतर पर किया था संघर्ष
विनेश इससे पहले अपनी साथी खिलाड़ियों के साथ जंतर मंतर पर प्रोटेस्ट से काफी दिनों तक चर्चा में रही थी. जहां, उन्होंने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला खिलाड़ियों पर यौन शोषण का आरोप लगाया था. जंतर मंतर पर उनका धरना काफी दिनों तक चला और देश में काफी चर्चा का विषय भी बना था.

53 से 50 किग्रा वर्ग में लड़ी थी विनेश
उसके बाद विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक की तैयारियां शुरू की और 53 किग्रा वर्ग में लडने वाली विनेश ने हार न मानते हुए 50 किग्रा वर्ग में लडने का फैसला किया. क्योंकि, उस वर्ग में में धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए 10 किग्रा वर्ग में फाइनल में जगह बनाई थी. हालांकि, वह फाइनल वाले दिन होने वाले वजन में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से डिस्क्वालीफाई कर दी गई.

उनके डिस्क्वालीफाई होने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने सीएएस में विनेश फोगाट को संयुक्त पदक दिलाने की गुहार लगाई थी. हालांकि, सीएएस ने सुनवाई के बाद उनकी अपील को खारिज कर दिया था. सीएएस के अपील खारिज करने के साथ ही विनेश फोगाट का ओलंपिक में पदक जीतने का सपना भी अधूरा रह गया.

पदक जीतने का सपना रहा अधूरा
विनेश फोगाट ने जैसे ही सेमीफाइनल में जीत हासिल की वैसे ही उनका सिल्वर पदक पक्का हो गया था और पूरा देश इस जीत का जश्न मना रहा था. उसके बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरा देश स्तब्ध रह गया. ऐसा लगा मानों विनेश फोगाट की किस्मत में ओलंपिक का गोल्ड मेडल ही नहीं है. इस घटना से न सिर्फ विनेश फोगाट टूटी बल्कि, पूरा देश स्तब्ध रह गया. विनेश ने तो इसके बाद इतनी टूट गई कि उन्होंने पेरिस से ही पहलवानी से संन्यास का ऐलान कर दिया.

भारत में हुआ था जोरदार स्वागत
17 अक्टूबर को सीएएस के फैसले के बाद विनेश फोगाट भारत लौटी, भारत लौटने पर विनेश का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उनके घर तक जोरदार स्वागत किया गया. वह अपने घर में भारी भीड़, फूल मालाओं और मान सम्मान के साथ तीन में लौटी. उन्हें बीच- बीच में खाप पंचायत और समाज के लोगों ने खूब मेडल पहनाए.

हरियाणा की जनता ने किया क्वालीफाई
विनेश की इस प्रसिद्धि को देखते हुए कांग्रेस ने उनको जुलाना से टिकट देने का फैसला किया. विनेश कांग्रेस में शामिल हुई और उसके बाद उन्होंने जी तोड़ मेहनत के साथ अपने क्षेत्र में प्रचार किया. विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक से तो डिस्क्वालीफाई हुई लेकिन जुलाना और हरियाणा की जनता ने विनेश को राजनीति में क्वालीफाई कर दिया.

यह भी पढ़ें - विनेश फोगाट ने पीएम मोदी से फोन पर बात करने से किया था इंकार, बोली- 'देश छोड़ने का था मन'
Last Updated : 3 hours ago
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