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यूरोपीय देशों में क्यों ज्यादा पसंद किया जाता है फुटबॉल, क्रिकेट को इसलिए नही मिली प्राथमिकता, जानिए वजह ? - Why Cricket Not Popular In Europe

क्रिकेट आज दुनिया भर में दूसरे सबसे लोकप्रिय खेल के रूप में मौजूद है. क्रिकेट का जन्म इंग्लैंड में हुआ. लेकिन क्रिकेट अब जाकर यूरोपीय देशों का ध्यान आकर्षित कर रहा है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि इंग्लैंड के अलावा यूरोप की कोई भी मजबूत टीम क्रिकेट में क्यों नहीं है जो भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों को हरा सके. तो आइए इसकी वजह जानते हैं.

England and Netherlands cricket teams
इंग्लैंड और नीदरलैंड क्रिकेट टीम (IANS PHOTO)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 31, 2024, 8:36 PM IST

नई दिल्ली: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसका जन्मदाता अंग्रेजों को माना जाता है. इंग्लैंड के बाद भारत, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस खेल को पूरे तरीके से अपना बना लिया और इतिहास रचते हुए कई कीर्तिमान स्थापित किए. लेकिन यूरोप में इसे ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिल पाई. इसके पीछे वहां का इतिहास, संस्कृति और खेल की प्रकृति है.

यूरोपीय देशों में क्यों नहीं फला-फूला क्रिकेट ?
क्रिकेट उन देशों में फला-फूला जहां अंग्रेजों ने लंबे समय तक शासन किया. ब्रिटिश प्रशासक अपना खाली समय क्रिकेट खेलने में बिताते थे और स्थानीय लोगों ने न केवल इस खेल को पसंद किया बल्कि इसे अपनाया भी. लेकिन यूरोपीय देशों में ऐसा नहीं था. यहां पर क्रिकेट कभी फला-फूला नहीं और फुटबॉल जैसी लोकप्रियता नहीं पा सका.

England cricket teams
इंग्लैंड क्रिकेट टीम (IANS PHOTO)

महंगा खेल होने के चलते क्रिकेट को नहीं किया गया पसंद ?
क्रिकेट को यूरोप में एक श्रेष्ठ खेल के रूप में मान्यता दी गई थी क्योंकि इसे सबसे महंगे खेलों में से एक माना जाता था. हालांकि यह 19वीं सदी में इटली और जर्मनी जैसे देशों में खेला जाता था, लेकिन यह आम लोगों का ध्यान खींचने में विफल रहा था. विश्व युद्धों के बाद क्रिकेट को अमीरों के मनोरंजन के रूप में देखा जाने लगा और अंततः यह मध्यम वर्ग से अलग हो गया. फुटबॉल अपनी सरलता के साथ महाद्वीप में पसंदीदा खेल बन गया क्योंकि लोगों को इसे खेलने के लिए सिर्फ एक गेंद की जरूरत थी जबकि क्रिकेट के लिए बल्ला, गेंद और स्टंप की जरूरत पड़ती थी.

England cricket teams
इंग्लैंड क्रिकेट टीम (IANS PHOTO)

फुटबॉल ने छीनी क्रिकेट की लोकप्रियता
जब क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुआ तो केवल एक ही प्रारूप था और वो था टेस्ट क्रिकेट. इस फॉर्मेट में क्रिकेट की धीमी गति भी इसके खिलाफ काम करती रही. जैसे-जैसे यूरोप में महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हुए, लोगों ने तेज, ज्यादा रोमांचक खेलों को प्राथमिकता दी. क्रिकेट अपने लंबे मैचों के साथ, फुटबॉल द्वारा पेश किए जाने वाले तेज रोमांच का मुकाबला नहीं कर सका और यूरोप में पीछे रह गया.

क्या मौसम भी बना क्रिकेट का दुश्मन ?
आखिरकार, यूरोप का मौसम भी मदद नहीं कर पाया. यूरोप के कई हिस्सों में ठंडी, गीली जलवायु क्रिकेट के लिए आदर्श नहीं है. क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जो गर्म, शुष्क परिस्थितियों में पनपता है. इससे क्रिकेट के लिए इन देशों में अपनी मजबूत उपस्थिति स्थापित करना मुश्किल हो गया.

Netherlands cricket teams
नीदरलैंड क्रिकेट टीम (IANS PHOTO)

हालांकि हाल के दिनों में स्कॉटलैंड, नीदरलैंड और आयरलैंड सहित कुछ देश हैं, जो लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के दरवाजे खटखटा रहे हैं और विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में यूरोपीय देशों में क्रिकेट का भविष्य बेहतर होने की उम्मीद है.

ये खबर भी पढ़ें : कौन है मॉडर्न क्रिकेट का बेस्ट फील्डर, अफ्रीकाई दिग्गज ने किया इस स्टार भारतीय के नाम का खुलासा

नई दिल्ली: क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसका जन्मदाता अंग्रेजों को माना जाता है. इंग्लैंड के बाद भारत, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस खेल को पूरे तरीके से अपना बना लिया और इतिहास रचते हुए कई कीर्तिमान स्थापित किए. लेकिन यूरोप में इसे ज्यादा लोकप्रियता नहीं मिल पाई. इसके पीछे वहां का इतिहास, संस्कृति और खेल की प्रकृति है.

यूरोपीय देशों में क्यों नहीं फला-फूला क्रिकेट ?
क्रिकेट उन देशों में फला-फूला जहां अंग्रेजों ने लंबे समय तक शासन किया. ब्रिटिश प्रशासक अपना खाली समय क्रिकेट खेलने में बिताते थे और स्थानीय लोगों ने न केवल इस खेल को पसंद किया बल्कि इसे अपनाया भी. लेकिन यूरोपीय देशों में ऐसा नहीं था. यहां पर क्रिकेट कभी फला-फूला नहीं और फुटबॉल जैसी लोकप्रियता नहीं पा सका.

England cricket teams
इंग्लैंड क्रिकेट टीम (IANS PHOTO)

महंगा खेल होने के चलते क्रिकेट को नहीं किया गया पसंद ?
क्रिकेट को यूरोप में एक श्रेष्ठ खेल के रूप में मान्यता दी गई थी क्योंकि इसे सबसे महंगे खेलों में से एक माना जाता था. हालांकि यह 19वीं सदी में इटली और जर्मनी जैसे देशों में खेला जाता था, लेकिन यह आम लोगों का ध्यान खींचने में विफल रहा था. विश्व युद्धों के बाद क्रिकेट को अमीरों के मनोरंजन के रूप में देखा जाने लगा और अंततः यह मध्यम वर्ग से अलग हो गया. फुटबॉल अपनी सरलता के साथ महाद्वीप में पसंदीदा खेल बन गया क्योंकि लोगों को इसे खेलने के लिए सिर्फ एक गेंद की जरूरत थी जबकि क्रिकेट के लिए बल्ला, गेंद और स्टंप की जरूरत पड़ती थी.

England cricket teams
इंग्लैंड क्रिकेट टीम (IANS PHOTO)

फुटबॉल ने छीनी क्रिकेट की लोकप्रियता
जब क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुआ तो केवल एक ही प्रारूप था और वो था टेस्ट क्रिकेट. इस फॉर्मेट में क्रिकेट की धीमी गति भी इसके खिलाफ काम करती रही. जैसे-जैसे यूरोप में महत्वपूर्ण सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हुए, लोगों ने तेज, ज्यादा रोमांचक खेलों को प्राथमिकता दी. क्रिकेट अपने लंबे मैचों के साथ, फुटबॉल द्वारा पेश किए जाने वाले तेज रोमांच का मुकाबला नहीं कर सका और यूरोप में पीछे रह गया.

क्या मौसम भी बना क्रिकेट का दुश्मन ?
आखिरकार, यूरोप का मौसम भी मदद नहीं कर पाया. यूरोप के कई हिस्सों में ठंडी, गीली जलवायु क्रिकेट के लिए आदर्श नहीं है. क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जो गर्म, शुष्क परिस्थितियों में पनपता है. इससे क्रिकेट के लिए इन देशों में अपनी मजबूत उपस्थिति स्थापित करना मुश्किल हो गया.

Netherlands cricket teams
नीदरलैंड क्रिकेट टीम (IANS PHOTO)

हालांकि हाल के दिनों में स्कॉटलैंड, नीदरलैंड और आयरलैंड सहित कुछ देश हैं, जो लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के दरवाजे खटखटा रहे हैं और विश्व कप जैसे टूर्नामेंट में भाग ले रहे हैं. ऐसे में आने वाले समय में यूरोपीय देशों में क्रिकेट का भविष्य बेहतर होने की उम्मीद है.

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