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कौन हैं भारत को गोल्ड मेडल दिलाने वाले नितेश कुमार ? जानिए उनके जीवन का संघर्ष और खास उपलब्धियां - Paris Paralympics 2024 - PARIS PARALYMPICS 2024

Nitesh Kumar: भारत के शटलर नितेश कुमार पैरालिंपिक में बैडमिंटन प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए, जब उन्होंने सोमवार को रोमांचक पुरुष एकल एसएल 3 बैडमिंटन फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को 2-1 से हराया.

nitesh kumar
नितेश कुमार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Sep 2, 2024, 9:03 PM IST

नई दिल्ली: भारत के नितेश कुमार ने पुरुष एकल SL3 बैडमिंटन फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर पैरालिंपिक में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता है. हरियाणा के 29 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने डिफेंस में शानदार प्रदर्शन किया और अपने शॉट सिलेक्शन में भी कमाल दिखाया. उन्होंने टोक्यो के रजत पदक विजेता बेथेल को एक घंटे 20 मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले में 21-14, 18-21, 23-21 से हराया. आज हम आपको उनके जीवन के बारे में बताने वाले हैं.

इंजीनियर थे नितेश फिर बने एथलीट
नितेश कुमार वर्तमान में पुरुष एकल SL3 श्रेणी में विश्व में नंबर 1 रैंक पर हैं. आईआईटी-मंडी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ, उन्होंने शिक्षा और खेल में उत्कृष्टता हासिल की है. नितेश का खेल जगत में सफर बचपन में ही शुरू हो गया था, जब उनमें फुटबॉल के प्रति जुनून पैदा हुआ. हालांकि, 2009 में विजाग में एक दुर्घटना के दौरान एक जीवन-परिवर्तनकारी घटना घटी, जिसके कारण उन्हें कई महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा और पैर में स्थायी क्षति हुई.

कैसे हुआ नितेश को बैडमिंटन से प्यार
इस झटके के बावजूद खेलों में उनकी रुचि बनी रही खासकर आईआईटी-मंडी में अपने समय के दौरान जहां उन्हें बैडमिंटन के प्रति एक नया आकर्षण मिला. अगले वर्षों में नितेश ने बैडमिंटन कोर्ट पर अपने कौशल को निखारा अक्सर अपनी पढ़ाई से ब्रेक के दौरान सक्षम साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा की. पैरास्पोर्ट्स से उनका परिचय विकलांग व्यक्तियों के लिए आयोजित एक सम्मेलन के माध्यम से हुआ, जिसने खेल जगत में उनके लिए नए रास्ते खोले.

2016 में नितेश ने फरीदाबाद में पैरा नेशनल्स में हरियाणा टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाया, जो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में उनका पहला कदम था. उनका प्रदर्शन उम्मीदों से बढ़कर रहा, जिससे उन्हें कांस्य पदक मिला. इसके बाद का साल 2017, नितेश के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने बेंगलुरु में एकल में रजत और युगल स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता, जिससे पैरा-बैडमिंटन क्षेत्र में उनकी उपस्थिति और मजबूत हुई.

नितेश की घरेलू सफलता का शिखर 2020 के राष्ट्रीय खेलों में आया, जहां उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक पदक विजेता प्रमोद और मनोज को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया. राष्ट्रीय पुरस्कारों से परे नितेश ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. विभिन्न टूर्नामेंटों में कई पदक जीते हैं और अब वह पैरालंपिक में पदार्पण के लिए तैयार हैं.

नितेश कुमार की उपलब्धियां

  • एशियाई पैरा गेम्स (2022) - पुरुष युगल में स्वर्ण पदक
  • एशियाई पैरा गेम्स (2022) - पुरुष एकल में रजत पदक
  • एशियाई पैरा गेम्स (2022) - XD में कांस्य पदक
  • एशियाई पैरा गेम्स (2018) - MD में कांस्य पदक
  • विश्व चैम्पियनशिप (2024) - MS में कांस्य पदक
  • विश्व चैम्पियनशिप (2022) - MS में रजत पदक
  • विश्व चैम्पियनशिप (2019) - MD में रजत पदक
ये खबर भी पढ़ें : नितेश कुमार ने गोल्ड जीतकर रचा इतिहास, पैरालंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले बने पहले शटलर

नई दिल्ली: भारत के नितेश कुमार ने पुरुष एकल SL3 बैडमिंटन फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर पैरालिंपिक में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता है. हरियाणा के 29 वर्षीय खिलाड़ी ने अपने डिफेंस में शानदार प्रदर्शन किया और अपने शॉट सिलेक्शन में भी कमाल दिखाया. उन्होंने टोक्यो के रजत पदक विजेता बेथेल को एक घंटे 20 मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले में 21-14, 18-21, 23-21 से हराया. आज हम आपको उनके जीवन के बारे में बताने वाले हैं.

इंजीनियर थे नितेश फिर बने एथलीट
नितेश कुमार वर्तमान में पुरुष एकल SL3 श्रेणी में विश्व में नंबर 1 रैंक पर हैं. आईआईटी-मंडी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री के साथ, उन्होंने शिक्षा और खेल में उत्कृष्टता हासिल की है. नितेश का खेल जगत में सफर बचपन में ही शुरू हो गया था, जब उनमें फुटबॉल के प्रति जुनून पैदा हुआ. हालांकि, 2009 में विजाग में एक दुर्घटना के दौरान एक जीवन-परिवर्तनकारी घटना घटी, जिसके कारण उन्हें कई महीनों तक बिस्तर पर रहना पड़ा और पैर में स्थायी क्षति हुई.

कैसे हुआ नितेश को बैडमिंटन से प्यार
इस झटके के बावजूद खेलों में उनकी रुचि बनी रही खासकर आईआईटी-मंडी में अपने समय के दौरान जहां उन्हें बैडमिंटन के प्रति एक नया आकर्षण मिला. अगले वर्षों में नितेश ने बैडमिंटन कोर्ट पर अपने कौशल को निखारा अक्सर अपनी पढ़ाई से ब्रेक के दौरान सक्षम साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा की. पैरास्पोर्ट्स से उनका परिचय विकलांग व्यक्तियों के लिए आयोजित एक सम्मेलन के माध्यम से हुआ, जिसने खेल जगत में उनके लिए नए रास्ते खोले.

2016 में नितेश ने फरीदाबाद में पैरा नेशनल्स में हरियाणा टीम का प्रतिनिधित्व करने का मौका पाया, जो राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में उनका पहला कदम था. उनका प्रदर्शन उम्मीदों से बढ़कर रहा, जिससे उन्हें कांस्य पदक मिला. इसके बाद का साल 2017, नितेश के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि उन्होंने बेंगलुरु में एकल में रजत और युगल स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता, जिससे पैरा-बैडमिंटन क्षेत्र में उनकी उपस्थिति और मजबूत हुई.

नितेश की घरेलू सफलता का शिखर 2020 के राष्ट्रीय खेलों में आया, जहां उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक पदक विजेता प्रमोद और मनोज को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया. राष्ट्रीय पुरस्कारों से परे नितेश ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. विभिन्न टूर्नामेंटों में कई पदक जीते हैं और अब वह पैरालंपिक में पदार्पण के लिए तैयार हैं.

नितेश कुमार की उपलब्धियां

  • एशियाई पैरा गेम्स (2022) - पुरुष युगल में स्वर्ण पदक
  • एशियाई पैरा गेम्स (2022) - पुरुष एकल में रजत पदक
  • एशियाई पैरा गेम्स (2022) - XD में कांस्य पदक
  • एशियाई पैरा गेम्स (2018) - MD में कांस्य पदक
  • विश्व चैम्पियनशिप (2024) - MS में कांस्य पदक
  • विश्व चैम्पियनशिप (2022) - MS में रजत पदक
  • विश्व चैम्पियनशिप (2019) - MD में रजत पदक
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