नई दिल्ली : महिला पहलवान विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बृजभूषण शरण सिंह जैसे लोगों को खेलों से बाहर करने का आग्रह करते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को प्रशासनिक अधिकार सौंपने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की कड़ी निंदा की.
इन दोनों पहलवानों ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपनी पोस्ट में कड़े शब्दों का उपयोग किया है तथा प्रधानमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है. यह दोनों उन प्रदर्शनकारी पहलवानों में शामिल थीं जिन्होंने बृजभूषण पर महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था.
अगले महीने 50 किग्रा भार वर्ग में ओलंपिक क्वालीफायर्स में भाग लेने की तैयारी में जुटी फोगाट ने पोस्ट किया, 'प्रधानमंत्री जी स्पिन मास्टर हैं, अपने प्रतिद्विंदियों के भाषणों का जवाब देने के लिए 'महिला शक्ति' का नाम लेकर बात को घुमाना जानते हैं. नरेंद्र मोदी जी, हम महिला शक्ति की असल सच्चाई भी जान लीजिए'.
एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता ने आगे लिखा, 'महिला पहलवानों का शोषण करने वाला बृजभूषण फिर से कुश्ती पर काबिज हो गया है. उम्मीद है कि आप महिलाओं को बस ढाल बनाकर इस्तेमाल नहीं करेंगे, बल्कि देश की खेल संस्थाओं से ऐसे अत्याचारियों को बाहर करने के लिए भी कुछ करेंगे'.
ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने भी कहा की कुश्ती महासंघ के पदाधिकारी ऐसा व्यवहार कर रहे हैं जैसे वे कानून से ऊपर हैं.
साक्षी ने लिखा, 'इतिहास गवाह है (कि) इस देश की धरती पर सदियों से ताकतवर लोगों ने महिलाओं के सम्मान के साथ खिलवाड़ किया है. लेकिन संपन्न दुराचारी इतना ताकतवर है कि वो सरकार, संविधान और न्यायपालिका सबसे ऊपर है'.
उन्होंने कहा, 'सरकार द्वारा कुश्ती संघ को निलंबित करने के बाद बृजभूषण व संजय सिंह लगातार ये बयान देते रहे कि ये निलंबन सिर्फ़ एक दिखावा है, कुछ दिन बाद हम बहाल हो जायेंगे और सदा के लिये हमारा ही कुश्ती संघ पर कब्जा रहेगा'.
साक्षी ने कहा, 'ये बात सच साबित हुई और भारतीय ओलंपिक संघ के इस लेटर (पत्र) ने इस बात पर आधिकारिक रूप से मुहर लगाकर ये साबित कर दिया कि इस नये भारत में भी नारियों के अपमान की सदियों पुरानी परंपरा क़ायम रहेगी'.
इन दोनों महिला पहलवान की यह कड़ी प्रतिक्रिया भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा देश में कुश्ती का संचालन करने वाली तदर्थ समिति को भंग करने और बृजभूषण के करीबी सहयोगी संजय सिंह के नेतृत्व में डब्ल्यूएफआई को बागडोर सौंपने के एक दिन बाद आई है.
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