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विनेश ने WFI अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप- 'मुझे ओलंपिक खेलने से रोकना चाहते हैं, डोपिंग में फंसाने की साजिश' - Vinesh Phogat

29 वर्षीय विनेश फोगाट के अनुसार, जिन्होंने 2018 एशियाई खेलों (50 किग्रा में) में स्वर्ण के अलावा 2019 और 2022 विश्व चैंपियनशिप में 53 किग्रा में कांस्य पदक जीते और अगले सप्ताह बिश्केक, किर्गिस्तान में एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में 50 किग्रा वर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करने पर नजर गड़ाए हुए हैं ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि बृज भूषण और संजय सिंह उसका करियर बर्बाद करने पर तुले हैं.

Vinesh Phogat Accused WFI chief
Vinesh Phogat Accused WFI chief
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By PTI

Published : Apr 12, 2024, 3:52 PM IST

नई दिल्ली : पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ उनके सहयोगी स्टाफ को मान्यता पत्र जारी नहीं करके उन्हें हर हालत में ओलंपिक खेलने से रोकना चाहता है जबकि महासंघ का दावा है कि समय सीमा खत्म होने के बाद उसने आवेदन किया था.

विनेश ने अपने खिलाफ डोपिंग की साजिश रचे जाने की भी आशंका जताई. 29 वर्ष की विनेश ने 2019 और 2022 विश्व चैम्पियनशिप में 53 किलो में कांस्य और 2018 एशियाई खेलों में 50 किलो में स्वर्ण पदक जीता था. वह अगले सप्ताह किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाले एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये 50 किलो में ओलंपिक कोटा हासिल करना चाहती है.

पटियाला में चयन ट्रायल में उन्होंने 53 किलो में भी भाग लिया था लेकिन सेमीफाइनल में हार गई थी.

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने कहा कि कोच और फिजियो को मान्यता पत्र जारी करने के लिये विनेश का ईमेल 18 मार्च को मिला लेकिन तब तक युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को खिलाड़ियों, कोचों और मेडिकल स्टाफ की सूची भेजी जा चुकी थी. रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 11 मार्च थी.

एक अधिकारी ने कहा कि महासंघ ने 15 मार्च को प्रविष्टियां भेजी क्योंकि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने उसके अनुरोध पर कुछ दिन की रियायत दी थी. यह रियायत इसलिये मांगी गई थी क्योंकि समय सीमा खत्म होने के आखिरी दिन ही ट्रायल पूरे हुए थे.

विनेश ने एक्स पर लंबी पोस्ट में लिखा, 'बृजभूषण और उसके द्वारा बिठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीके से प्रयास कर रहे हैं कि कैसे मुझे ओलंपिक में खेलने से रोका जा सके. जो टीम के साथ कोच लगाये गए हैं, वे सभी बृजभूषण और उसकी टीम के चहेते हैं तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मेरे पानी में कुछ मिला कर पिला दें'.

उन्होंने कहा, 'अगर मैं ऐसा कहूं कि मुझे डोप में फंसाने की साजिश हो सकती है तो गलत नहीं होगा. हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. इतनी महत्वपूर्ण स्पर्धा से पहले हमारे साथ ऐसे मानसिक उत्पीड़न कहां तक जायज है'.

विनेश ने कहा, '19 अप्रैल को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर शुरू हो रहा है. मैं लगातार एक महीने से भारत सरकार ( साइ , टॉप्स) सभी से मेरे कोच और फिजियो की मान्यता के लिये अनुरोध कर रही हूं. मान्यता पत्र के बिना मेरे कोच और फिजियो प्रतिस्पर्धा परिसर में मेरे साथ नहीं जा सकते लेकिन बारंबार अनुरोध के बावजूद ठोस जवाब नहीं मिल रहा है. कोई भी मदद को तैयार नहीं है. क्या हमेशा ऐसे ही खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेला जाता रहेगा'.

डब्ल्यूएफआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि विनेश के निजी कोच और फिजियो के साथ जाने में उन्हें कोई ऐतराज नहीं है लेकिन प्रविष्टियां भेजने की समय सीमा निकल जाने के कारण अब उसे यूडब्ल्यूडब्ल्यू से खुद मान्यता पत्र लेना होगा.

डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप 2019 के रजत पदक विजेता दीपक पूनिया ने भी निजी कोच ले जाने का अनुरोध किया था. इसी तरह ग्रीको रोमन कोच अनिल पंडित के लिये भी अनुरोध मिला था.

विनेश ने लिखा,'क्या अब देश के लिये खेलने जाने से पहले भी हमारे साथ राजनीति क्योंकि क्योकि हमने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई. क्या हमारे देश में गलत के खिलाफ आवाज उठाने की यही सजा है. उम्मीद है कि देश के लिये खेलने जाने से पहले तो हमें न्याय मिलेगा'.

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नई दिल्ली : पहलवान विनेश फोगाट ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ उनके सहयोगी स्टाफ को मान्यता पत्र जारी नहीं करके उन्हें हर हालत में ओलंपिक खेलने से रोकना चाहता है जबकि महासंघ का दावा है कि समय सीमा खत्म होने के बाद उसने आवेदन किया था.

विनेश ने अपने खिलाफ डोपिंग की साजिश रचे जाने की भी आशंका जताई. 29 वर्ष की विनेश ने 2019 और 2022 विश्व चैम्पियनशिप में 53 किलो में कांस्य और 2018 एशियाई खेलों में 50 किलो में स्वर्ण पदक जीता था. वह अगले सप्ताह किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाले एशियाई क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के जरिये 50 किलो में ओलंपिक कोटा हासिल करना चाहती है.

पटियाला में चयन ट्रायल में उन्होंने 53 किलो में भी भाग लिया था लेकिन सेमीफाइनल में हार गई थी.

भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने कहा कि कोच और फिजियो को मान्यता पत्र जारी करने के लिये विनेश का ईमेल 18 मार्च को मिला लेकिन तब तक युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग को खिलाड़ियों, कोचों और मेडिकल स्टाफ की सूची भेजी जा चुकी थी. रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 11 मार्च थी.

एक अधिकारी ने कहा कि महासंघ ने 15 मार्च को प्रविष्टियां भेजी क्योंकि यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने उसके अनुरोध पर कुछ दिन की रियायत दी थी. यह रियायत इसलिये मांगी गई थी क्योंकि समय सीमा खत्म होने के आखिरी दिन ही ट्रायल पूरे हुए थे.

विनेश ने एक्स पर लंबी पोस्ट में लिखा, 'बृजभूषण और उसके द्वारा बिठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीके से प्रयास कर रहे हैं कि कैसे मुझे ओलंपिक में खेलने से रोका जा सके. जो टीम के साथ कोच लगाये गए हैं, वे सभी बृजभूषण और उसकी टीम के चहेते हैं तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मेरे पानी में कुछ मिला कर पिला दें'.

उन्होंने कहा, 'अगर मैं ऐसा कहूं कि मुझे डोप में फंसाने की साजिश हो सकती है तो गलत नहीं होगा. हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही. इतनी महत्वपूर्ण स्पर्धा से पहले हमारे साथ ऐसे मानसिक उत्पीड़न कहां तक जायज है'.

विनेश ने कहा, '19 अप्रैल को एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर शुरू हो रहा है. मैं लगातार एक महीने से भारत सरकार ( साइ , टॉप्स) सभी से मेरे कोच और फिजियो की मान्यता के लिये अनुरोध कर रही हूं. मान्यता पत्र के बिना मेरे कोच और फिजियो प्रतिस्पर्धा परिसर में मेरे साथ नहीं जा सकते लेकिन बारंबार अनुरोध के बावजूद ठोस जवाब नहीं मिल रहा है. कोई भी मदद को तैयार नहीं है. क्या हमेशा ऐसे ही खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खेला जाता रहेगा'.

डब्ल्यूएफआई के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा कि विनेश के निजी कोच और फिजियो के साथ जाने में उन्हें कोई ऐतराज नहीं है लेकिन प्रविष्टियां भेजने की समय सीमा निकल जाने के कारण अब उसे यूडब्ल्यूडब्ल्यू से खुद मान्यता पत्र लेना होगा.

डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने कहा कि विश्व चैम्पियनशिप 2019 के रजत पदक विजेता दीपक पूनिया ने भी निजी कोच ले जाने का अनुरोध किया था. इसी तरह ग्रीको रोमन कोच अनिल पंडित के लिये भी अनुरोध मिला था.

विनेश ने लिखा,'क्या अब देश के लिये खेलने जाने से पहले भी हमारे साथ राजनीति क्योंकि क्योकि हमने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई. क्या हमारे देश में गलत के खिलाफ आवाज उठाने की यही सजा है. उम्मीद है कि देश के लिये खेलने जाने से पहले तो हमें न्याय मिलेगा'.

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