रामनगर: उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के लक्ष्य सेन ने ओलंपिक बैडमिंटन में क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीत कर सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. इसके साथ ही लक्ष्य सेन ओलंपिक में बैडमिंटन के सेमीफाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय शटलर खिलाड़ी बन गए हैं. लक्ष्य सेन की इस उपलब्धि से अल्मोड़ा में जश्न का माहौल है.
बता दें मूल रूप से अल्मोड़ा के बदरेश्वर वार्ड निवासी डीके सेन के पुत्र लक्ष्य सेन ने ओलंपिक बैडमिंटन में क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीत कर सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है. इस उपलब्धि के बाद लक्ष्य सेन पहले भारतीय शटलर खिलाड़ी बन गए हैं जो ओलंपिक में बैडमिंटन के सेमीफाइनल में पहुंचे हैं. इससे पहले भी उन्होंने स्पेन में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, दिल्ली में हुए इंडिया ओपन में गोल्ड मेडल, जर्मन ओपन में सिल्वर मेडल, ऑल इंग्लैंड टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल, थॉमस कप में टीम को गोल्ड मेडल दिलाया है. लक्ष्य सेन को खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है.
लक्ष्य सेन ने बैडमिंटन के सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल में चीन के ताइपे के चोऊ टीएन चोऊ को दो एक से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया. उनकी इस कामयाबी से पूरे अल्मोड़ा में हर्ष का माहौल है. उनके पैतृक निवास अल्मोड़ा में उनकी बुआ और फूफा ने उनकी इस कामयाबी पर खुशी व्यक्त की है. उन्होंने कहा लक्ष्य बचपन से ही अपने खेल के प्रति समर्पित रहा है. उसका सपना था कि एक दिन वह ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल लेकर आयेगा. जिस दिशा में लक्ष्य लगातार आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा लक्ष्य लगातार कड़ी मेहनत कर रहा है. दिनों दिन उसका खेल निखर रहा है.उन्होंने कहा हमें पूरी उम्मीद है कि लक्ष्य भारत के लिए गोल्ड मेडल लेकर आयेगा. लक्ष्य के सेमीफाइनल में पहुंचने पर अल्मोड़ा क्षेत्र में भी खुशी का माहौल है.