देहरादून: उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेल यानी नेशनल गेम्स 2024 होने जा रहे हैं. जिसके लिए 250 करोड़ रुपए का प्रस्तावित बजट किया गया था. जिसे अब बढ़ाकर तकरीबन 350 करोड़ रुपए कर दिया गया है. ताकि, राष्ट्रीय खेलों की भव्यता में कोई कमी नहीं रह जाए. जिसकी आकलन खेल विभाग की अवस्थापना विकास को लेकर की जा रही तैयारी देखकर लगाया जा सकता है, लेकिन खेल और खिलाडियों के परफॉर्मेंस में कितना सुधार होगा ये बड़ा सवाल है? ऐसे में आंकड़ों के जरिए जानते हैं कि अब तक उत्तराखंड का परफॉर्मेंस कैसा रहा?
नेशनल गेम्स के मेजबान राज्य को मिलता है बड़ा मौका: राष्ट्रीय खेलों में पदक तालिका में उत्तराखंड के परफॉर्मेंस को लेकर सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण है. क्योंकि, राज्य गठन के बाद साल 2002 में उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में 13वें स्थान पर था. पिछले साल गोवा नेशनल गेम्स में उत्तराखंड 25वें स्थान पर पहुंच चुका है.
वहीं, मौके की बात करें तो जिस भी राज्य में राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उसके लिए होस्ट टीम के रूप में हर खेल में भाग लेने का मौका होता. जिसके चलते भी होस्ट प्रदेशों ने अपनी मेडल टेबल में सुधार किया है. हाल ही के सालों की बात करें तो राष्ट्रीय खेलों के मेजबान राज्य लगातार ओवर ऑल पदक तालिका में टॉप 5 में शामिल रहे हैं.
पिछले कुछ उदाहरण देखें तो साल 1987 में इस आयोजन की मेजबानी करते समय केरल चैंपियन बना था. साल 1997 के राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी कर्नाटक ने की थी और उन्होंने सबसे ज्यादा पदक जीते थे. मणिपुर साल 1997 के राष्ट्रीय खेलों में 9वें स्थान पर रहा. दो साल बाद जब उन्होंने इस आयोजन की मेजबानी की तो वे ओवरऑल चैंपियन बन गया.
साल 2001 में मेजबान पंजाब चैंपियन बना. आंध्र प्रदेश ने 2001 में केवल 11 स्वर्ण पदक जीते थे. साल 2002 में इसकी मेजबानी करते समय चैंपियन बन गया. इस तरह से कुल 94 स्वर्ण पदक जीते. वहीं, असम केवल एक स्वर्ण पदक के साथ 2001 में 21वें स्थान पर था, लेकिन साल 2007 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी की तो 38 स्वर्ण पदक जीतकर दूसरे उप विजेता बने.
इसी तरह झारखंड साल 2007 के राष्ट्रीय खेलों में 15वें स्थान पर था, लेकिन साल 2011 में जब उन्होंने इसकी मेजबानी की तो वे 5वें स्थान पर पहुंच गए. साल 2015 में मेजबान केरल ने पदक तालिका में दूसरा स्थान हासिल किया. इस रुझान और आंकड़ों का एक बड़ा कारण ये भी है कि मेजबान राज्य को प्रतिभाग करने का मौका अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा मिलता है.
यानी होस्ट राज्य की टीम को नेशनल गेम्स की सभी विधाओं में प्रतिभाग करने के लिए दरवाजे खुले रहते हैं. बशर्तें आपको पास सभी खेलों की टीम हो और उस टीम की मेडल जीतने लायक प्रैक्टिस भी हो. ऐसे में एक बेहतरीन मौका इस बार उत्तराखंड के पास है. अगर उत्तराखंड बेहतर परफॉर्मेंस करता है तो होस्ट राज्य के टॉप पर रहने का सिलसिला जारी रहेगा.
राष्ट्रीय खेलों में पिछले 24 सालों में उत्तराखंड की स्थिति: उत्तराखंड राज्य गठन के बाद अंतरिम सरकार के जाने के बाद पहली सरकार में यानी 2002 में हैदराबाद राष्ट्रीय खेलों में प्रतिभाग करने गई टीम को मेडल तालिका में 13वां स्थान मिला. हालांकि, मेडल की संख्या केवल 10 थी, लेकिन अभी-अभी अस्तित्व में आए उत्तराखंड ने 5 गोल्ड मेडल हासिल किए थे. जिसके चलते उत्तराखंड का रैंक नेशनल गेम्स में 13 हो गया था, लेकिन उसके बाद जहां दूसरे राज्यों ने अपनी परफॉर्मेंस को बेहतर किया तो उत्तराखंड में लगातार डाउनफॉल ही देखने को मिला.
राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का परफॉर्मेंस-
- साल 2002 में हैदराबाद में 32वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ. जिसमें उत्तराखंड ने 5 गोल्ड, 1 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल जीते. इस तरह से कुल 10 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 13वें स्थान पर रहा.
- साल 2007 में गुवाहाटी में 33वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ. जिसमें उत्तराखंड ने 4 गोल्ड, 4 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते. इस तरह से कुल 13 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 18वें स्थान पर रहा.
- साल 2011 में रांची में 34वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ. जिसमें उत्तराखंड ने 4 गोल्ड, 4 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते. इस तरह से कुल 13 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 19वें स्थान पर रहा.
- साल 2014 में केरल में 35वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ. जिसमें उत्तराखंड ने 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज मेडल जीते. इस तरह से कुल 19 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 23वें स्थान पर रहा.
- साल 2022 में गुजरात में 36वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ. जिसमें उत्तराखंड ने 1 गोल्ड, 8 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज मेडल जीते. इस तरह से कुल 18 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 26वें स्थान पर रहा.
- साल 2023 में गोवा में 37वां राष्ट्रीय खेल आयोजित हुआ. जिसमें उत्तराखंड ने 3 गोल्ड, 6 सिल्वर और 14 ब्रॉन्ज मेडल जीते. इस तरह से कुल 24 मेडल के साथ अंक तालिका में उत्तराखंड 25वें स्थान पर रहा.
पिछले नेशनल गेम्स में उत्तराखंड का पार्टिसिपेशन और परफॉर्मेंस: नेशनल गेम्स में इस बार उत्तराखंड को हर खेल में प्रतिभाग का मौका मिलेगा. लिहाजा, मेडल टेबल में सुधार होने का मौका है, लेकिन पिछले साल गोवा में हुए 37वें नेशनल गेम्स में उत्तराखंड के प्रतिभाग और परफॉर्मेंस काफी निराशाजनक था. पिछली बार गोवा नेशनल गेम्स में उत्तराखंड में प्रतिभाग करने गए टॉप 11 खेल अधिकारियों और उनकी परफॉर्मेंस उठा कर देखें तो सबसे पहले उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन से बतौर अध्यक्ष मुखर्जी निर्वाण जो कि बॉक्सिंग फेडरेशन से हैं, वो कोई भी मेडल लेकर नहीं आए.
हैंडबॉल से डीके सिंह की टीम ने प्रतिभाग ही नहीं किया तो वहीं कबड्डी से महेश जोशी की टीम ने भी प्रतिभाग नहीं किया. इसके अलावा उत्तराखंड से आने वाले नेशनल फेडरेशनों के अधिकारियों की बात करें तो बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय सिंह उत्तराखंड को कोई मेडल नहीं दिलवा पाए. सचिव फेंसिंग एसोसिएशन ऑफ इंडिया राजीव मेहता का भी कोई प्रतिभाग नहीं दिखा. टेबल टेनिस फेडरेशन के वाइस चेयरमैन चेतन गुरुंग का भी प्रतिभाग नहीं रहा.
ऑल इंडिया फुटबॉल एसोसिएशन आरिफ अली भी कोई मेडल नहीं दिलवा पाए. एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के जॉइंट सेक्रेटरी संदीप शर्मा के खेल में दो गोल्ड और एक ब्रॉन्ज उत्तराखंड को प्राप्त हुआ. वूशु एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी जितेंद्र सिंह के खेल में एक ब्राउन मेडल मिला तो वहीं साइकलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के सदस्य दिवस पांडे भी उत्तराखंड को कोई मेडल नहीं दिलवा पाए.
सुविधा देना विभाग का काम, खिलाड़ियों के चयन और प्रफोर्मेंस की प्राथमिक जिम्मेदारी खेल संघों की: उत्तराखंड में खेल और खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस को लेकर के खेल विभाग और उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के अधिकारियों से भी बातचीत की गई. खेल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खेल विभाग ने आगामी नेशनल गेम्स के अवस्थापना विकास को लेकर खुद को झोंक दिया है.
विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा ने बताया कि वो खिलाड़ियों को बेहतर माहौल देने के लिए, अच्छी ट्रेनिंग देने के लिए विभाग पूरी तरह से कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि खेल विभाग ने 90 फीसदी से ज्यादा वर्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्टर खड़ा कर दिया है. खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन और उनके अंदर प्रेरणा लाने के लिए कई नई योजनाएं भी शुरू की है. हालांकि, नेशनल गेम्स के लिए खिलाड़ियों का चयन करना और उनका प्रतिभा कारण इसकी प्राथमिक जिम्मेदारी खेल संघ की है यानी कि नेशनल गेम्स में किस तरह से खिलाड़ी प्रतिभा करेंगे और उनकी क्या परफॉर्मेंस रहेगी? इसके लिए काफी हद तक उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन जिम्मेदार है.
वहीं, इस बार किस तरह का प्रतिभाग और परफॉर्मेंस रहने वाला है, इसको लेकर भी उत्तराखंड के नवनियुक्त ओलंपिक एसोसिएशन के अध्यक्ष महेश नेगी से बात की गई तो उन्होंने मेडल टेबल में सुधार हो होने की बात तो कही, लेकिन कितना सुधार होगा और इसकी तैयारी क्या है? इसको लेकर वे ज्यादा कॉन्फिडेंट नजर नहीं आए. उनका कहना है कि उनकी ओर से इस बार सभी विवादों को सुलझा लिया गया है. मेडल टेबल में उत्तराखंड अच्छा प्रतिभाग करेगा और मेडल टेबल में ऊपर आने का प्रयास भी होगा.
ये भी पढ़ें-
- उत्तराखंड में प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स की डेट फाइनल, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
- उत्तराखंड में 38th National Games से पहले होगा राज्य स्तरीय टूर्नामेंट, तराशे जाएंगे खिलाड़ी
- 38वें राष्ट्रीय खेलों को लेकर विशेष खेल सचिव अधिकारियों की जिम्मेदारी करेंगे तय, खेल मंत्री रेखा आर्य ने दिए निर्देश
- 38वें नेशनल गेम्स की तैयारियां, परमानेंट इंफ्रास्ट्रक्चर, नहीं होगा खेल गांव, उत्तराखंड में ऐसे हैं अरेंजमेंट
- उत्तराखंड में खिलाड़ियों को कैसे मिलेगी नौकरी? जानिए पूरा नियम और शर्तें