नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक में इस साल भारत का पिछले ओलंपिक से भी निराशजनक प्रदर्शन रहा है. इस साल ओलंपिक में भारत को जहां अपने खिलाड़ियों से काफी उम्मीद थी वहीं भारत पदकों की संख्या में टोक्यो के प्रदर्शन को भी नहीं दोहरा पाया. इस साल भारत को एक भी गोल्ड मेडल हासिल नहीं हुआ है. भारत के कुछ खिलाड़ी को ऐसे थे जो पदक जीतने से सिर्फ थोड़ा से चूके और चौथे स्थान पर क्वालीफाई किया. इसके साथ ही भारतीय खिलाड़ियों के साथ कुछ विवाद भी हुए जिन्होंने पदक की संख्या को जरूर कम किया है.
ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के साथ हुए विवाद
निशांत देव के साथ अंको में हुई बेमानी
पेरिस ओलंपिक में भारतीय बॉक्सर निशांत देव का जैसे ही परिणाम आया है वह भी हैरान रह गए. क्वार्टरफाइनल मुकाबले में निशांत ने पहले राउंड को जीत लिया था. उसके बाद दूसरे और तीसरे राउंड में भी वह काफी आक्रमक रहे और उन्होंने अच्छे पंच लगाए. लेकिन जैसे ही परिणाम आया वैसे ही निशांत के साथ पूरा देश हैरान रह गया क्योंकि जजों ने निशांत के खिलाफ फैसला सुनाया. इस फैसले के बाद एक्टर रणदीप हुड्डा समेत कईं भारतीय हस्तियों ने निराशा जाहिर की थी.
विनेश फोगाट को फाइनल में जाकर भी नहीं मिला पदक
पेरिस ओलंपिक में अपने शानदार प्रदर्शन से फाइनल में जगह बनाकर विनेश ने पूरे देश को गौरवान्वित महसूस करा दिया. विनेश फाइनल में पहुंचने पर सिल्वर मेडल की हकदार हो गई थी लेकिन, फाइनल मुकाबले से पहले विनेश का वजन 50 किग्रा से 100 ग्राम बढ़ गया था जिसकी वजह से उन्होंने ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया. जिससे पूरे देश को निराशा हाथ लगी और उनको सिल्वर मेडल भी नहीं मिल सका. हालांकि, सिल्वर पदक के लिए उनका फैसला सीएएस की अदालत में सुरक्षित है.
अंतिम पंघाल ने अनजाने में की बड़ी गलती
पेरिस ओलंपिक में 53 किग्रा वर्ग में क्वालीफाई करने वाली अंतिम पंघाल ने बड़ी गलती कर दी. पंघाल ने ओलंपिक गांव में प्रवेश के लिए मिले कार्ड को अनुचित तरीके से अपनी बहन को दे दिया जिसकी वजह से उनकी बहन एक्रेडिशन कार्ड को इस्तेमाल करती हुई पकड़ी गई. इसके बाद ने आईओए ने अंतिम पंघाल को नियमों के उल्लंघन के लिए ओलंपिक से निलंबित कर दिया और उन्हें बीच में ही वापस आना पड़ा. हालांकि, भारतीय ओलंपिक संघ ने उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की और उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया.