ETV Bharat / sports

विनेश फोगाट क्यों हुई ओलंपिक में अयोग्य घोषित, जानिए क्या हैं नियम - Paris Olympics 2024

author img

By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 7, 2024, 4:34 PM IST

paris Olympics 2024 : पेरिस ओलंपिक में 50 किग्रा महिला कुश्ती वर्ग में विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक से पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया. जानिए क्या है नियम और क्यों किया गया उनको अयोग्य घोषित...

Paris Olympics 2024
पेरिस ओलंपिक 2024 (IANS PHOTO)

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई. पूरा भारतवर्ष उनके रात में खेले गए सेमीफाइनल की जीत का जश्व मनाकर उठा ही था कि, उसके निराशा हाथ लगी. क्योंकि विनेश फोगाट को ओलंपिक फाइनल मैच से पहले भारत की विनेश फोगट को पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किग्रा महिला कुश्ती फ्रीस्टाइल स्वर्ण पदक मुकाबले से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

विनेश आज मुकाबले से पहले अपने निर्धारित वजन से थोड़ी ज्यादा रही. फोगाट को फाइनल में यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट से भिड़ना था, लेकिन उससे पहले उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया है. आईओए के एक बयान के अनुसार, आज सुबह उनका वजह 50 किग्रा से कुछ अधिक था. किसी भी कैटेगरी में हिस्सा लेने के लिए उससे थोड़ा सा भी ज्यादा वजन होने पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है.

क्यों मापा जाता है वजन
वजन मापने की प्रक्रिया किसी भी कुश्ती प्रतियोगिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती नियमों के तहत हर अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए इसका पालन किया जाता है कहीं वह प्रतिभागी अपने वर्ग से ज्यादा वजन का तो नही है.

यदि कोई एथलीट वजन-मापन में भाग नहीं लेता या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाता है. मैच से एक दिन पहले टीम लीडर द्वारा वजन से संबंधित जानकारी दोपहर 12:00 बजे तक आयोजक को प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

हर रोज मापा जाता है वजन
वजन श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह वजन-मापन किया जाता है. वजन-मापन और मेडिकल नियंत्रण सत्र 30 मिनट तक चलता है. दूसरी सुबह, केवल रेपेचेज और फाइनल में भाग लेने वाले पहलवानों को वजन-मापन से गुजरना पड़ता है, जो 15 मिनट तक चलता है, उसके बाद फाइनल में वेट-इन के लिए आना होगा. यह वेट-इन 15 मिनट तक चलेगा.

नाखून भी नहीं होने चाहिए बड़े
किसी भी पहलवान को वेट-इन में स्वीकार नहीं किया जा सकता है यदि उसने पहली सुबह चिकित्सीय परीक्षण नहीं कराया हो. पहलवानों को अपने लाइसेंस और मान्यता के साथ चिकित्सा परीक्षण और वेट-इन में उपस्थित होना होगा. तौल के लिए सिर्फ एकमात्र कपडे वही पहन सकते हैं जो वह लड़ते हुए पहनते हैं. योग्य चिकित्सकों द्वारा जांच किए जाने के बाद, जो किसी भी संक्रामक बीमारी के खतरे को का शक है तो उसको लड़ने से मना भी किया जा सकता है. उसके बाद पहलवान को तौला जाता है.

प्रतियोगियों को पूरी शारीरिक स्थिति में होना चाहिए, उनके नाखून बहुत छोटे कटे होने चाहिए. संपूर्ण वजन अवधि के दौरान, पहलवानों को बारी-बारी से, जितनी बार चाहें उतनी बार स्केल पर चढ़ने का अधिकार होता है. वेट-इन के लिए जिम्मेदार रेफरी को यह जांचना चाहिए कि सभी पहलवानों का वजन उस श्रेणी के अनुरूप है जिसमें उन्हें प्रतियोगिता के लिए प्रवेश दिया गया है, कि वे अनुच्छेद 5 की सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. कपड़ों के अलावा किसी भी भार की अनुमति नहीं दी जाती है.

यह भी पढ़ें : 'काश मैं शब्दों से बता पाता जो मैं...' विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने पर बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई. पूरा भारतवर्ष उनके रात में खेले गए सेमीफाइनल की जीत का जश्व मनाकर उठा ही था कि, उसके निराशा हाथ लगी. क्योंकि विनेश फोगाट को ओलंपिक फाइनल मैच से पहले भारत की विनेश फोगट को पेरिस ओलंपिक 2024 में 50 किग्रा महिला कुश्ती फ्रीस्टाइल स्वर्ण पदक मुकाबले से अयोग्य घोषित कर दिया गया है.

विनेश आज मुकाबले से पहले अपने निर्धारित वजन से थोड़ी ज्यादा रही. फोगाट को फाइनल में यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट से भिड़ना था, लेकिन उससे पहले उनको अयोग्य घोषित कर दिया गया है. आईओए के एक बयान के अनुसार, आज सुबह उनका वजह 50 किग्रा से कुछ अधिक था. किसी भी कैटेगरी में हिस्सा लेने के लिए उससे थोड़ा सा भी ज्यादा वजन होने पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है.

क्यों मापा जाता है वजन
वजन मापने की प्रक्रिया किसी भी कुश्ती प्रतियोगिता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती नियमों के तहत हर अंतरराष्ट्रीय आयोजन के लिए इसका पालन किया जाता है कहीं वह प्रतिभागी अपने वर्ग से ज्यादा वजन का तो नही है.

यदि कोई एथलीट वजन-मापन में भाग नहीं लेता या असफल हो जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से बाहर कर दिया जाता है और बिना रैंक के अंतिम स्थान पर रखा जाता है. मैच से एक दिन पहले टीम लीडर द्वारा वजन से संबंधित जानकारी दोपहर 12:00 बजे तक आयोजक को प्रस्तुत किया जाना चाहिए.

हर रोज मापा जाता है वजन
वजन श्रेणी के लिए प्रत्येक सुबह वजन-मापन किया जाता है. वजन-मापन और मेडिकल नियंत्रण सत्र 30 मिनट तक चलता है. दूसरी सुबह, केवल रेपेचेज और फाइनल में भाग लेने वाले पहलवानों को वजन-मापन से गुजरना पड़ता है, जो 15 मिनट तक चलता है, उसके बाद फाइनल में वेट-इन के लिए आना होगा. यह वेट-इन 15 मिनट तक चलेगा.

नाखून भी नहीं होने चाहिए बड़े
किसी भी पहलवान को वेट-इन में स्वीकार नहीं किया जा सकता है यदि उसने पहली सुबह चिकित्सीय परीक्षण नहीं कराया हो. पहलवानों को अपने लाइसेंस और मान्यता के साथ चिकित्सा परीक्षण और वेट-इन में उपस्थित होना होगा. तौल के लिए सिर्फ एकमात्र कपडे वही पहन सकते हैं जो वह लड़ते हुए पहनते हैं. योग्य चिकित्सकों द्वारा जांच किए जाने के बाद, जो किसी भी संक्रामक बीमारी के खतरे को का शक है तो उसको लड़ने से मना भी किया जा सकता है. उसके बाद पहलवान को तौला जाता है.

प्रतियोगियों को पूरी शारीरिक स्थिति में होना चाहिए, उनके नाखून बहुत छोटे कटे होने चाहिए. संपूर्ण वजन अवधि के दौरान, पहलवानों को बारी-बारी से, जितनी बार चाहें उतनी बार स्केल पर चढ़ने का अधिकार होता है. वेट-इन के लिए जिम्मेदार रेफरी को यह जांचना चाहिए कि सभी पहलवानों का वजन उस श्रेणी के अनुरूप है जिसमें उन्हें प्रतियोगिता के लिए प्रवेश दिया गया है, कि वे अनुच्छेद 5 की सभी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं. कपड़ों के अलावा किसी भी भार की अनुमति नहीं दी जाती है.

यह भी पढ़ें : 'काश मैं शब्दों से बता पाता जो मैं...' विनेश फोगाट के अयोग्य घोषित होने पर बोले पीएम मोदी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.