नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक में भारत की तीरंदाजी टीम सुर्खियों में रहेगी क्योंकि उसका लक्ष्य खेलों में देश के लिए इस खेल में पहला पदक लाना है. हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, तैयारियों में बाधा आ गई है क्योंकि टीम के कोरियाई मुख्य कोच बेक वूंग की को टूर्नामेंट के लिए मान्यता नहीं दी गई है, जिसका मतलब है कि वह शनिवार शाम की फ्लाइट बुक होने के बाद भारत लौट आएंगे.
एचटी ने उनके हवाले से कहा, 'मैं पेरिस ओलंपिक में भारत को पहली बार पदक दिलाने के लक्ष्य के साथ तैयारी कर रहा हूं. हालांकि, मेरा मानना है कि विदेशी कोच की नियुक्ति करना लेकिन ओलंपिक खेलों की तीरंदाजी टीम से मुझे बाहर रखना आईओए की बड़ी गलती है और यह मूल योजना और लक्ष्यों का पालन नहीं करता है'.
तीरंदाजी कोच को दुनिया भर में बहुत सम्मान दिया जाता है और वह 2012 लंदन ओलंपिक में इस आयोजन में स्वर्ण पदक जीतने वाली दक्षिण कोरियाई टीम के मुख्य कोच थे. हाल ही में हुई घटनाओं के बाद वूंग की बेहद नाराज हैं और उन्होंने कहा, 'मैं अब और आगे जारी रखना नहीं चाहता. मैं सिर्फ दक्षिण कोरिया वापस जाना चाहता हूं'.
वूंग की ने कहा, 'पेरिस ओलंपिक तीरंदाजी में पदक जीतने के लिए भारत के लिए सबसे अच्छा मौका है. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि मैं अभी टीम के साथ नहीं हो सकता. मैं सिर्फ टीम को संदेश भेज सकता हूं और मैंने उन्हें बताया है कि टूर्नामेंट के दौरान उन्हें क्या करना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि भारतीय तीरंदाज ओलंपिक में पदक जीतेंगे. हम पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, लेकिन एक बहुत ही महत्वपूर्ण चरण (ओलंपिक) पर मुझे कोच नियुक्त नहीं किया गया है'.