नई दिल्ली : भारत के डिस्टेंस रनर अविनाश साबले ने सोमवार को शानदार जीत हासिल करते हुए फाइनल में जगह बनाई. अविनाश ने पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस के फाइनल में पहुंचकर भारत के लिए इतिहास रच दिया, क्योंकि वह इस इवेंट के फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए. इससे पहले ललिला बाबर ने रियो ओलंपिक में महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस के फाइनल में जगह बनाई थी.
🇮🇳 𝗕𝗿𝗶𝗹𝗹𝗶𝗮𝗻𝘁 𝗽𝗲𝗿𝗳𝗼𝗿𝗺𝗮𝗻𝗰𝗲 𝗳𝗿𝗼𝗺 𝗔𝘃𝗶𝗻𝗮𝘀𝗵 𝗦𝗮𝗯𝗹𝗲! A superb effort from Avinash Sable in the men's 3000m steeplechase event to finish in the top 5 in his heat and secure his spot in the final.
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 5, 2024
🏃 He finished at 5th with a timing of 8:15.43.
⏰ He… pic.twitter.com/HHueUZNI3d
महाराष्ट्र से ताल्लुक रखते हैं साबले
भारतीय खिलाड़ी अविनाश साबले महाराष्ट्र के बीड जिले के आष्टी तालुका के एक ग्रामीण इलाके से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने देश और दुनिया के नक्शे पर अपना नाम दर्ज करा दिया है. इसलिए उनके पिता ने इच्छा जताई है कि अविनाश साबले इस साल भी देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे. अविनाश 7 अगस्त को पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेस के फाइनल में प्रतिस्पर्धा करेंगे.
🇮🇳Avinash Sable created history by becoming the first Indian male athlete to qualify for the men's 3000m steeplechase final.
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 6, 2024
▪️ #AvinashSable finished 5th in his heat with a timing of .43 minutes to qualify for the finals scheduled for the 8th of August.#Cheer4Bharat ।… pic.twitter.com/g7ZByCti1L
बेटे का इवेंट अपनी आंखों से देखना चाहता हूं
अविनाश साबले के पिता मुकुंद साबले ने ईटीवी भारत से कहा कि, 'हमारा बेटा 7 साल से कड़ी मेहनत कर रहा है. हमें पूरा विश्वास है कि वह इस बार देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेगा'. उन्होंने कहा कि, 'अविनाश अभ्यास करने के लिए सुबह 3 बजे उठ जाता था'.
At 18, Avinash Sable of 5 Mahar Regiment served on the Siachen Glacier. At 30, he creates history by becoming the first Indian to qualify for the men's 3,000 metre steeplechase final at the Paris Olympics. When asked by a reporter, how tough it is to run against World and Olympic… pic.twitter.com/RxVapbeY5v
— Rakesh Krishnan Simha (@ByRakeshSimha) August 6, 2024
बेटे की रेस स्टेडियम से देखना चाहता हूं
अविनाश के पिता ने अपने बेटे की दौड़ को स्टेडियम से देखने की इच्छा जताई. उन्होंने कहा कि, 'मैं अपनी आंखों से अविनाश की प्रतियोगिता देखना चाहता हूं. लेकिन मुझे नहीं पता कि वहां कैसे जाना है. मुझे यह भी नहीं पता कि कौन सा देश किस स्थान पर है' उन्होंने आगे कहा, 'अगर मुझे जाने का मौका मिला, तो बेटे को सराहते हुए देखना बहुत मजेदार होगा. अगर सरकार सहयोग करती है, तो प्रतियोगिता देखने का सौभाग्य मिलेगा'.
बेटा 100% देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेगा
अविनाश साबले के पिता मुकुंद साबले ने कहा कि, 'वह निश्चित रूप से स्वर्ण पदक जीतकर देश को गौरवान्वित करेगा. मेरा बेटा 100% देश के लिए स्वर्ण पदक जीतेगा. उसने देश का नाम ऊंचा करने के लिए कड़ी मेहनत की है. पूरी दुनिया उसके मैच पर ध्यान दे रही है. वह देश के लिए स्वर्ण पदक जीते, यही मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं. उसने अब तक कड़ी मेहनत की है'.