नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से शुरू हो रहा है. इस बार ओलंपिक में भारतीय दल से काफी उम्मीदें है. भारत ने टोक्यो ओलंपिक से सबक लेते हुए इस बार लक्ष्य पर नहीं बल्कि, एथलीट्स की प्रक्रिया पर ध्यान दिया है. खेल मंत्रालय ने भी पेरिस ओलंपिक के लिए करोड़ों रुपये अतिरिक्त खर्च किया है ताकि, इन खेलों में भारतीय एथलीट्स अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सके.
जन्म
भारत को इस बार बैडमिंटन में लक्ष्य सेन से भी काफी उम्मीद है. 16 अगस्त 2001 को उत्तराखंड में जन्मे सेन ने बैडमिंटन में खूब नाम कमाया है. उन्होंने इसके लिए प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया. उसके बाद सेन ने बहुत कम उम्र में ही शानदार प्रतिभा से खूब नाम कमाया है. 2016 में उन्होंने जूनियर बैडमिंटन सर्किट में शानदार प्रदर्शन किया. उसके बाद उन्होंने लगातार शानदार प्रदर्शन करते हुए पीछे मुडकर नहीं देखा.
कैसा रहा अब तक का सफर
जूनियर स्तर से शुरू करने वाले लक्ष्य सेन ने अब बैडमिंटन में दिग्गजों को पीछे छोड़ना शुरू कर दिया है. वह उच्चतम स्तर पर पदक जीतने लगे हैं. लक्ष्य सेन भारतीय बैडमिंटन के पोस्टर बॉय के रूप में लगातार उभर रहे हैं. 2021 में उनकी स्किल और प्रदर्शन में काफी तेजी से सुधार हुआ. सेन ने नियमित रूप से उच्च रैंकिंग वाले शटलरों को हैरान करते हुए अपना लोहा मनवाया है.
सेन ने 2014 में मात्र 13 साल की उम्र में स्विस जूनियर इंटरनेशनल जीतकर पहली बार गौरव का स्वाद चखा था. सेन 2017 में जूनियर नंबर-1 रह चुके हैं. उन्होंने इंडोनेशिया के जकार्ता में 2018 के इवेंट में हिस्सा लिया था और स्वर्ण पदक हासिल किया. विश्व जूनियर चैंपियनशिप 2018 में लक्ष्य सेन का प्रभावशाली प्रदर्शन जारी रहा, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता.
इसके अलावा लक्ष्य सेन वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप 2021 में पदक जीतने वाले चौथे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए. इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेल 2022 में स्वर्ण पदक और ऑल इंग्लैंड ओपन में रजत पदक हासिल कर विश्व बैडमिंटन में खलबली मचा दी. इसके अलावा 2022 के राष्ट्रमंडल खेल और 2023 के कनाडा ओपन में भी वह विजेता रहे.
पेरिस ओलंपिक में मेडल की उम्मीद
20 साल में यह पहली बार होगा जब ओलंपिक में एचएस प्रणॉय और लक्ष्य सेन बैडमिंटन में भारत के दो पुरुष एकल खिलाड़ी होंगे. भारत को सेन से काफी उम्मीदें हैं. सेन का प्रदर्शन लाजवाब रहा है और वह लगातार अपने खामियों और बारीकियों पर काम कर रहे हैं. ऐसे में उनके पदक जीतने की बहुत उम्मीद है.