लखनऊ : ईरानी ट्रॉफी के मुकाबले में मुंबई और शेष भारत एकादश के बीच पांचवा दिन बहुत रोमांचक होगा, ऐसी उम्मीद की जा रही थी, इसके बावजूद लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में शनिवार को ऐसा कुछ नहीं हुआ जो शेष भारत एकादश के पक्ष में जाता.
पहली पारी में जहां मुंबई के सरफराज खान ने दोहरा शतक मार कर रणजी विजेता को बढ़िया बढ़त की राह पर आगे बढ़ाया था तो दूसरी इनिंग में तनुष कोटियन ने निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार शतक मारा और रेस्ट ऑफ़ इंडिया की टीम को कोई मौका नहीं मिला.
मुंबई ने 329 रन पर 8 विकेट होने के बाद जब अपनी पारी समाप्ति की घोषणा की तो इस मैच को आगे चलाए जाने का कोई औचित्य ना मानते हुए दोनों कप्तान ड्रॉ के लिए राजी हो गए. जिसमें पहली पारी की बढ़त के आधार पर मुंबई ने चैंपियन बनने का गौरव प्राप्त किया. दोहरा शतक मारने वाले सरफराज खान को इस मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. मुंबई ने 27 साल बाद इस टूर्नामेंट में विजेता होने का गौरव हासिल किया.
मुंबई ने शुक्रवार की शाम जब अपनी दूसरी पारी में 153 रन पर छह विकेट खो दिए थे तब उनकी कुल बढ़त 274 रन की हुई थी. उम्मीद की जा रही थी कि अगर मैच के आखिरी दिन पहले सत्र में रेस्ट ऑफ़ इंडिया ने मुंबई को सस्ते में निपटा दिया तो यह मुकाबला रोमांचक हो जाएगा.
जब मुंबई के शनिवार को पहले सत्र में आठ विकेट 171 रन पर गिर गए इसके बाद यह महसूस किया जा रहा था कि कहीं ना कहीं रेस्ट आफ इंडिया की टीम मुकाबले में वापस आ गई. मगर रणजी चैंपियन मुंबई के बचे हुए बल्लेबाजों ने कुछ और ही लक्ष्य बना रखा था. ऐसे वक्त में तनुष कोटियन और मोहित अवस्थी ने मोर्चा संभाला.
वे इसके बाद में मैच के ड्रॉ होने तक नहीं आउट हुए 158 रन की साझेदारी दोनों ने मिलकर की. तनुष ने 150 गेंद का सामना किया 10 चौके और एक छक्का मारा उसने नॉट आउट रहते हुए 114 रन बनाएं. दूसरी और तेज गेंदबाज मोहित अवस्थी ने भी बल्ले से भरपूर साथ दिया. 93 गेंद में चार चौके और एक छक्के की मदद से 51 रन का योगदान दिया.
जिस समय मुंबई का स्कोर आठ विकेट पर 329 रन हो गया, तब कप्तान अजिंक्य रहाणे ने पारी समाप्ति की घोषणा की. इसके बाद में रेस्ट आफ इंडिया के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने आगे बल्लेबाजी करना उचित नहीं समझा और दोनों कप्तानों की सहमति के आधार पर मैच को ड्रॉ घोषित किया गया. पहली पारी की बढ़त के आधार पर रणजी चैंपियन मुंबई इस बार ईरानी ट्रॉफी के विजेता बन गए.