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पूजा तोमर ने रचा इतिहास, UFC में जीत दर्ज करने वाली पहली भारतीय बनी - MMA Fighter Puja Tomar

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By PTI

Published : Jun 9, 2024, 1:56 PM IST

MMA Fighter Puja Tomar : भारत की पहली एमएमए फाइटर पूजा तोमर ने इतिहास रच दिया है. वह यूएफसी में मुकाबला जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं. उन्होंने ब्राजील की रेयान डॉस सैंटोस को हराया है. पढ़ें पूरी खबर.

MMA Fighter Puja Tomar
एमएमए फाइटर पूजा तोमर (UFC Video)

केंटकी : पूजा तोमर अल्टीमेट फाइटिंग चैंपियनशिप (यूएफसी) में जीत दर्ज करने वाली भारत की पहली मिश्रित मार्शल आर्ट (एमएमए) फाइटर बन गई है.

पहली बार इस तरह की प्रतियोगिता में भाग ले रही पूजा ने यूएफसी लुइसविले में शनिवार को स्ट्रॉवेट (52 किग्रा) मुकाबले में ब्राजील की रेयान डॉस सैंटोस पर 30-27, 27-30, 29-28 से विभाजित निर्णय से जीत हासिल की.

पूजा ने मुकाबले के बाद कहा, 'यह केवल मेरी जीत नहीं है. यह भारत के सभी प्रशंसकों और भारतीय फाइटर की जीत है. इससे पहले सभी सोचा करते थे कि भारतीय फाइटर चुनौती पेश नहीं कर सकते हैं. मैं केवल जीत के बारे में सोच रही थी और मैंने दिखाया कि भारतीय फाइटर हारने वालों में शामिल नहीं हैं'.

'साइक्लोन' के नाम से मशहूर 30 वर्षीय पूजा ने पिछले साल अक्टूबर में यूएफसी के साथ अनुबंध किया था और इस तरह से वह मिश्रित मार्शल आर्ट्स की सबसे बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला बन गईं. अंशुल जुबली और भरत कंडारे ने यूएफसी में विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है.

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बुधाना गांव में जन्मी पूजा पांच बार की राष्ट्रीय वुशु चैंपियन हैं और कराटे और ताइक्वांडो में भी भाग लेती रही है.

पूजा ने कहा, 'मुझे जीत की पूरी उम्मीद थी और मैंने काफी आक्रमण किया लेकिन मैं अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर पाई. दूसरे राउंड में मैं दबाव महसूस कर रही थी. मुझे अभी काफी सुधार करने की जरूरत है'.

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पहली बार इस तरह की प्रतियोगिता में भाग ले रही पूजा ने यूएफसी लुइसविले में शनिवार को स्ट्रॉवेट (52 किग्रा) मुकाबले में ब्राजील की रेयान डॉस सैंटोस पर 30-27, 27-30, 29-28 से विभाजित निर्णय से जीत हासिल की.

पूजा ने मुकाबले के बाद कहा, 'यह केवल मेरी जीत नहीं है. यह भारत के सभी प्रशंसकों और भारतीय फाइटर की जीत है. इससे पहले सभी सोचा करते थे कि भारतीय फाइटर चुनौती पेश नहीं कर सकते हैं. मैं केवल जीत के बारे में सोच रही थी और मैंने दिखाया कि भारतीय फाइटर हारने वालों में शामिल नहीं हैं'.

'साइक्लोन' के नाम से मशहूर 30 वर्षीय पूजा ने पिछले साल अक्टूबर में यूएफसी के साथ अनुबंध किया था और इस तरह से वह मिश्रित मार्शल आर्ट्स की सबसे बड़ी प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली भारत की पहली महिला बन गईं. अंशुल जुबली और भरत कंडारे ने यूएफसी में विश्व मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है.

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के बुधाना गांव में जन्मी पूजा पांच बार की राष्ट्रीय वुशु चैंपियन हैं और कराटे और ताइक्वांडो में भी भाग लेती रही है.

पूजा ने कहा, 'मुझे जीत की पूरी उम्मीद थी और मैंने काफी आक्रमण किया लेकिन मैं अपना शत प्रतिशत प्रदर्शन नहीं कर पाई. दूसरे राउंड में मैं दबाव महसूस कर रही थी. मुझे अभी काफी सुधार करने की जरूरत है'.

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