नई दिल्ली : क्रिकेट में पहले पूर्ण सुरक्षा के साथ जाली और पूरे सिर को कवर करने वाले हेलमेट नहीं होते थे. बल्लेबाज तेज से तेज गेंदबाज का सामना भी बिना जाली वाले हैलमेट के साथ करते थे. भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक रहे सुनील गवास्कर की बिना जाली वाले हैलमेट पहने तस्वीर किस क्रिकेट प्रेमी को याद नहीं होगी. लेकिन आज बात गावस्कर की नहीं बलकि वेस्ट इंडीज के तेज गेंदबाज मैल्कम मार्शल की होगी. मार्शल जिन्हें उनकी तेजी गति और धुंआधार बाउंसर फेंकने की क्षमता के कारण क्रिकेट जगत के महानतम बल्लेबाज विव रिचर्ड ने 'स्मोकी' उपनाम दिया था.
आज बात इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गेटिंग की नाक टूटने की करेंगे. जिस दिन मार्शल अपने हाथ से क्रिकेट की गेंद नहीं बल्कि कोई ग्रेनेड फेंक रहे थे जो विपक्षी टीम के बल्लेबाजों के चिथड़े उड़ाने में सक्षम थी. बात करेंगे उस टूटी हुई नाक की उस हड्डी की जो मार्शल की गेंद से चिपकी रह गई थी.
बात करेंगे इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज मुकाबले की. जो आज से ठीक 38 साल पहले खेली गई थी. जिस मुकाबले के बाद से क्रिकेट में एक ओवर में फेंके जाने वाली बाउंसर की संख्या को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई थी. आज ही के दिन यानी 18 फरवरी 1986 को वह खूनी गेंद फेंकी गई थी जिसने इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग को कभी ने भूलने वाला जख्म दे दिया.
दरअसल हुआ यूं कि इंग्लैंड क्रिकेट टीम वेस्टइंडीज दौरे पर गई थी. वनडे सारीज के पहले मैच में डेविड गावर की कप्तानी वाली इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले बल्लेबाजी का फैसला किया. सलामी बल्लेबाज रॉबिंसन और उनके बाद आए कप्तान डेविड गावर बिना खाता खोले आउट हो गए. उसके बाद बल्लेबाजी करने आए गैटिंग के साथ खतरनाक हादसा पेश आया. गैटिंग के क्रीज पर आते ही गेंदबाजी करने आए मैल्कम मार्शल ने ऐसी खतरनाक बाउंसर फेंकी जो गैटिंग की नाक पर जाकर लगी.
इतना ही नहीं गैटिंग की नाक पर लगकर गेंद विकेट से भी जाकर लगी और वह बोल्ड हो गए. उस वक्त गैटिंग खून से लथपथ हो गए. बाद में जब देखा गया तो गेंद से गैटिंग की नाक की हड्डी का टुकड़ा चिपका हुआ था. इस छोटे टुकडे को देखकर हर कोई दहल गया था.
मार्शल ने इस मुकाबले में 4 विकेट झटके थे. इंग्लैंड के वनडे में बनाए गए 145 रनों को वेस्टइंडीज ने 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया था. बता दें कि उस समय वेस्टइंडीज की टीम खतरनातक गेंदबाजी के लिए जानी जाती थी. और वेस्टइंडीज के गेंदबाज खतरनाक गेंदबाजी करते थे. 4 वनडे और पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में वेस्टइंडीज ने टेस्ट में क्लीन स्वीप और वनडे में 3-1 से जीत हासिल की थी.