कोटा : जिले के रामगंजमंडी की रहने वाली गौरांशी शर्मा ने एक बार फिर देश का मान बढ़ाया है. गौरांशी ने मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में आयोजित 10वें एशिया पैसिफिक डेफ गेम्स 2024 की बैडमिंटन प्रतियोगिता में रजत पदक जीता है. पदक जीतने के बाद देश के बड़े नेताओं ने पूरे परिवार को ही बधाई दी है.
बैडमिंटन की ट्रेनिंग भोपाल में दिलाई : गौरांशी के ताऊ सौरभ शर्मा ने बताया कि उसके पिता गौरव और मां प्रीति दोनों ही बचपन से सुन बोल नहीं सकते हैं. गौरांशी भी उनके माता-पिता की तरह ही थी. गौरव और प्रीति ने मूकबधिर स्कूल भोपाल में पढ़ाई की थी और इसी तरह गौरांशी को भी वहीं पढ़ाया जा रहा है. गौरांशी की रुचि बैडमिंटन में थी, इसीलिए उसे बैडमिंटन की ट्रेनिंग भी भोपाल में दिलाई जा रही है.
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कई पदक जीत चुकी हैं गौरांशी : सौरभ शर्मा ने बताया कि उनका छोटा भाई गौरव भी क्रिकेट का बहुत अच्छा खिलाड़ी था. वह भी देश के लिए खेलना चाहता था, लेकिन वो ये सपना पूरा नहीं कर पाया. गौरव और प्रीति ने जमकर मेहनत की और बेटी को बैडमिंटन स्टार बनाया है. इससे पहले गौरांशी साल 2022 के ब्राजील ओलंपिक में गोल्ड, ब्राजील में ही आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक सहित 2 कांस्य पदक जीत चुकी है. थाईलैंड में आयोजित पिछले एशिया पैसिफिक गेम्स थाईलैंड में 2 कांस्य पदक देश के लिए जीते हैं.
गौरांशी की दादी भाजपा नेता और नगर पालिका रामगंजमंडी के पूर्व अध्यक्ष हेमलता शर्मा हैं. उसके दादा प्रमोद शर्मा स्टोन व्यवसायी हैं. आपको बता दें कि 1 से 8 दिसंबर तक मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित एशिया पैसिफिक डेफ गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रिकॉर्ड बनाया है, जिसमें 45 पदक हासिल किए हैं. इस टीम का हिस्सा को गौरांशी शर्मा भी थी.