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1928 से 2024 ओलंपिक तक कैसा रहा भारतीय हॉकी का सफर, देखें पूरी मेडल लिस्ट - Paris Olympics 2024

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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 9, 2024, 11:06 AM IST

Updated : Aug 9, 2024, 11:20 AM IST

Indian Hockey Team Olympics History : ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम का स्वर्णिम इतिहास रहा है. भारत ने अब तक हॉकी में कुल 13 ओलंपिक मेडल जीत हैं. ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का साल 1928 से लेकर 2024 तक का सफर और मेडल लिस्ट जानने के लिए पढे़ं पूरी खबर.

indian men's hockey team
भारतीय पुरुष हॉकी टीम (AP Photo)

नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है. बेशक, भारतीय हॉकी टीम इस ओलंपिक में स्वर्ण या रजत पदक से चूक गई, लेकिन उसने लाखों भारतीयों का दिल जरूर जीत लिया. पेरिस में भारतीय टीम ने सेमीफाइनल हारने के बाद कांस्य पदक की जंग में स्पेन को 2-1 से हराकर लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीता.

भारतीय हॉकी टीम की इस जीत के साथ ही एक नया कीर्तिमान स्थापित हो गया है. 1928 से लेकर वर्ष 2024 तक भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक में 13 बार पदक जीत चुकी है. इन पदकों में स्वर्ण पदकों की संख्या अधिक है और अब तक भारत ने 8 बार गोल्ड, 1 बार सिल्वर और 4 बार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं.

1928 से लेकर 2014 तक ऐसा रहा है भारतीय हॉकी टीम का सफर :-

  • 1928 ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक
    भारतीय हॉकी टीम ने पहला स्वर्ण पदक वर्ष 1928 में नीदरलैंड में एम्सटर्डम ओलंपिक के दौरान जीता था. भारत ने 1928 ओलंपिक के फाइनल में नीदरलैंड को 3-0 से हराकर ओलंपिक हॉकी में अपना पहला पदक जीता था. यह ओलंपिक में भारत का पहला स्वर्ण पदक भी था.
  • 1932 ओलंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक
    इसके बाद, भारतीय हॉकी टीम ने यूएसए में 1932 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया और उन्होंने फाइनल में यूएसए की टीम को 24-1 के बड़े अंतर से हराया. जो ओलंपिक हॉकी के इतिहास में लगातार सबसे बड़ी जीत है.
  • 1936 ओलंपिक में तीसरा स्वर्ण पदक
    वर्ष 1936 में, भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी के बर्लिन में आयोजित ओलंपिक खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. मेजर ध्यानचंद की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने 1936 में बर्लिन में अपने घरेलू दर्शकों के सामने ओलंपिक हॉकी फाइनल में जर्मनी को 8-1 से सबसे बड़े अंतर से हराकर ओलंपिक स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी की.
  • 1948 ओलंपिक में चौथा स्वर्ण पदक
    भारतीय पुरुष हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन यूके में आयोजित हुए लंदन 1948 ओलंपिक खेलों में भी जारी रहा. भारत ने इन ओलंपिक खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता. यह स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में भारत का पहला पदक था और भारत ने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराया था.
  • 1952 ओलंपिक में 5वां स्वर्ण पदक
    फिनलैंड के हेलसिंकी में आयोजित 1952 ओलंपिक खेलों में भारत ने हॉकी में अपना दबदबा कायम रखा. इस ओलंपिक फाइनल में भारत का मुकाबला नीदरलैंड से हुआ, जिसे भारत ने फिर से जीत लिया. भारत ने इस मेगा इवेंट में लगातार 5वां स्वर्ण जीता. भारतीय हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर ने नीदरलैंड के खिलाफ ओलंपिक फाइनल में 5 गोल दागे.
  • 1956 ओलंपिक में छठा स्वर्ण पदक
    ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आयोजित 1956 ओलंपिक खेलों में भारत ने अपना दबदबा कायम रखते हुए एक बार फिर स्वर्ण पदक जीता. इस ओलंपिक फाइनल में भारत का मुकाबला पड़ोसी देश पाकिस्तान की टीम से था. मेलबर्न में हुए फाइनल में भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को 1-0 से हराकर एक और स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
  • 1960 ओलंपिक में मिला रजत पदक
    इसके बाद 1960 में इटली के रोम में ओलंपिक खेल आयोजित किए गए. जहां एक बार फिर फाइनल में भारत का मुकाबला पड़ोसी देश पाकिस्तान से हुआ और भारत को हार का सामना करना पड़ा. 1960 में भारत को पाकिस्तान ने हराया और इस हार के साथ ही ओलंपिक में उसके लगातार 6 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सिलसिला खत्म हो गया.
  • 1964 ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर लिया बदला
    इसके बाद भारत ने एक बार फिर जापान के टोक्यो में 1964 के ओलंपिक खेलों में अपनी खेल भावना दिखाई. इस ओलंपिक में भारत का सामना फिर से पड़ोसी देश पाकिस्तान से हुआ. इस बार भारत ने पाकिस्तान को हराकर ओलंपिक में 7वां स्वर्ण पदक जीता.
  • 1968 ओलंपिक में कांस्य पदक
    साल 1968 में मैक्सिको सिटी में आयोजित ओलंपिक खेलों में भारत का जादू कुछ कम हुआ. इन ओलंपिक में यह पहला मौका था, जब भारतीय हॉकी टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई. भारतीय टीम को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद भारतीय टीम ने कांस्य पदक के मुकाबले में पश्चिम जर्मनी को हराकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
  • 1972 खेलों में फिर कांस्य पदक
    साल 1972 में म्यूनिख और जर्मनी में आयोजित ओलंपिक खेलों में फिर से भारतीय हॉकी टीम फाइनल की दौड़ में नहीं पहुंच पाई. भारतीय टीम को पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद भारतीय टीम ने कांस्य पदक मुकाबले में नीदरलैंड को हराकर दूसरी बार ओलंपिक में कांस्य पदक जीता.
  • 1980 ओलंपिक में जीता 8वां स्वर्ण
    इसके बाद साल 1980 में यूएसएसआर के मॉस्को में आयोजित ओलंपिक खेलों में एक बार फिर भारतीय हॉकी का जादू चला. ये ओलंपिक खेल बिना सेमीफाइनल वाले फॉर्मेट में खेले गए, भारत ने फाइनल में स्पेन को हराकर अपना 8वां ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद चार दशक तक भारतीय हॉकी कोई सुधार नहीं दिखा सकी.
  • 2021 टोक्यो ओलंपिक में जीता कांस्य पदक
    इसके बाद 41 साल के लंबे इंतजार के बाद साल 2021 में जापान के टोक्यो में आयोजित ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने फिर अपना जलवा दिखाया. बेशक भारत इन ओलंपिक खेलों में फाइनल तक नहीं पहुंच सका, लेकिन उसने कांस्य पदक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता.
  • 2024 पेरिस ओलंपिक में फिर कांस्य पदक
    पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा. भारत ने इन खेलों में कई चैंपियन तैयार किए हैं. इस बार भी भारत फाइनल तक पहुंचने में सफल नहीं रहा और सेमीफाइनल में उसे जर्मनी के खिलाफ 2-3 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कांस्य पदक के लिए स्पेन के खिलाफ हुए मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम ने वापसी की और 2-1 से जीत दर्ज कर कांस्य पदक अपने नाम किया. इस पदक के साथ ही भारतीय हॉकी टीम ने जहां अपने गोलकीपर पीआर श्रीजेश को विदाई दी, वहीं 1968 और 1972 में लगातार दो कांस्य पदक जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी भी की.

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नई दिल्ली : पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है. बेशक, भारतीय हॉकी टीम इस ओलंपिक में स्वर्ण या रजत पदक से चूक गई, लेकिन उसने लाखों भारतीयों का दिल जरूर जीत लिया. पेरिस में भारतीय टीम ने सेमीफाइनल हारने के बाद कांस्य पदक की जंग में स्पेन को 2-1 से हराकर लगातार दूसरी बार कांस्य पदक जीता.

भारतीय हॉकी टीम की इस जीत के साथ ही एक नया कीर्तिमान स्थापित हो गया है. 1928 से लेकर वर्ष 2024 तक भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक में 13 बार पदक जीत चुकी है. इन पदकों में स्वर्ण पदकों की संख्या अधिक है और अब तक भारत ने 8 बार गोल्ड, 1 बार सिल्वर और 4 बार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं.

1928 से लेकर 2014 तक ऐसा रहा है भारतीय हॉकी टीम का सफर :-

  • 1928 ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक
    भारतीय हॉकी टीम ने पहला स्वर्ण पदक वर्ष 1928 में नीदरलैंड में एम्सटर्डम ओलंपिक के दौरान जीता था. भारत ने 1928 ओलंपिक के फाइनल में नीदरलैंड को 3-0 से हराकर ओलंपिक हॉकी में अपना पहला पदक जीता था. यह ओलंपिक में भारत का पहला स्वर्ण पदक भी था.
  • 1932 ओलंपिक में दूसरा स्वर्ण पदक
    इसके बाद, भारतीय हॉकी टीम ने यूएसए में 1932 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन किया और उन्होंने फाइनल में यूएसए की टीम को 24-1 के बड़े अंतर से हराया. जो ओलंपिक हॉकी के इतिहास में लगातार सबसे बड़ी जीत है.
  • 1936 ओलंपिक में तीसरा स्वर्ण पदक
    वर्ष 1936 में, भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी के बर्लिन में आयोजित ओलंपिक खेलों में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. मेजर ध्यानचंद की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने 1936 में बर्लिन में अपने घरेलू दर्शकों के सामने ओलंपिक हॉकी फाइनल में जर्मनी को 8-1 से सबसे बड़े अंतर से हराकर ओलंपिक स्वर्ण पदकों की हैट्रिक पूरी की.
  • 1948 ओलंपिक में चौथा स्वर्ण पदक
    भारतीय पुरुष हॉकी टीम का शानदार प्रदर्शन यूके में आयोजित हुए लंदन 1948 ओलंपिक खेलों में भी जारी रहा. भारत ने इन ओलंपिक खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता. यह स्वतंत्रता के बाद ओलंपिक में भारत का पहला पदक था और भारत ने फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराया था.
  • 1952 ओलंपिक में 5वां स्वर्ण पदक
    फिनलैंड के हेलसिंकी में आयोजित 1952 ओलंपिक खेलों में भारत ने हॉकी में अपना दबदबा कायम रखा. इस ओलंपिक फाइनल में भारत का मुकाबला नीदरलैंड से हुआ, जिसे भारत ने फिर से जीत लिया. भारत ने इस मेगा इवेंट में लगातार 5वां स्वर्ण जीता. भारतीय हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर ने नीदरलैंड के खिलाफ ओलंपिक फाइनल में 5 गोल दागे.
  • 1956 ओलंपिक में छठा स्वर्ण पदक
    ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आयोजित 1956 ओलंपिक खेलों में भारत ने अपना दबदबा कायम रखते हुए एक बार फिर स्वर्ण पदक जीता. इस ओलंपिक फाइनल में भारत का मुकाबला पड़ोसी देश पाकिस्तान की टीम से था. मेलबर्न में हुए फाइनल में भारत ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को 1-0 से हराकर एक और स्वर्ण पदक अपने नाम किया.
  • 1960 ओलंपिक में मिला रजत पदक
    इसके बाद 1960 में इटली के रोम में ओलंपिक खेल आयोजित किए गए. जहां एक बार फिर फाइनल में भारत का मुकाबला पड़ोसी देश पाकिस्तान से हुआ और भारत को हार का सामना करना पड़ा. 1960 में भारत को पाकिस्तान ने हराया और इस हार के साथ ही ओलंपिक में उसके लगातार 6 ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने का सिलसिला खत्म हो गया.
  • 1964 ओलंपिक में स्वर्ण जीतकर लिया बदला
    इसके बाद भारत ने एक बार फिर जापान के टोक्यो में 1964 के ओलंपिक खेलों में अपनी खेल भावना दिखाई. इस ओलंपिक में भारत का सामना फिर से पड़ोसी देश पाकिस्तान से हुआ. इस बार भारत ने पाकिस्तान को हराकर ओलंपिक में 7वां स्वर्ण पदक जीता.
  • 1968 ओलंपिक में कांस्य पदक
    साल 1968 में मैक्सिको सिटी में आयोजित ओलंपिक खेलों में भारत का जादू कुछ कम हुआ. इन ओलंपिक में यह पहला मौका था, जब भारतीय हॉकी टीम फाइनल तक नहीं पहुंच पाई. भारतीय टीम को सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद भारतीय टीम ने कांस्य पदक के मुकाबले में पश्चिम जर्मनी को हराकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
  • 1972 खेलों में फिर कांस्य पदक
    साल 1972 में म्यूनिख और जर्मनी में आयोजित ओलंपिक खेलों में फिर से भारतीय हॉकी टीम फाइनल की दौड़ में नहीं पहुंच पाई. भारतीय टीम को पड़ोसी देश पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद भारतीय टीम ने कांस्य पदक मुकाबले में नीदरलैंड को हराकर दूसरी बार ओलंपिक में कांस्य पदक जीता.
  • 1980 ओलंपिक में जीता 8वां स्वर्ण
    इसके बाद साल 1980 में यूएसएसआर के मॉस्को में आयोजित ओलंपिक खेलों में एक बार फिर भारतीय हॉकी का जादू चला. ये ओलंपिक खेल बिना सेमीफाइनल वाले फॉर्मेट में खेले गए, भारत ने फाइनल में स्पेन को हराकर अपना 8वां ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद चार दशक तक भारतीय हॉकी कोई सुधार नहीं दिखा सकी.
  • 2021 टोक्यो ओलंपिक में जीता कांस्य पदक
    इसके बाद 41 साल के लंबे इंतजार के बाद साल 2021 में जापान के टोक्यो में आयोजित ओलंपिक खेलों में भारतीय हॉकी टीम ने फिर अपना जलवा दिखाया. बेशक भारत इन ओलंपिक खेलों में फाइनल तक नहीं पहुंच सका, लेकिन उसने कांस्य पदक मुकाबले में जर्मनी को 5-4 से हराकर 41 साल बाद कांस्य पदक जीता.
  • 2024 पेरिस ओलंपिक में फिर कांस्य पदक
    पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन शानदार रहा. भारत ने इन खेलों में कई चैंपियन तैयार किए हैं. इस बार भी भारत फाइनल तक पहुंचने में सफल नहीं रहा और सेमीफाइनल में उसे जर्मनी के खिलाफ 2-3 से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन कांस्य पदक के लिए स्पेन के खिलाफ हुए मुकाबले में भारतीय हॉकी टीम ने वापसी की और 2-1 से जीत दर्ज कर कांस्य पदक अपने नाम किया. इस पदक के साथ ही भारतीय हॉकी टीम ने जहां अपने गोलकीपर पीआर श्रीजेश को विदाई दी, वहीं 1968 और 1972 में लगातार दो कांस्य पदक जीतने के रिकॉर्ड की बराबरी भी की.

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Last Updated : Aug 9, 2024, 11:20 AM IST
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