तिरुवनंतपुरम (केरल) : भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने कहा है कि भारत 26 जुलाई से शुरू होने वाले पेरिस ओलंपिक के लिए अच्छी तैयारी कर रहा है.
भारत ने टोक्यो ओलंपिक में 1 स्वर्ण और 2 रजत पदक सहित 7 पदक जीते थे. भारत ने चार कांस्य पदक जीते थे. स्टार भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने टोक्यो खेलों में स्वर्ण पदक जीता और उनका लक्ष्य एक और पीला पदक जीतना है.
पीटी उषा ने कहा कि भारतीय एथलीट इस बार अच्छा प्रदर्शन करेंगे और टोक्यो के पदक तालिका से काफी आगे निकल जाएंगे. पीटी उषा ने कहा कि भारत ने पेरिस पहुंचने वाले भारतीय खिलाड़ियों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं तैयार की हैं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से उन्हें पूरा सहयोग मिला है.
पीटी ऊषा ने कहा, 'पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले खिलाड़ियों को उनके संबंधित संघों द्वारा प्रशिक्षित किया गया है. केंद्र ने उन्हें आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान की है. आईओए यह सुनिश्चित करना चाहता है कि पेरिस में ओलंपिक स्थल पर अच्छा प्रदर्शन करने में खिलाड़ियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े'.
उषा ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'पिछले ओलंपिक में हुई कमियों को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों के लिए अधिक सुविधाएं प्रदान की गई हैं. पिछली बार ओलंपिक गांव और प्रतियोगिता स्थल के बीच आवास की दूरी एक समस्या थी. इस बार इसे ठीक कर दिया गया है. गोल्फ खिलाड़ियों के लिए टूर्नामेंट स्थल के पास आवास की व्यवस्था की गई है. शूटिंग रेंज ओलंपिक गांव से काफी दूर है. निशानेबाजी प्रतियोगिता के आयोजन स्थल के पास खिलाड़ियों के लिए आवास की व्यवस्था की गई है'.
उन्होंने कहा इस बार ओलंपिक टीम के साथ एक सुसज्जित मेडिकल टीम भी होगी. टीम का नेतृत्व भारत के सर्वश्रेष्ठ खेल विज्ञान चिकित्सक कर रहे हैं. डॉक्टरों के अलावा टीम में फिजियो, पोषण विशेषज्ञ और चिकित्सक भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कुछ विशेषज्ञ खिलाड़ियों के मानसिक संघर्ष और तनाव से निपटते हैं.
आईओए प्रमुख के अनुसार, एथलीटों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विशेष व्यवस्थाएं तैयार की गई हैं. भारतीय खिलाड़ियों के लिए विशेष रिकवरी सेंटर भी उपलब्ध हैं. 'इंडिया हाउस इन पेरिस' नाम से एक विशेष मंडप भी तैयार किया गया है. ऐसा ही एक रिकवरी सेंटर ओलंपिक विलेज के बाहर खुल रहा है. उन्होंने कहा कि मंडप आईओए और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से बनाया गया है.
उषा ने कहा, 'हम 2036 ओलंपिक के लिए बोली लगा रहे हैं. उस समय तक हमें पहले 10 देशों में आ जाना चाहिए. यह संभव है. हम इसे 10 साल के भीतर हासिल कर सकते हैं'.
उषा ने 1980 में मोस्को में 16 साल की उम्र में ओलंपिक में पदार्पण किया था. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1984 में लॉस एंजेल्स में 400 मीटर बाधा दौड़ में रहा था. वह एक सेकंड के सौवें हिस्से से ओलंपिक पदक हार गईं.