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16 की उम्र में हुए अनाथ, खाने के पड़े लाले, U-19 कप्तान मोहम्मद अमान का संघर्ष बताते हुए रो पड़ी उनकी बहन - Mohammad Amaan

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By ETV Bharat Sports Team

Published : Sep 2, 2024, 8:33 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 10:19 AM IST

Mohammad Amaan को भारत की अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया है. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के इस क्रिकेट की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी की तरह है. उनके पास एक समय पर खाने के लिए भी पैसे नहीं थे लेकिन आज वो देश की अंडर-19 टीम के कप्तान बना गए हैं. इस मौके पर ईटीवी भारत ने उनके परिवार से खास-बातचीत की है. पढ़िए पूरी खबर..

Mohammad Amaan
मोहम्मद अमान (ETV Bharat)

सहारनपुर : सहारनपुर के खान आलमपुरा के रहने वाले मोहम्मद अमान को अंडर-19 क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया है. मोहम्मद अमान आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीरीज में खेलेंगे. खास बात ये है कि अमान के नेतृत्व में पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का बेटे समित द्रविड़ भी खेलेंगे. बहुत ही गरीब परिवार में जन्में मोहम्मद अमान ने क्रिकेट करियर की शुरुआत मोहल्ले की गलियों से की थी. मोहम्मद अमान छोटे भाई-बहनों और मोहल्ले के बच्चों को पैसों का लालच देकर बोलिंग कराता था और खुद बैटिंग करता था.

अमान के दोस्त, बहन और बुआ से बातचीत (ETV Bharat)

अमान के घर में गरीब के चलते पड़े थे खाने के लाले
उसके परिवार के पास क्रिकेट का सामान खरीदने के लिए पैसे नही थे. उसके पिता टेक्सी ड्राइवर थे जिससे उनके परिवार का पालन पोषण हो पाता था. मोहम्मद अमान चार भाई बहनों में बड़ा है तो लिहाजा माता-पिता के निधन के बाद जिम्मेदारियां भी आना लाजमी है. जिसके चलते अमान ने क्रिकेट छोड़ने का मन भी बनाया लेकिन बहन-भाइयों के कहने पर क्रिकेट की कोचिंग जारी रखी. इसके लिए सहारनपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ने अमान का पूरा सहयोग किया.

आपको बता दें कि जिस वक्त मोहम्मद अमान के परिवार को खाने-पीने के भी लाले पड़े थे. उसी दौरान अमान के सिर पर क्रिकेट का भूत सवार हो गया. टैक्सी पर ड्राइविंग करके पिता मेहताब अमान को क्रिकेट कोचिंग कराना तो दूर उसके लिए एक अच्छा बैट भी नही खरीद पा रहे थे. ऐसे में अमान ने अपनी मां साहिबा से बैट खरीदने की जिद्द की थी. बेटे की जिद्द से मां साहिबा ने एक-एक रुपया जोड़ कर 1100 रुपये का बैट दिलवाया था. जिसे अमान मां की मौत के बाद भी अपने साथ रखते हैं.

अमान की बहन और बुआ ने बताई संघर्ष की कहानी
ईटीवी भारत संवाददाता सहारनपुर के खान आलामपुरा में क्रिकेटर मोहम्मद अमान के घर पहुंचें, जहां देखा जा सकता है कि उसने घर की दीवारों पर प्लास्तर तो हुआ था लेकिन रंगाई-पुताई भी नहीं हुई है. दीवारों का प्लास्तर भी सीलन के कारण उखड़ा हुआ है. उनके घर मे दो कमरे हैं जो खस्ताहाल हैं. तंग गली में रह रही उनका परिवार रहता है.

उनकी बहन सीवा ने बताया कि, 'उसका बड़ा भाई मोहम्मद अमान बहुत मेहनती और लगनशील है. उसने घर पास के खाली प्लाटों में लकड़ी के पट्टे से क्रिकेट खेलते थे. मोहल्ले के छोटे बच्चों से बोलिंग कराते थे और खुद बैटिंग करते थे. छोटे प्लाटों में खेलते खेलते स्टेडियम पहुंच गए. हालांकि स्टेडियम तक पहुंचने में अमान को संघर्ष के साथ-साथ विपरीत परिस्तिथियों का सामना भी करना पड़ा था'.

अमान की बहन बताती हैं कि, 'परिवार की गरीबी उसके करियर में बाधा बनी थी लेकिन उसका जुनून और लगन उसे आगे बढ़ने से नही रोक पाई. माता-पिता ने जैसे तैसे कर्ज के पैसे से अमान को क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिलाया. कोचिंग के दौरान अमान ने अपनी प्रतिभा का ऐसा जलवा बिखेरा कि जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के टूर्नामेंट में अपने बल्ले से रनों की बौछारें कर दी. जिसके चलते मोहम्मद अमान का चयन उत्तर प्रदेश की टीम में हो गया'.

मोहम्मद अमान की बुआ शबनम ने बताया कि, 'उनके भाई मेहताब बहुत गरीब थे. जिनके तीन बेटे और एक बेटी है जिनमें मोहम्मद अमान सबसे बड़े हैं. बचपन से ही उनके भतीजे अमान को क्रिकेट खेलने का शोक था. उसने गली मोहल्ले में खेलना शुरू किया और भूतेश्वर ग्राउंड में खेलने लगा. जहां से सहारनपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसियेशन चेयरमैन अकरम शैफी ने उसकी प्रतिभा को देखा और उसको क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. गरीबी के चलते अमान के पास बैट तो क्या जूते खरीदने के भी पैसे नही थे. जिसके चलते मोहम्मद अमान ने क्रिकेट छोड़ने का मन भी बना लिया था. बुआ बताती हैं कि जब उसके माता-पिता बैट नही दिलवा पाए तो अमान को कई दिन तक बुखार आ गया था. बेटे को बीमार देख मां ने एक बैट दिलवा दिया था'.

अमान के दोस्त बताए बचपन में मिलते उसे ताने
अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान बने मोहम्मद अमान के बचपन के दोस्त हर्ष बताते है कि, 'उनका दोस्त अंडर-19 टीम का कप्तान बन गया है. इससे बड़ी खुशी उनके लिए शायद ही कोई हो. उन्होंने कभी सोचा ही नही था कि उनका दोस्त अंडर-19 टीम इंडिया कप्तान बन जायेगा और जनपद सहारनपुर का नाम रोशन करेगा. अमान की इस उपलब्धि से पूरे जनपद में जश्न का माहौल बना हुआ है. हालांकि जब अमान मोहल्ले में खेलता था तो उस वक्त कई दोस्त यह कहकर उसका मजाक उड़ाते थे कि ये बनेगा विराट कोहली, ये बनेगा धोनी और कपिल देव, लेकिन दोस्तों के मनोबल गिराने वाले कॉमेंट्स को इग्नोर करते हुए वह आगे बढ़ता चला गया. आज विराट कोहली और धोनी के बराबरी कर टीम इंडिया का कप्तान बन गए. जिससे उन दोस्तों का मुंह बंद गया'.

साल 2020 में कोविड के कारण अमान की मां का देहांत हो गया था. इसके बाद 2022 में उनके सिर से पिता का साया भी उठा गया. माता-पिता के निधन के बाद अमान के ऊपर तीन छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गई. बावजूद इसके अमान ने खेल के साथ साथ परिवारिक जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाया.

सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव लतीफुर्र रहमान से बातचीत (ETV Bharat)

सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ने की अमान की तारीफ
सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव लतीफुर्र रहमान ने बताया कि, 'अमान के अंदर क्रिकेट को लेकर जुनून के साथ-साथ वह क्रिकेट के प्रति पूरी तरह समर्पित भी है. जिसके चलते माता-पिता की मौत के बावजूद वह अपने लक्ष्य पर फोकस बनाये रखा. अमान की उस उपलब्धि से जहां पूरे जनपद में जश्न का माहौल बना है. इससे जनपद के युवा क्रिकेटरों में भी उम्मीद जगी है. मोहम्मद अमान बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में उभरे हैं'.

2023 में वह सबसे पहले उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम के कप्तान बनाए गए. उनके प्रदर्शन के आधार पर बीसीसीआई ने चैलेंजर ट्रॉफी के लिए उनका चयन इंडिया-ए टीम के लिए किया. चैलेंजर ट्रॉफी में अमान ने दो शतक लगाकर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था. इसकी बदौलत उन्हें एशिया कप के लिए अंडर-19 भारतीय टीम में जगह दी गई थी. अमान फिलहाल यूपी टी-20 प्रतियोगिता में खेल रहे हैं.

ये खबर भी पढ़ें : मोहम्मद अमान बने भारत के अंडर-19 कप्तान, जानिए कब और कहां खेले जाएंगे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच

सहारनपुर : सहारनपुर के खान आलमपुरा के रहने वाले मोहम्मद अमान को अंडर-19 क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया है. मोहम्मद अमान आस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली सीरीज में खेलेंगे. खास बात ये है कि अमान के नेतृत्व में पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का बेटे समित द्रविड़ भी खेलेंगे. बहुत ही गरीब परिवार में जन्में मोहम्मद अमान ने क्रिकेट करियर की शुरुआत मोहल्ले की गलियों से की थी. मोहम्मद अमान छोटे भाई-बहनों और मोहल्ले के बच्चों को पैसों का लालच देकर बोलिंग कराता था और खुद बैटिंग करता था.

अमान के दोस्त, बहन और बुआ से बातचीत (ETV Bharat)

अमान के घर में गरीब के चलते पड़े थे खाने के लाले
उसके परिवार के पास क्रिकेट का सामान खरीदने के लिए पैसे नही थे. उसके पिता टेक्सी ड्राइवर थे जिससे उनके परिवार का पालन पोषण हो पाता था. मोहम्मद अमान चार भाई बहनों में बड़ा है तो लिहाजा माता-पिता के निधन के बाद जिम्मेदारियां भी आना लाजमी है. जिसके चलते अमान ने क्रिकेट छोड़ने का मन भी बनाया लेकिन बहन-भाइयों के कहने पर क्रिकेट की कोचिंग जारी रखी. इसके लिए सहारनपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन ने अमान का पूरा सहयोग किया.

आपको बता दें कि जिस वक्त मोहम्मद अमान के परिवार को खाने-पीने के भी लाले पड़े थे. उसी दौरान अमान के सिर पर क्रिकेट का भूत सवार हो गया. टैक्सी पर ड्राइविंग करके पिता मेहताब अमान को क्रिकेट कोचिंग कराना तो दूर उसके लिए एक अच्छा बैट भी नही खरीद पा रहे थे. ऐसे में अमान ने अपनी मां साहिबा से बैट खरीदने की जिद्द की थी. बेटे की जिद्द से मां साहिबा ने एक-एक रुपया जोड़ कर 1100 रुपये का बैट दिलवाया था. जिसे अमान मां की मौत के बाद भी अपने साथ रखते हैं.

अमान की बहन और बुआ ने बताई संघर्ष की कहानी
ईटीवी भारत संवाददाता सहारनपुर के खान आलामपुरा में क्रिकेटर मोहम्मद अमान के घर पहुंचें, जहां देखा जा सकता है कि उसने घर की दीवारों पर प्लास्तर तो हुआ था लेकिन रंगाई-पुताई भी नहीं हुई है. दीवारों का प्लास्तर भी सीलन के कारण उखड़ा हुआ है. उनके घर मे दो कमरे हैं जो खस्ताहाल हैं. तंग गली में रह रही उनका परिवार रहता है.

उनकी बहन सीवा ने बताया कि, 'उसका बड़ा भाई मोहम्मद अमान बहुत मेहनती और लगनशील है. उसने घर पास के खाली प्लाटों में लकड़ी के पट्टे से क्रिकेट खेलते थे. मोहल्ले के छोटे बच्चों से बोलिंग कराते थे और खुद बैटिंग करते थे. छोटे प्लाटों में खेलते खेलते स्टेडियम पहुंच गए. हालांकि स्टेडियम तक पहुंचने में अमान को संघर्ष के साथ-साथ विपरीत परिस्तिथियों का सामना भी करना पड़ा था'.

अमान की बहन बताती हैं कि, 'परिवार की गरीबी उसके करियर में बाधा बनी थी लेकिन उसका जुनून और लगन उसे आगे बढ़ने से नही रोक पाई. माता-पिता ने जैसे तैसे कर्ज के पैसे से अमान को क्रिकेट एकेडमी में दाखिला दिलाया. कोचिंग के दौरान अमान ने अपनी प्रतिभा का ऐसा जलवा बिखेरा कि जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के टूर्नामेंट में अपने बल्ले से रनों की बौछारें कर दी. जिसके चलते मोहम्मद अमान का चयन उत्तर प्रदेश की टीम में हो गया'.

मोहम्मद अमान की बुआ शबनम ने बताया कि, 'उनके भाई मेहताब बहुत गरीब थे. जिनके तीन बेटे और एक बेटी है जिनमें मोहम्मद अमान सबसे बड़े हैं. बचपन से ही उनके भतीजे अमान को क्रिकेट खेलने का शोक था. उसने गली मोहल्ले में खेलना शुरू किया और भूतेश्वर ग्राउंड में खेलने लगा. जहां से सहारनपुर डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसियेशन चेयरमैन अकरम शैफी ने उसकी प्रतिभा को देखा और उसको क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया. गरीबी के चलते अमान के पास बैट तो क्या जूते खरीदने के भी पैसे नही थे. जिसके चलते मोहम्मद अमान ने क्रिकेट छोड़ने का मन भी बना लिया था. बुआ बताती हैं कि जब उसके माता-पिता बैट नही दिलवा पाए तो अमान को कई दिन तक बुखार आ गया था. बेटे को बीमार देख मां ने एक बैट दिलवा दिया था'.

अमान के दोस्त बताए बचपन में मिलते उसे ताने
अंडर-19 क्रिकेट टीम के कप्तान बने मोहम्मद अमान के बचपन के दोस्त हर्ष बताते है कि, 'उनका दोस्त अंडर-19 टीम का कप्तान बन गया है. इससे बड़ी खुशी उनके लिए शायद ही कोई हो. उन्होंने कभी सोचा ही नही था कि उनका दोस्त अंडर-19 टीम इंडिया कप्तान बन जायेगा और जनपद सहारनपुर का नाम रोशन करेगा. अमान की इस उपलब्धि से पूरे जनपद में जश्न का माहौल बना हुआ है. हालांकि जब अमान मोहल्ले में खेलता था तो उस वक्त कई दोस्त यह कहकर उसका मजाक उड़ाते थे कि ये बनेगा विराट कोहली, ये बनेगा धोनी और कपिल देव, लेकिन दोस्तों के मनोबल गिराने वाले कॉमेंट्स को इग्नोर करते हुए वह आगे बढ़ता चला गया. आज विराट कोहली और धोनी के बराबरी कर टीम इंडिया का कप्तान बन गए. जिससे उन दोस्तों का मुंह बंद गया'.

साल 2020 में कोविड के कारण अमान की मां का देहांत हो गया था. इसके बाद 2022 में उनके सिर से पिता का साया भी उठा गया. माता-पिता के निधन के बाद अमान के ऊपर तीन छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी आ गई. बावजूद इसके अमान ने खेल के साथ साथ परिवारिक जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाया.

सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव लतीफुर्र रहमान से बातचीत (ETV Bharat)

सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव ने की अमान की तारीफ
सहारनपुर क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव लतीफुर्र रहमान ने बताया कि, 'अमान के अंदर क्रिकेट को लेकर जुनून के साथ-साथ वह क्रिकेट के प्रति पूरी तरह समर्पित भी है. जिसके चलते माता-पिता की मौत के बावजूद वह अपने लक्ष्य पर फोकस बनाये रखा. अमान की उस उपलब्धि से जहां पूरे जनपद में जश्न का माहौल बना है. इससे जनपद के युवा क्रिकेटरों में भी उम्मीद जगी है. मोहम्मद अमान बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में उभरे हैं'.

2023 में वह सबसे पहले उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम के कप्तान बनाए गए. उनके प्रदर्शन के आधार पर बीसीसीआई ने चैलेंजर ट्रॉफी के लिए उनका चयन इंडिया-ए टीम के लिए किया. चैलेंजर ट्रॉफी में अमान ने दो शतक लगाकर चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था. इसकी बदौलत उन्हें एशिया कप के लिए अंडर-19 भारतीय टीम में जगह दी गई थी. अमान फिलहाल यूपी टी-20 प्रतियोगिता में खेल रहे हैं.

ये खबर भी पढ़ें : मोहम्मद अमान बने भारत के अंडर-19 कप्तान, जानिए कब और कहां खेले जाएंगे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच
Last Updated : Sep 4, 2024, 10:19 AM IST
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