नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक खेलों की शुरुआत 26 जुलाई से होने जा रही है. इन खोलों भारतीय हॉकी टीम हिस्सा लेने वाली है. भारत के लिए ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल हॉकी टीम ने ही जीते है. हॉकी में ही भारत को पहला गोल्ड मेडल मिला था. अब एक बार फिर से पेरिस में भारत की पुरुष हॉकी टीम अपना जलवा बिखेरना चाहेगी. उससे पहले हम आपको ओलंपिक में हॉकी और भारतीय हॉकी के इतिहास के बारे में बनाते वाले हैं. इसके साथ ही इंडियन हॉकी टीम के पूरे शेड्यूल और खेल के कुछ अहम नियमों के बारे में बताएंगे.
ओलंपिक में हॉकी का इतिहास
हॉकी को दुनिया के सबसे पुराने खेल का दर्ज प्राप्त है. प्राप्त जानकारी के अनुसार हॉकी की शुरुआत 1527 में स्कॉटलैंड में मानी जाती है. ओलंपिक खेलों में पुरुष हॉकी को पहली बार 1908 में शामिल किया गया. इसके बाद 1912 और 1924 के ओलंपिक खेलों में हॉकी को शामिल नहीं किया गया. हॉकी को स्थायी रूप से 1928 में ओलंपिक में शमिल किया गया तब से अब तक हॉकी ओलंपिक का प्रमुख खेल बना हुआ है. महिला हॉकी की शुरुआत मॉस्को ओलंपिक 1980 में हुई.
ओलंपिक में भारतीय हॉकी का इतिहास
भारत में साल 1925 में भारतीय हॉकी संघ की स्थापना की गई थी. इसके बाद ओलंपिक में पहली बार भारतीय हॉकी टीम को 1928 में पहली बार हिस्सा लिया. भारत ने पहली बार में ही गोल्ड पर निशाना लगाया. ओलंपिक के इतिहास में भारत हॉकी में कुल 8 गोल्ड मेडल जीत चुका है. भारत ने 1928 से लेकर 1956 तक लगातार 6 गोल्ड मेडल अपने नाम किए. इसके बाद 1964 और 1980 में भारत ने फिर से गोल्ड मेंडल अपने नाम किए. इसके अलावा भारतीय टीम 1960 में सिल्वर, 1968, 1972 और 2020 ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीत चुकी है. ओलंपिक इतिहास में भारत के लिए हॉकी में कुल 12 मेडल आए हैं, जिसमें 8 गोल्ड, 1 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं.
पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए भारतीय पुरुष हॉकी टीम
गोलकीपर: श्रीजेश परट्टू रवींद्रन
डिफेंडर: जरमनप्रीत सिंह, अमित रोहिदास, हरमनप्रीत सिंह, सुमित, संजय
मिडफील्डर: राजकुमार पाल, शमशेर सिंह, मनप्रीत सिंह, हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद
फॉरवर्ड: अभिषेक, सुखजीत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मनदीप सिंह, गुरजंत सिंह
वैकल्पिक एथलीट: नीलकांत शर्मा, जुगराज सिंह, कृष्ण बहादुर पाठक
पेरिस ओलंपिक में इन भारतीय खिलाड़ियो से होगी शानदार प्रदर्शन की आस
- हरमनप्रीत सिंह: भारतीय हॉकी टीम के ड्रैग-फ्लिक सुपरस्टार और कप्तान हरमनप्रीत सिंह से ओलंपिक में टीम को जीत दिलाने की उम्मीद होगी. वो 2020 में ओलंपिक गेम्स में कांस्य पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा थे और उन्होंने टीम की जीत में अहम योगदान दिया था. वो रियो ओलंपिक 2016 का भी हिस्सा रह चुके हैं. अब उनसे पेसिस ओलंपिक 2024 में भी मेडल जीतने की उम्मीद होगी.
- पीआर श्रीजेश: भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश अपना चौथा ओलंपिक खेलने जा रहे हैं. उन्होंने पहला ओलंपिक लंदन 2012 में खेला था. अब उन पर पेरिस ओलंपिक 2024 में टीम की जीत का दारोमदार होगा. वो टीम के लिए जितने गोल बचाएंगे उतना ही भारत को फायदा होगा. इस टूर्नामेंट में उनका बेहतरीन प्रदर्शन करना टीम के लिए मेडल की गारंटी हो सकती है.
- मनदीप सिंह: मनदीप सिंह भारत के लिए दूसरा ओलंपिक खेलने वाले हैं. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक 2020 में हिस्सा लिया था और टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया था. अब उनसे उम्मीद होगी कि वो परेसि ओलंपिक 2024 में बेहतरीन प्रदर्शन कर टीम को मेडल दिला सकें.
- मनप्रीत सिंह: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मिडफील्डर मनप्रीत सिंह से पेरिस 2024 ओलंपिक टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद होगी. मनप्रीत टीम के अनुभवी खिलाड़ी हैं और वो अपना चौथा ओलंपिक खेल रहे हैं. उन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक, 2016 रियो ओलंपिक और 2020 टोक्यो ओलंपिक हिस्सा लिया है.
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का शेड्यूल
- पहला मैच - 27 जुलाई : भारत बनाम न्यूजीलैंड
- दूसरा मैच - 29 जुलाई : भारत बनाम अर्जेंटीना
- तीसरा मैच - 30 जुलाई : भारत बनाम आयरलैंड
- चौथा मैच - 1 अगस्त : भारत बनाम बेल्जियम
- पांचवा मैच - 2 अगस्त : भारत बनाम आस्ट्रेलिया
इन मैचों में जीत के बाद भारत को टॉप 4 टीमों में जगह बनानी होगी. इसके बाद सेमीफाइनल की 4 टीमों में से जीतने वाली 2 टीमों को फाइनल में प्रवेश मिलेगा. फाइनल को जीतने वाली टीम गोल्ड मेडल अपने नाम करेगी. हॉकी के सभी मैच यवेस-डु-मनोयर स्टेडियम में खेले जाएंगे.
हॉकी के अहम नियम
- हॉकी का एक मैच 60 मिनट का होता है, जिसमें 15 मिनट के 4-4 क्वार्टर होते हैं. मैच अगर बराबरी पर छूटता है तो उस स्थिति में अतरिक्त समय जोड़ा जाता है
- हॉकी में हर टीम में 11 खिलाड़ी होते हैं, इसमें गोलकीपर गोल बचाने के लिए खड़ा होता है, उसके अलावा 10 अन्य खिलाड़ी मैदान पर खेलते हैं
- मैच में ज्यादा गोल करने वाली टीम जीत जाती है. स्कोर बराबर होता है तो पेनल्टी शूट-आउट से विजेता का फैसला निकाला जाता है
- शुरुआत में हॉकी का खेल प्राकृतिक घास पर खेला जाता था लेकिन भारी टर्फ के चलते सिंथेटिक टर्फ खेला जाने लगा है
- हॉकी में खिलाड़ी हुक के आकार की छड़ी का इस्तेमाल किया करते हैं, जिसे हॉकी स्टीक कहा जाता है. इससे गेंद को हिट किया जाता है
- हॉकी स्टिक का सिर्फ सपाट हिस्से का खेल के दौरान प्रयोग किया जाता है, घुमावदार हिस्से से खेलने की अनुमति खिलाड़ियों को नहीं है
- गोलकीपरों के अलावा किसी अन्य खिलाड़ी को गेंद अपने हाथों या पैरों से छूने की अमुमित नहीं होती है
- फॉउल (खतरनाक तरीके से खेलना) की वजह से रेफरी दोषी खिलाड़ी को ग्रीन कार्ड (2 मिनट का निलंबन), यलो कार्ड (5 मिनट का निलंबन) या रेड कार्ड ( पूरे मैच से निष्कासन) दे सकता है
- हॉकी पिच 91.40 मीटर लंबी और 55 मीटर चौड़ी होती है. दोनों छोर पर गोल D आकार के शूटिंग एरिया की तरह होता है. गोल सिर्फ विरोधी खिलाड़ी के शूटिंग एरिया के अंदर पर किया जा सकता है