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सड़क पर चाय बेचने वाली ये 'दंगल गर्ल' अब एशियाई कुश्ती में महिला पहलवानों को धूल चटाएगी - Asian Wrestling Championship

गोरखपुर की होनहार बेटी (Promising Daughter of Gorakhpur) पुष्पा यादव ने एशियाई चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है. पुष्पा ने पटियाला में 10 से 11 मार्च को आयोजित ट्रायल में पहला स्थान प्राप्त किया था.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 14, 2024, 9:55 AM IST

गोरखपुर : पिता के साथ सड़क पर चाय बेचने वाली गोरखपुर जिले की बेटी पुष्पा यादव ने एशियाई चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है. पुष्पा यादव सीनियर वर्ग के 59 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. पुष्पा की सफलता पर कोच चंद्र विजय सहित अन्य खेल प्रेमियों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी पुष्पा यादव दंगल गर्ल बनकर गोरखपुर और शहरवासियों का नाम रोशन किया है. जिले के माड़ापार की रहने वाली पुष्पा उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात हैं. वह पटियाला में 10 से 11 मार्च को आयोजित ट्रायल में दमदार प्रदर्शन करते हुए, 59 किलो भार वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया और एशियाई चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है.


जयपुर और पुणे में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में भी उन्होंने रजत पदक जीत कर एशियाई चैंपियनशिप ट्रायल के लिए अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया था. पुष्पा अप्रैल में कजाकिस्तान में होने वाले एशियाई चैंपियनशिप में अपने भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. पुष्पा पांच भाई बहनों में चौथे नंबर की हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक विद्यालय से पूरी की और ग्रेजुएशन के लिए गोरखपुर के संस्कृत महाविद्यालय में (प्राइवेट) एडमिशन लिया है. फिलहाल वह लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात है. पुष्पा का कहना है कि गाजियाबाद में ट्रेनिंग के लिए वह स्पेयर है, जहां चैंपियनशिप के लिए उनकी तैयारी चल रही हैं. उसके बड़े भाई कहते हैं कि हमारा जीवन बेहद गरीबी में बीता है. पुष्पा जब 4 साल की थी तभी मां नहीं रहीं. परिवार की पूरी जिम्मेदारी अकेले पिता पर आ गई थी, जो गांव के बाहर चाय की दुकान चलाते थे. जहां पुष्पा भी पिता का हाथ बंटाने लगी.


पुष्पा के बड़े भाई का कहना है कि पुष्पा बचपन से चंचल और शरारती थी. खेलकूद में उसका मन खूब लगता था. शुरू में तो वह एथलीट बनने की सोचती थी, क्योंकि जीवन के शुरुआती दौर में मैंने भी पहलवानी की थी, लेकिन पारिवारिक समस्याओं की वजह से आगे नहीं बढ़ सका. इसलिए पिता ने पुष्पा को पहलवान बनाने की सोची और कोचिंग कराने के लिए रेलवे स्टेडियम भेजने लगे. पुष्पा की सफलता पर खेल प्रेमियों सहित कुश्ती कोच एवं सहायक अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं.

गोरखपुर : पिता के साथ सड़क पर चाय बेचने वाली गोरखपुर जिले की बेटी पुष्पा यादव ने एशियाई चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई कर लिया है. पुष्पा यादव सीनियर वर्ग के 59 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. पुष्पा की सफलता पर कोच चंद्र विजय सहित अन्य खेल प्रेमियों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं. ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी पुष्पा यादव दंगल गर्ल बनकर गोरखपुर और शहरवासियों का नाम रोशन किया है. जिले के माड़ापार की रहने वाली पुष्पा उत्तर प्रदेश पुलिस में कांस्टेबल के पद पर लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात हैं. वह पटियाला में 10 से 11 मार्च को आयोजित ट्रायल में दमदार प्रदर्शन करते हुए, 59 किलो भार वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया और एशियाई चैंपियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है.


जयपुर और पुणे में आयोजित नेशनल चैंपियनशिप में भी उन्होंने रजत पदक जीत कर एशियाई चैंपियनशिप ट्रायल के लिए अपना स्थान सुनिश्चित कर लिया था. पुष्पा अप्रैल में कजाकिस्तान में होने वाले एशियाई चैंपियनशिप में अपने भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी. पुष्पा पांच भाई बहनों में चौथे नंबर की हैं. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही एक विद्यालय से पूरी की और ग्रेजुएशन के लिए गोरखपुर के संस्कृत महाविद्यालय में (प्राइवेट) एडमिशन लिया है. फिलहाल वह लखनऊ पुलिस लाइन में तैनात है. पुष्पा का कहना है कि गाजियाबाद में ट्रेनिंग के लिए वह स्पेयर है, जहां चैंपियनशिप के लिए उनकी तैयारी चल रही हैं. उसके बड़े भाई कहते हैं कि हमारा जीवन बेहद गरीबी में बीता है. पुष्पा जब 4 साल की थी तभी मां नहीं रहीं. परिवार की पूरी जिम्मेदारी अकेले पिता पर आ गई थी, जो गांव के बाहर चाय की दुकान चलाते थे. जहां पुष्पा भी पिता का हाथ बंटाने लगी.


पुष्पा के बड़े भाई का कहना है कि पुष्पा बचपन से चंचल और शरारती थी. खेलकूद में उसका मन खूब लगता था. शुरू में तो वह एथलीट बनने की सोचती थी, क्योंकि जीवन के शुरुआती दौर में मैंने भी पहलवानी की थी, लेकिन पारिवारिक समस्याओं की वजह से आगे नहीं बढ़ सका. इसलिए पिता ने पुष्पा को पहलवान बनाने की सोची और कोचिंग कराने के लिए रेलवे स्टेडियम भेजने लगे. पुष्पा की सफलता पर खेल प्रेमियों सहित कुश्ती कोच एवं सहायक अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं.

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