पटना: बिहार में लगातार खेलों को खेलों को प्रोत्साहन देने के लिए कई आयोजन किए जा रहे हैं और यहां के खिलाड़ी भी जमकर भाग ले रहे हैं. इसी कड़ी में यहां प्रथम बिहार वॉलीबॉल लीग का आयोजन किया गया है. इस टूर्नामेंट डायरेक्टर भारतीय टीम के पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी और अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित जीई श्रीधरन हैं. इस पूरे टूर्नामेंट में 6 टीमें हिस्सा ले रही है और 12 सितंबर तक लीग मुकाबला होगा और 13 सितंबर को रेस्ट डे है.
जानें फाइनल की तारीख: 14 सितंबर को सेमीफाइनल का मुकाबला होगा और 15 सितंबर को फाइनल मुकाबला होगा. बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन बिहार राज्य वॉलीबॉल टीम के लिए होगा. वॉलीबॉल लीग के उद्घाटन के मौके पर बिहार के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने कहा कि बिहार में पहले भी वॉलीबॉल काफी आगे था. बीते दिनों वॉलीबॉल में जो कमी आई है उसकी अब भरपाई होगी और आने वाले समय में बिहार में इसमें काफी आगे बढ़ेगा.
"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में खेलो इंडिया का शुभारंभ किया गया है. इसके अलावा बिहार में मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना चल रही है. बिहार में खेल को लेकर के बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है. खेल को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए हर पंचायत में खेल का मैदान बन रहा है."- सुरेंद्र मेहता, खेल मंत्री, बिहार
पहली बार इनडोर स्टेडियम में टूर्नामेंट: वहीं इस मौके पर बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि बिहार वॉलीबॉल लीग की सबसे बड़ी खासियत है कि पहली बार इनडोर स्टेडियम में बिहार में ऐसा टूर्नामेंट हो रहे है. इसमें फ्लड लाइट का इस्तेमाल हो रहा है. ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में जो टेरा फ्लेक्स इस्तेमाल किया जाता है, वह यहां बिछाया गया है. इस तरह के इनडोर टेराफ्लेक्स में खेलने का बिहार के खिलाड़ियों को पहली बार अवसर मिल रहा है. आने वाले समय में हर खेलों में बिहार के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते नजर आएंगे.
बिहार टीम के लिए खिलाड़ी होंगे चयनित: रवीन्द्रण शंकरण ने बताया कि इस टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का चयन बिहार वॉलीबॉल टीम के लिए होगा. इन्हें प्रशिक्षण के लिए राजगीर खेल अकादमी में भेजा जाएगा. सरकार की खर्च पर इन खिलाड़ियों का प्रशिक्षण होगा. खिलाड़ियों को इस प्रकार तैयार किया जाएगा कि अगले 2 साल के बाद नेशनल में वो मेडल लेकर आए. वहीं ओलंपिक में बिहार के खिलाड़ियों के भागीदारी और पैरालंपिक में मेडल लाने पर रविंद्रन संकरण ने कहा कि अभी तो यह शुरुआत है. हम लोग मेडल के नजदीक चल गए हैं और मेडल आने भी शुरू हो गए हैं.
पैरालंपिक में बिहार के खिलाड़ियों का बेहतर प्रदर्शन: रवीन्द्रण शंकरण ने कहा कि शरद ने पैरालंपिक में मेडल लाया है, वहीं शैलेश चौथे स्थान पर रह गया. शैलेश का भी प्रदर्शन बेहद शानदार माना जाएगा. ओलंपिक में भी बिहार से श्रेयसी सिंह गई थी. इसकी शुरुआत 2028 में भागीदारी को लेकर की थी लेकिन 2024 में ही बिहार के खिलाड़ियों की भागीदारी ओलंपिक में दिखने लगी है, जो भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
"2028 ओलंपिक में बिहार के खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व भारतीय टीम में और बढ़ेगा. जिस प्रकार उन लोगों की तैयारी है 2032 ओलंपिक में बिहार के कई खिलाड़ी होंगे जो ओलंपिक में मेडल लेकर आएंगे."-रवीन्द्रण शंकरण, बिहार राज्य खेल प्राधिकरण
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