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Exclusive : मुरलीकांत पेटकर बोले, 'विनेश फोगाट खुद अयोग्य ठहराए जाने के लिए जिम्मेदार हैं' - Murlikant Petkar Interview

Murlikant Petkar Exclusive Interview : भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मुरलीकांत पेटकर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट के वजन को बनाए रखने की जिम्मेदारी उनके कोच की थी, इसलिए किसी और को दोष नहीं दिया जा सकता. पढे़ं पूरी खबर

Murlikant Petkar Exclusive Interview
मुरलीकांत पेटकर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 29, 2024, 5:20 PM IST

Updated : Aug 29, 2024, 5:28 PM IST

छत्रपति संभाजी नगर (महाराष्ट्र) : भारत के पहले पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित मुरलीकांत पेटकर ने कहा कि पेरिस ओलंपिक 2024 के दौरान विनेश फोगाट और उनके कोच की जिम्मेदारी थी कि वे लगातार उनके वजन की जांच करें. विनेश को पेरिस खेलों में महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती स्पर्धा से अयोग्य ठहराया गया था, क्योंकि स्वर्ण पदक मुकाबले की सुबह उनका वजन निर्धारित वजन से 100 ग्राम अधिक पाया गया था. इस घटना के बाद, उन्होंने कोर्ट फॉर आर्बिट्रेशन ऑफ स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी कि उन्हें संयुक्त रजत पदक दिया जाए, जिसे कोर्ट ने 14 अगस्त को एक लाइन के बयान के साथ खारिज कर दिया.

मुरलीकांत पेटकर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (ETV Bharat)

ईटीवी भारत से खास बातचीत में, पेटकर ने कहा, 'पेरिस खेलों के दौरान विनेश फोगाट और उनके कोच का काम यह सुनिश्चित करना था कि उनका वजन निर्धारित वजन के अनुसार रहे और इसलिए वहां जो कुछ हुआ उसके लिए वे ही जिम्मेदार हैं. किसी और को दोषी ठहराना गलत है'.

उन्होंने कहा, 'खिलाड़ियों को तब पब्लिसिटी देना मीडिया का काम है जब वे स्टार बन रहे हों. लोगों को हर बार एथलीटों पर ध्यान देने और दुनिया को जानकारी देने में मदद करने के लिए फिल्म बनाना अनावश्यक है'.

ओलंपिक के समापन के बाद, 28 अगस्त को पेरिस पैरालंपिक खेल शुरू हुए. स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालंपिक एथलीट बने पेटकर ने पूरा विश्वास जताया कि देश पेरिस में होने वाली प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करेगा. दल में केवल अच्छे खिलाड़ी होने से काम नहीं चलेगा, बल्कि आपको अच्छे कोच की भी जरूरत है, जिसकी कमी भारत को हाल ही में हुए ओलंपिक खेलों में दिखी.

Murlikant Petkar Exclusive Interview
मुरलीकांत पेटकर (ETV Bharat)

पेटकर ने कहा, 'हालांकि, भारत पैरालंपिक प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. मुझ पर फिल्माई गई फिल्म - 'चंदू चैंपियन' को रिलीज होने के बाद भारतीय दल को दिखाया गया और खिलाड़ियों को इसमें संघर्ष देखने से प्रेरणा मिली. इसलिए, मुझे पूरा विश्वास है कि हम अधिकतम पदक जीतेंगे'.

79 वर्षीय इस खिलाड़ी ने इस बात पर भी जोर दिया कि हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक में भारत के कम से कम 1 स्वर्ण पदक जीतने से चूकने के बाद वह दुखी महसूस कर रहे थे.

पद्मश्री मुरलीकांत पेटकर ने कहा, 'मैं भारत के प्रदर्शन से व्यथित हूं, क्योंकि 140 करोड़ की आबादी वाला देश ओलंपिक में कम से कम एक भी स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया.

पेटकर ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा, 'देश में खेलों की स्थिति सुधर रही है. कई जगहों पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. लेकिन, देश में स्थिति यह है कि जहां सुविधाएं हैं, वहां खिलाड़ी नहीं हैं और जहां खिलाड़ी हैं, वहां सुविधाएं नहीं हैं. ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में आपको अच्छे खिलाड़ी मिल सकते हैं. लेकिन ऐसी कोई सुविधा नहीं है. गांवों में बच्चे ज्यादा फुर्तीले होते हैं, इसलिए शहरों के बजाय छोटे गांवों में खेलों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जाना चाहिए'.

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मुरलीकांत पेटकर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू (ETV Bharat)

ईटीवी भारत से खास बातचीत में, पेटकर ने कहा, 'पेरिस खेलों के दौरान विनेश फोगाट और उनके कोच का काम यह सुनिश्चित करना था कि उनका वजन निर्धारित वजन के अनुसार रहे और इसलिए वहां जो कुछ हुआ उसके लिए वे ही जिम्मेदार हैं. किसी और को दोषी ठहराना गलत है'.

उन्होंने कहा, 'खिलाड़ियों को तब पब्लिसिटी देना मीडिया का काम है जब वे स्टार बन रहे हों. लोगों को हर बार एथलीटों पर ध्यान देने और दुनिया को जानकारी देने में मदद करने के लिए फिल्म बनाना अनावश्यक है'.

ओलंपिक के समापन के बाद, 28 अगस्त को पेरिस पैरालंपिक खेल शुरू हुए. स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालंपिक एथलीट बने पेटकर ने पूरा विश्वास जताया कि देश पेरिस में होने वाली प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करेगा. दल में केवल अच्छे खिलाड़ी होने से काम नहीं चलेगा, बल्कि आपको अच्छे कोच की भी जरूरत है, जिसकी कमी भारत को हाल ही में हुए ओलंपिक खेलों में दिखी.

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मुरलीकांत पेटकर (ETV Bharat)

पेटकर ने कहा, 'हालांकि, भारत पैरालंपिक प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. मुझ पर फिल्माई गई फिल्म - 'चंदू चैंपियन' को रिलीज होने के बाद भारतीय दल को दिखाया गया और खिलाड़ियों को इसमें संघर्ष देखने से प्रेरणा मिली. इसलिए, मुझे पूरा विश्वास है कि हम अधिकतम पदक जीतेंगे'.

79 वर्षीय इस खिलाड़ी ने इस बात पर भी जोर दिया कि हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक में भारत के कम से कम 1 स्वर्ण पदक जीतने से चूकने के बाद वह दुखी महसूस कर रहे थे.

पद्मश्री मुरलीकांत पेटकर ने कहा, 'मैं भारत के प्रदर्शन से व्यथित हूं, क्योंकि 140 करोड़ की आबादी वाला देश ओलंपिक में कम से कम एक भी स्वर्ण पदक नहीं जीत पाया.

पेटकर ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा, 'देश में खेलों की स्थिति सुधर रही है. कई जगहों पर व्यवस्थाएं की जा रही हैं. लेकिन, देश में स्थिति यह है कि जहां सुविधाएं हैं, वहां खिलाड़ी नहीं हैं और जहां खिलाड़ी हैं, वहां सुविधाएं नहीं हैं. ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर आदिवासी क्षेत्रों में आपको अच्छे खिलाड़ी मिल सकते हैं. लेकिन ऐसी कोई सुविधा नहीं है. गांवों में बच्चे ज्यादा फुर्तीले होते हैं, इसलिए शहरों के बजाय छोटे गांवों में खेलों को प्राथमिकता देने का प्रयास किया जाना चाहिए'.

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Last Updated : Aug 29, 2024, 5:28 PM IST
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