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Exclusive : कोच मदन शर्मा बोले- धवन को बचपन से थी रनों की भूख, आउट होने पर करता था अफसोस - Shikhar Dhawan Coach Interview

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By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 25, 2024, 2:28 PM IST

शिखर धवन के संन्यास के बाद बचपन के कोच मदन शर्मा ने अपने विचार साझा किए. शर्मा ने धवन के फैसले के बारे में मिली जुली भावनाएं व्यक्त कीं. मदन शर्मा ने ईटीवी भारत की सुरभि गुप्ता के साथ एक विशेष साक्षात्कार में अपनी भावनाओं को साझा किया. पढ़ें पूरी खबर...

Shikhar Dhawan
शिखर धवन (ETV Bharat Graphics)

नई दिल्ली : भारतीय टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन ने शनिवार को क्रिकेट को अलविदा कह दिया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर धवन ने 14 साल के क्रिकेट करियर में सपोर्ट करने वाले तमाम लोगों को धन्यवाद दिया. धवन के संन्यास के बाद क्रिकेट जगत के दिग्गज लोगों ने उनके सफल करियर की बधाई दी.

शिखर धवन के कोच का इंटरव्यू (ETV Bharat)

शिखर धवन के संन्यास के बाद बचपन के कोच मदन शर्मा ने अपने विचार साझा किए. शर्मा ने धवन के फैसले के बारे में मिली जुली भावनाएं व्यक्त कीं. मदन शर्मा ने कहा कि अगर वह 2023 विश्व कप में भाग लेते तो यह अधिक शानदार विदाई होती. इसके अलावा उन्होंने ईटीवी भारत को दिए गए अपने इंटरव्यू में कईं महत्वपूर्ण बातें बोली.

टीम इंडिया में प्रदर्शन सराहनीय
युवा प्रतिभा से लेकर मशहूर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने तक के धवन के सफर के उतार-चढ़ाव पर प्रकाश डालते हुए, बचपन के कोच मदन शर्मा ने कहा कि जब वे टीम इंडिया का हिस्सा थे, तब उनका प्रदर्शन टीम के लिए सराहनीय था. बचपन के कोच मदन शर्मा ने कहा, 'मैं उनके संन्यास पर दुखी भी हूं और खुश भी. मैं खुश हूँ क्योंकि वे लंबे समय तक भारत के लिए खेले और अच्छा प्रफॉर्मेंस रहा है. इसके अलावा उन्होंने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा, मुझे लगता है कि अगर वह 2023 विश्व कप में खेलते तो बेहतर रिटायरमेंट होता.

बचपन से ही हो गया था जुड़ाव
मदन शर्मा ने बताया कि मेरा धवन के साथ जुड़ाव बचपन में ही शुरू हो गया था, जब धवन बचपन में स्कूल जाते थे. वह 12 साल की उम्र में अभ्यास के लिए मेरे पास आया था. मैं उसी स्कूल में कोच था, जहां वह पढ़ता था. उसमें जुनून था, उसे मैच हारने का दर्द महसूस होता था, लेकिन उसमें रनों की भूख थी. हमने उसकी क्षमता देखी और माना कि उसमें सफल होने की क्षमता है. कोच ने याद किया कि धवन की यात्रा में लगातार प्रगति हुई.

इसके अलावा शर्मा ने दिल्ली के राज्य स्तरीय टूर्नामेंटों में अपने शुरुआती दिनों और अंडर-16 और अंडर-19 श्रेणियों में अपने प्रदर्शन के बारे में बताया. उन्होंने कहा, 'वह एशिया कप में खेला और धीरे-धीरे आगे बढ़ा. शिखर धवन की बाकी कहानी जगजाहिर है.

टेस्ट डेब्यू में शतक की उम्मीद नहीं थी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन के टेस्ट डेब्यू मैच के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, 2013 में, यह एक शानदार डेब्यू था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में दुनिया का सबसे तेज शतक बनाया. किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी, खासकर यह देखते हुए कि 2010 की वनडे सीरीज में उन्हें संघर्ष करना पड़ा था. यह उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा था, भारत के लिए खेलने की उनकी महत्वाकांक्षा पूरी हुई.

वनडे डेब्यू में शून्य पर हुए थे आउट
बता दें, धवन के शुरुआती करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने 20 अक्टूबर, 2010 को विशाखापत्तनम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया. दुर्भाग्य से, डेब्यू मैच में धवन को क्लिंट मैके ने शून्य पर आउट कर दिया था. उनके करियर का शुरुआती चरण असंगत था क्योंकि वह अपनी घरेलू सफलता को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन में बदलने के लिए संघर्ष करते रहे.

यह भी पढ़ें : शिखर धवन के नाम दर्ज हैं ये शानदार रिकॉर्ड्स, एक को तोड़ पाना लगभग नामुमकिन

नई दिल्ली : भारतीय टीम के बाएं हाथ के बल्लेबाज शिखर धवन ने शनिवार को क्रिकेट को अलविदा कह दिया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर धवन ने 14 साल के क्रिकेट करियर में सपोर्ट करने वाले तमाम लोगों को धन्यवाद दिया. धवन के संन्यास के बाद क्रिकेट जगत के दिग्गज लोगों ने उनके सफल करियर की बधाई दी.

शिखर धवन के कोच का इंटरव्यू (ETV Bharat)

शिखर धवन के संन्यास के बाद बचपन के कोच मदन शर्मा ने अपने विचार साझा किए. शर्मा ने धवन के फैसले के बारे में मिली जुली भावनाएं व्यक्त कीं. मदन शर्मा ने कहा कि अगर वह 2023 विश्व कप में भाग लेते तो यह अधिक शानदार विदाई होती. इसके अलावा उन्होंने ईटीवी भारत को दिए गए अपने इंटरव्यू में कईं महत्वपूर्ण बातें बोली.

टीम इंडिया में प्रदर्शन सराहनीय
युवा प्रतिभा से लेकर मशहूर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने तक के धवन के सफर के उतार-चढ़ाव पर प्रकाश डालते हुए, बचपन के कोच मदन शर्मा ने कहा कि जब वे टीम इंडिया का हिस्सा थे, तब उनका प्रदर्शन टीम के लिए सराहनीय था. बचपन के कोच मदन शर्मा ने कहा, 'मैं उनके संन्यास पर दुखी भी हूं और खुश भी. मैं खुश हूँ क्योंकि वे लंबे समय तक भारत के लिए खेले और अच्छा प्रफॉर्मेंस रहा है. इसके अलावा उन्होंने अपना दुख जाहिर करते हुए कहा, मुझे लगता है कि अगर वह 2023 विश्व कप में खेलते तो बेहतर रिटायरमेंट होता.

बचपन से ही हो गया था जुड़ाव
मदन शर्मा ने बताया कि मेरा धवन के साथ जुड़ाव बचपन में ही शुरू हो गया था, जब धवन बचपन में स्कूल जाते थे. वह 12 साल की उम्र में अभ्यास के लिए मेरे पास आया था. मैं उसी स्कूल में कोच था, जहां वह पढ़ता था. उसमें जुनून था, उसे मैच हारने का दर्द महसूस होता था, लेकिन उसमें रनों की भूख थी. हमने उसकी क्षमता देखी और माना कि उसमें सफल होने की क्षमता है. कोच ने याद किया कि धवन की यात्रा में लगातार प्रगति हुई.

इसके अलावा शर्मा ने दिल्ली के राज्य स्तरीय टूर्नामेंटों में अपने शुरुआती दिनों और अंडर-16 और अंडर-19 श्रेणियों में अपने प्रदर्शन के बारे में बताया. उन्होंने कहा, 'वह एशिया कप में खेला और धीरे-धीरे आगे बढ़ा. शिखर धवन की बाकी कहानी जगजाहिर है.

टेस्ट डेब्यू में शतक की उम्मीद नहीं थी
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शिखर धवन के टेस्ट डेब्यू मैच के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, 2013 में, यह एक शानदार डेब्यू था. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट मैच में दुनिया का सबसे तेज शतक बनाया. किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी, खासकर यह देखते हुए कि 2010 की वनडे सीरीज में उन्हें संघर्ष करना पड़ा था. यह उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा था, भारत के लिए खेलने की उनकी महत्वाकांक्षा पूरी हुई.

वनडे डेब्यू में शून्य पर हुए थे आउट
बता दें, धवन के शुरुआती करियर में चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने 20 अक्टूबर, 2010 को विशाखापत्तनम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना वनडे डेब्यू किया. दुर्भाग्य से, डेब्यू मैच में धवन को क्लिंट मैके ने शून्य पर आउट कर दिया था. उनके करियर का शुरुआती चरण असंगत था क्योंकि वह अपनी घरेलू सफलता को अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन में बदलने के लिए संघर्ष करते रहे.

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