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ओलंपिक से 10 गुना कम बजट, तब भी पैरा एथलीट्स ने पेरिस में बचाई भारत की लाज - Paris Paralympics 2024

Paris Paralympics 2024 : पेरिस ओलंपिक के लिए सरकार द्वारा खर्च किए गए पैसे से 10 गुना कम बजट के बावजूद भारत के पैरा एथलीट्स ने पेरिस पैरालंपिक में अपना जलवा बिखेरा है. पढे़ं पूरी खबर.

Paris Paralympics 2024
पेरिस पैरालंपिक 2024 (IANS Photo)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Sep 8, 2024, 12:22 PM IST

नई दिल्ली : अगर किस्मत में लिखा हो तो राजा रंक बन सकता है और रंक राजा. कुछ ऐसा ही दौर दूर देश के शहर पेरिस में चल रहा है. ओलंपिक के मंच पर जहां भारत कभी तकदीर की मार, तो कभी नियमों का उलाहना दे अपनी नाकामियां छुपा रहा था. अब उसी मंच पर भारत अपना दबदबा दुनिया के सामने पेश कर रहा है. बस फर्क इतना है कि इस बार टूर्नामेंट पैरालंपिक है.

पैरालंपिक में अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ते हुए देश ने कुल मेडलों का अर्धशतक पूरा किया. पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 29 (7 गोल्ड, 9 सिल्वर, 13 ब्रॉन्ज) अपने नाम कर लिए हैं, और अब भी कई मेडल आने की संभावना है. दूसरी तरफ पेरिस ओलंपिक में जहां भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं, वहां कुल 6 मेडल (1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज) देश के नाम रहे.

तीरंदाजी में भारत ने ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीता था, ये सपना भी पैरा एथलीट ने पूरा किया. ओलंपिक में भारत ने कुल 117 सदस्यीय दल उतारा था, जबकि पैरालंपिक में इसकी संख्या 86 थी. लेकिन पदक के मामले में दोनों के बीच का अंतर काफी बड़ा है.

मजेदार बात यह है कि इस उम्दा परफॉर्मेंस की उम्मीद पैरा-एथलीटों से किसी ने नहीं की थी. या यूं कह लीजिए सभी ने उनको कम आंका. बेशक अंक तालिका पर यहां भी चीन, ग्रेट ब्रिटेन और यूएस का कब्जा हो लेकिन भारत भी टॉप-20 में शामिल है.

चाहे बात सुविधा, बजट या खिलाड़ियों को मिलने वाले इनाम की हो, हर पैमाने पर ओलंपिक में खेलने वाले खिलाड़ियों का बोलबाला रहा है. इस बात का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि जितना खर्च भारतीय सरकार ओलंपिक के लिए करती है उसका 5-10 प्रतिशत खर्च पैरालंपिक पर नहीं होता. उदाहरण के लिए- ओलंपिक का बजट 500 करोड़ है, तो पैरालंपिक पर यह बजट 20-30 करोड़ होगा. मगर, जब बात प्रदर्शन की हो तो इन पैरा एथलीटों ने खुद की काबिलियत दुनिया के सामने पेश की.

टोक्यो में कुल 19 पदक के उम्दा प्रदर्शन के बाद पैरा-एथलीटों ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. इसके बाद से मौजूदा सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ ने पैरा खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा और ट्रेनिंग देने के लिए कई बड़े कदम उठाए. पीएम मोदी भी लगातार खिलाड़ियों से बात और उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं. इन तमाम कोशिशों की बदौलत आज भारतीय पैरा एथलीटों ने नई मिसाल कायम की.

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नई दिल्ली : अगर किस्मत में लिखा हो तो राजा रंक बन सकता है और रंक राजा. कुछ ऐसा ही दौर दूर देश के शहर पेरिस में चल रहा है. ओलंपिक के मंच पर जहां भारत कभी तकदीर की मार, तो कभी नियमों का उलाहना दे अपनी नाकामियां छुपा रहा था. अब उसी मंच पर भारत अपना दबदबा दुनिया के सामने पेश कर रहा है. बस फर्क इतना है कि इस बार टूर्नामेंट पैरालंपिक है.

पैरालंपिक में अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ते हुए देश ने कुल मेडलों का अर्धशतक पूरा किया. पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 29 (7 गोल्ड, 9 सिल्वर, 13 ब्रॉन्ज) अपने नाम कर लिए हैं, और अब भी कई मेडल आने की संभावना है. दूसरी तरफ पेरिस ओलंपिक में जहां भारत को सबसे ज्यादा उम्मीदें थीं, वहां कुल 6 मेडल (1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज) देश के नाम रहे.

तीरंदाजी में भारत ने ओलंपिक में एक भी मेडल नहीं जीता था, ये सपना भी पैरा एथलीट ने पूरा किया. ओलंपिक में भारत ने कुल 117 सदस्यीय दल उतारा था, जबकि पैरालंपिक में इसकी संख्या 86 थी. लेकिन पदक के मामले में दोनों के बीच का अंतर काफी बड़ा है.

मजेदार बात यह है कि इस उम्दा परफॉर्मेंस की उम्मीद पैरा-एथलीटों से किसी ने नहीं की थी. या यूं कह लीजिए सभी ने उनको कम आंका. बेशक अंक तालिका पर यहां भी चीन, ग्रेट ब्रिटेन और यूएस का कब्जा हो लेकिन भारत भी टॉप-20 में शामिल है.

चाहे बात सुविधा, बजट या खिलाड़ियों को मिलने वाले इनाम की हो, हर पैमाने पर ओलंपिक में खेलने वाले खिलाड़ियों का बोलबाला रहा है. इस बात का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि जितना खर्च भारतीय सरकार ओलंपिक के लिए करती है उसका 5-10 प्रतिशत खर्च पैरालंपिक पर नहीं होता. उदाहरण के लिए- ओलंपिक का बजट 500 करोड़ है, तो पैरालंपिक पर यह बजट 20-30 करोड़ होगा. मगर, जब बात प्रदर्शन की हो तो इन पैरा एथलीटों ने खुद की काबिलियत दुनिया के सामने पेश की.

टोक्यो में कुल 19 पदक के उम्दा प्रदर्शन के बाद पैरा-एथलीटों ने सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. इसके बाद से मौजूदा सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ ने पैरा खिलाड़ियों को बेहतर सुविधा और ट्रेनिंग देने के लिए कई बड़े कदम उठाए. पीएम मोदी भी लगातार खिलाड़ियों से बात और उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं. इन तमाम कोशिशों की बदौलत आज भारतीय पैरा एथलीटों ने नई मिसाल कायम की.

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