श्रीनगर : श्रीनगर, कश्मीर के 21 वर्षीय पावरलिफ्टिंग सनसनी फरदीम हुसैन शुक्रवार को इंटरनेशनल फिटनेस एंड बॉडीबिल्डिंग फेडरेशन (IBFF) पावरलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए बैंकॉक, थाईलैंड के लिए रवाना हुए. युवा एथलीट की वैश्विक मंच पर यात्रा इस साल की शुरुआत में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद हुई है, जब उन्होंने हरियाणा के गुरुग्राम में राष्ट्रीय स्तर की वर्ल्ड रॉ पावरलिफ्टिंग फेडरेशन (WRPF) प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था. जुलाई में हुसैन की जीत ने उन्हें यह सम्मान हासिल करने वाला पहला कश्मीरी पावरलिफ्टर बना दिया.
ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए हुसैन के कोच और मेंटर इश्तियाक अहमद खान ने अपने आयरन एथलीट की असाधारण उपलब्धियों और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में उनके सफर के बारे में बताया. खान ने कहा, 'जुलाई में फरदीम ने न केवल सभी को गौरवान्वित किया, बल्कि डब्ल्यूआरपीएफ की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास भी रच दिया. वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले कश्मीरी पावरलिफ्टर बन गए'.
उन्होंने आगे कहा, 'गुरुग्राम में आयोजित डब्ल्यूआरपीएफ प्रतियोगिता में भारत भर के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 500 एथलीट शामिल हुए. खान ने बैंकॉक में उनकी सफलता की उम्मीद जताते हुए कहा, 'इस उपलब्धि ने अब फरदीम के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी ताकत और कौशल दिखाने का मार्ग प्रशस्त किया है'.
आईबीएफएफ पावरलिफ्टिंग विश्व चैंपियनशिप में दुनिया भर के शीर्ष एथलीटों के भाग लेने की उम्मीद है, जिससे हुसैन की भागीदारी का महत्व और बढ़ गया है. उनके कोच खान ने इस गतिशील लिफ्टर के लिए अपनी उम्मीदें साझा करते हुए कहा, 'मैं उनकी सफलता के लिए प्रार्थना करता हूं, और मुझे विश्वास है कि वह भारत और कश्मीर को गौरव दिलाएंगे. वह हम सभी को फिर से गौरवान्वित करेंगे'.
बैंकॉक की अपनी फ्लाइट से पहले ईटीवी भारत से बात करते हुए हुसैन ने अपना उत्साह और आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा, 'विश्व चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है. यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है, और मैं अपने गुरु इश्तियाक खान, अपने परिवार और अपने सभी शुभचिंतकों का उनके अटूट समर्थन के लिए आभारी हूं. मैं स्वर्ण पदक के लिए पूरी तरह तैयार हूं, और इंशाअल्लाह, मैं यह जरूर करूंगा'.
फरदीम हुसैन ने अपनी कठोर ट्रेनिंग पर भी प्रकाश डाला, जिसे उन्होंने विश्व मंच की तैयारी के लिए और भी तेज कर दिया है. उन्होंने कहा, 'मैंने मानसिक शक्ति के साथ-साथ ताकत, सहनशक्ति और तकनीक के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है. मुझे अपनी क्षमताओं पर भरोसा है, और मैं दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पावरलिफ्टरों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के अनुभव से सीखने के लिए उत्सुक हूं'.