चेन्नई: हंगरी में आयोजित 45वें शतरंज ओलंपियाड में भारतीय पुरुष टीम और महिला टीम दोनों ने गोल्ड जीतकर रिकॉर्ड बनाया है. गुकेश, प्रगनानंदा, हरि कृष्णा, विदित गुजराती और अर्जुन एरिकैसी की भारतीय टीम ने ओपन वर्ग में स्वर्ण पदक जीता और दिव्या देशमुख, वंदिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और अभिजीत कुंडे डी. हरिका, वैशाली और दिव्या देशमुख ने महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीता.
घर लौटा स्वर्ण पुत्र
इसके बाद टीम के स्टार खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर गुकेश हंगरी से फ्लाइट से चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचे. तमिलनाडु खेल विकास प्राधिकरण द्वारा उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. इसके बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'इस सीरीज में हम सभी अच्छी फॉर्म में थे. पहले 3 राउंड के अंत में यह स्पष्ट हो गया. मैं उम्मीद कर रहा था कि चीन के मौजूदा विश्व चैंपियन डिंग लिरिन मेरे साथ खेलेंगे.
गुकेश ने आगे बोला, 'भले ही वह नहीं आया, मैं उसके विकल्प के लिए भी तैयार था. कप्तान श्रीनाथ व्युगम ने मुझे पहला बोर्ड खिलाया और यही कारण है कि मैं और एरिक्सी लगातार जीत हासिल करने में सफल रहे. चेन्नई में आयोजित पिछले शतरंज ओलंपियाड में हम फाइनल राउंड में पहुंचे थे.
🇮🇳 India wins the 45th FIDE #ChessOlympiad! 🏆 ♟️
— International Chess Federation (@FIDE_chess) September 22, 2024
Congratulations to Gukesh D, Praggnanandhaa R, Arjun Erigaisi, Vidit Gujrathi, Pentala Harikrishna and Srinath Narayanan (Captain)! 👏 👏
Gukesh D beats Vladimir Fedoseev, and Arjun Erigaisi prevails against Jan Subelj; India… pic.twitter.com/jOGrjwsyJc
उन्होंने आगे कहा, 'उस स्थिति को समझते हुए इस बार हमने अमेरिका के साथ जीत के लिए खेला. इसीलिए अमेरिका की हार हुई. पुरुष और महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतना एक महान क्षण है. हम ओलंपियाड में कई बार असफल हुए हैं. चेन्नई में हुए मैच में भी हमें हार का सामना करना पड़ा है'.
गुकेश ने आगे कहा, 'व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतना एक अतिरिक्त खुशी थी. हम पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में लगातार बहुत सारे प्रशिक्षण और प्रयास कर रहे हैं. नतीजा यह हुआ कि हम अब स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे. उन्होंने यह भी कहा कि यह भारतीय टीम के संयुक्त प्रयास की जीत है'.
आपको बता दें कि भारतीय पुरुष टीम ने 10वें राउंड में मजबूत यूएसए को 2.5-1.5 से हराया. आखिरी 11वें राउंड में स्लोवेनिया पर उनका पलड़ा भारी रहा और गोल्ड मेडल अपने नाम किया. भारतीय महिला टीम ने 11वें राउंड में उन्होंने अजरबैजान के खिलाफ 3.5-0.5 से जीत कर गोल्ड जीता था.