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चैंपियंस ट्रॉफी से पहले बढ़ीं भारत की मुश्किलें, विराट-शमी समेत इन 8 खिलाड़ियों ने दुबई में नहीं खेला है 1 भी वनडे मैच, देखें आंकड़े - CHAMPIONS TROPHY 2025

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए घोषित Team India के 8 खिलाड़ियों ने यूएई में 1 भी वनडे मैच नहीं खेला है. पढ़ें पूरी खबर.

indian cricket team
भारतीय क्रिकेट टीम (AFP Photo)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Jan 29, 2025, 3:29 PM IST

नई दिल्ली : आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का सभी फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. भारत इस बड़े आयोजन के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर देगा, क्योंकि भारतीय टीम को अपने सभी मैच यूएई में खेलने हैं. इस बीच एक बड़ी चिंता यह है कि टीम के 15 खिलाड़ियों में से 8 खिलाड़ियों ने इस क्षेत्र में कभी वनडे नहीं खेला है, जबकि 3 अन्य खिलाड़ियों ने सिर्फ एक मैच खेला है.

टूर्नामेंट अनिश्चित परिस्थितियों में होने वाला है, चाहे गेंद स्पिन हो या तेज गेंदबाजों को लाइट्स में सीम मूवमेंट मिले, टीम को रणनीति के हिसाब से खुद को ढालना होगा. नहीं तो वनडे नहीं खेलने का अनुभव न होने से भारत के खिताब जीतने की संभावना प्रभावित हो सकती है.

यूएई में भारतीय खिलाड़ियों का वनडे अनुभव
भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों में, केवल भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का यूएई में एक असाधारण वनडे रिकॉर्ड है, जिन्होंने 5 मैचों में 105.66 की औसत से 317 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और दो अर्द्धशतक शामिल हैं. हालांकि, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर और मोहम्मद शमी जैसे प्रमुख खिलाड़ियों ने यहां कभी भी वनडे नहीं खेला है.

केएल राहुल (1 मैच, 60 रन), हार्दिक पांड्या (1 मैच, बल्लेबाजी नहीं की) और रवींद्र जडेजा (1 मैच, बल्लेबाजी नहीं की) के पास बहुत कम अनुभव है. इसके अलावा, रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और केएल राहुल सहित कई क्रिकेटर ऐसे हैं जो अपने फॉर्म से जूझ रहे हैं, जबकि जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव जैसे 6 विशेषज्ञ गेंदबाजों में से 3 चोट से उबर रहे हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे कैसा प्रदर्शन करते हैं.

हालांकि, एक छोटी सी उम्मीद है जो प्रशंसकों को सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करने की अनुमति देती है. चोट के बाद वापसी करने वाले 3 गेंदबाजों में से, कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह ने यूएई की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिन्होंने क्रमशः 6 मैचों में 10 विकेट और 4 मैचों में 8 विकेट लिए हैं.

क्या टी20 का अनुभव वनडे के अनुभव की कमी की भरपाई कर सकता है ?
कई भारतीय खिलाड़ियों ने यूएई में टी20I में हिस्सा लिया है, जिसमें आईपीएल और टी20 विश्व कप मैच शामिल हैं, लेकिन वनडे में बदलाव आसान नहीं है.

टी20 क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाजी और छोटे-छोटे गेंदबाजी स्पैल की आवश्यकता होती है, जबकि वनडे में धैर्य, स्ट्राइक रोटेशन और निरंतर दबाव की आवश्यकता होती है. तेज गर्मी और अत्यधिक नमी के तहत, खिलाड़ियों, विशेष रूप से गेंदबाजों को पूरे 50 ओवरों के लिए अपनी एनर्जी के लेवल को ऊंचा रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. यूएई की पिचें धीमी होती हैं, जिससे बीच के ओवरों में स्पिनर प्रभावी होते हैं, लेकिन यह तेज गेंदबाजों को लाइट्स में मदद करती है. वनडे में इन परिस्थितियों से अपरिचित खिलाड़ियों को इन कंडीशन में खुद को ढालने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है.

क्या भारत अभी भी चैंपियंस ट्रॉफी जीत सकता है ?
इन चिंताओं के बावजूद, भारत के पास जल्दी से अनुकूलन करने का इतिहास है. रोहित शर्मा, कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी टीम को दिशा दिखाने में मदद कर सकती है. हालांकि, युवा और कम अनुभवी खिलाड़ी धीमी पिचों और उच्च दबाव वाली स्थितियों को कितनी अच्छी तरह से संभालते हैं, यह भारत की किस्मत तय करेगा.

सीमित समय और तैयारी के लिए मैचों के साथ, भारत की फॉर्मेट और परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता पर ही उनका चैंपियंस ट्रॉफी अभियान निर्भर होगा. भारत अपने अभियान की शुरुआत 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ मैच से करेगा. इसके बाद 23 फरवरी को भारत का महामुकाबला अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगा और तीसरा मैच 3 मार्च को न्यूजीलैंड से होगा.

दो बार की चैंपियन भारत पिछले संस्करण की उपविजेता है, जिसे 2017 में सरफराज अहमद की अगुवाई वाली पाकिस्तान ने जीता था.

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नई दिल्ली : आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का सभी फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. भारत इस बड़े आयोजन के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर देगा, क्योंकि भारतीय टीम को अपने सभी मैच यूएई में खेलने हैं. इस बीच एक बड़ी चिंता यह है कि टीम के 15 खिलाड़ियों में से 8 खिलाड़ियों ने इस क्षेत्र में कभी वनडे नहीं खेला है, जबकि 3 अन्य खिलाड़ियों ने सिर्फ एक मैच खेला है.

टूर्नामेंट अनिश्चित परिस्थितियों में होने वाला है, चाहे गेंद स्पिन हो या तेज गेंदबाजों को लाइट्स में सीम मूवमेंट मिले, टीम को रणनीति के हिसाब से खुद को ढालना होगा. नहीं तो वनडे नहीं खेलने का अनुभव न होने से भारत के खिताब जीतने की संभावना प्रभावित हो सकती है.

यूएई में भारतीय खिलाड़ियों का वनडे अनुभव
भारत के शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों में, केवल भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का यूएई में एक असाधारण वनडे रिकॉर्ड है, जिन्होंने 5 मैचों में 105.66 की औसत से 317 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और दो अर्द्धशतक शामिल हैं. हालांकि, विराट कोहली, यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल, श्रेयस अय्यर, ऋषभ पंत, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर और मोहम्मद शमी जैसे प्रमुख खिलाड़ियों ने यहां कभी भी वनडे नहीं खेला है.

केएल राहुल (1 मैच, 60 रन), हार्दिक पांड्या (1 मैच, बल्लेबाजी नहीं की) और रवींद्र जडेजा (1 मैच, बल्लेबाजी नहीं की) के पास बहुत कम अनुभव है. इसके अलावा, रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और केएल राहुल सहित कई क्रिकेटर ऐसे हैं जो अपने फॉर्म से जूझ रहे हैं, जबकि जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और कुलदीप यादव जैसे 6 विशेषज्ञ गेंदबाजों में से 3 चोट से उबर रहे हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे कैसा प्रदर्शन करते हैं.

हालांकि, एक छोटी सी उम्मीद है जो प्रशंसकों को सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करने की अनुमति देती है. चोट के बाद वापसी करने वाले 3 गेंदबाजों में से, कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह ने यूएई की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन किया है, जिन्होंने क्रमशः 6 मैचों में 10 विकेट और 4 मैचों में 8 विकेट लिए हैं.

क्या टी20 का अनुभव वनडे के अनुभव की कमी की भरपाई कर सकता है ?
कई भारतीय खिलाड़ियों ने यूएई में टी20I में हिस्सा लिया है, जिसमें आईपीएल और टी20 विश्व कप मैच शामिल हैं, लेकिन वनडे में बदलाव आसान नहीं है.

टी20 क्रिकेट में आक्रामक बल्लेबाजी और छोटे-छोटे गेंदबाजी स्पैल की आवश्यकता होती है, जबकि वनडे में धैर्य, स्ट्राइक रोटेशन और निरंतर दबाव की आवश्यकता होती है. तेज गर्मी और अत्यधिक नमी के तहत, खिलाड़ियों, विशेष रूप से गेंदबाजों को पूरे 50 ओवरों के लिए अपनी एनर्जी के लेवल को ऊंचा रखने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. यूएई की पिचें धीमी होती हैं, जिससे बीच के ओवरों में स्पिनर प्रभावी होते हैं, लेकिन यह तेज गेंदबाजों को लाइट्स में मदद करती है. वनडे में इन परिस्थितियों से अपरिचित खिलाड़ियों को इन कंडीशन में खुद को ढालने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है.

क्या भारत अभी भी चैंपियंस ट्रॉफी जीत सकता है ?
इन चिंताओं के बावजूद, भारत के पास जल्दी से अनुकूलन करने का इतिहास है. रोहित शर्मा, कुलदीप यादव और जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की मौजूदगी टीम को दिशा दिखाने में मदद कर सकती है. हालांकि, युवा और कम अनुभवी खिलाड़ी धीमी पिचों और उच्च दबाव वाली स्थितियों को कितनी अच्छी तरह से संभालते हैं, यह भारत की किस्मत तय करेगा.

सीमित समय और तैयारी के लिए मैचों के साथ, भारत की फॉर्मेट और परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता पर ही उनका चैंपियंस ट्रॉफी अभियान निर्भर होगा. भारत अपने अभियान की शुरुआत 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ मैच से करेगा. इसके बाद 23 फरवरी को भारत का महामुकाबला अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से होगा और तीसरा मैच 3 मार्च को न्यूजीलैंड से होगा.

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