नई दिल्ली : टोक्यो और पेरिस लगातार दो ओलंपिक में भारत को पदक दिलाने वाले स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा अपने लंबे समय के जर्मन कोच क्लॉस बार्टोनिएट्ज से नाता तोड़ने वाले हैं. 75 वर्षीय बार्टोनिएट्ज ने परिवार को समय देने और अपनी उम्र को अलग होने का कारण बताया है. जर्मन खिलाड़ी शुरुआत में बायोमैकेनिक्स विशेषज्ञ के रूप में नीरज से जुड़े और बाद में 2019 में उवे होन के पद से हटने के बाद नीरज के कोच बन गए.
जर्मन कोच क्लॉस बार्टोनिएट्ज ने छोड़ा नीरज का साथ
भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के एक अधिकारी ने खुलासा किया कि बार्टोनिएट्ज अपने परिवार के साथ समय बिताना चाहते हैं और इसलिए उन्होंने नीरज के साथ अपना नाता खत्म करने का फैसला किया है. अधिकारी ने उन अफवाहों को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि मौजूदा एशियाई चैंपियन जर्मनों के साथ अपनी साझेदारी खत्म करना चाहते हैं.
Glad to capture a moment with the men who made it possible - my coach Klaus Bartonietz and Physio Ishaan Marwaha. 🙏 pic.twitter.com/6lBYzBOWxk
— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) August 13, 2024
परिवार के साथ बिताना चाहते हैं समय
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुख्य कोच राधाकृष्णन नायर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'कोच क्लॉस बार्टोनिएट्ज इस सत्र के बाद भारतीय एथलेटिक्स टीम और नीरज चोपड़ा के साथ नहीं रहेंगे. वह अक्टूबर के मध्य में अपने गृहनगर लौट रहे हैं. मई 2022 तक वह अन्य भाला फेंक एथलीटों को भी कोचिंग देने और भाला फेंक कोचों के लिए पाठ्यक्रम संचालित करने में शामिल थे. इसका कारण यह है कि वह लगभग 76 वर्ष के हैं और वह अपने परिवार के साथ रहना चाहते हैं. वह 2021 के बाद खेलना जारी रखने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन हमने उनसे अनुरोध किया और वह सहमत हो गए. लेकिन इस बार वह वापस जा रहे हैं'.
नीरज को बनाया ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियन
बता दें कि, बार्टोनिएट्ज के मार्गदर्शन में नीरज चोपड़ा ने कई अहम उपलब्धियां हासिल कीं. नीरज ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता. साथ ही विश्व और डायमंड लीग चैंपियन का खिताब जीता. 26 वर्षीय नीरज ने हांग्जो एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता. वहीं, पेरिस ओलंपिक 2024 और डायमंड लीग फाइनल 2024 में उन्हें दूसरे स्थान पर रहते हुए सिल्वर मेडल से संतोष करना पड़ा.