नई दिल्ली : महिंद्रा समूह के चेयरमैन मशहूर बिसनेसमैन आनंद महिंद्रा ने सरकार और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों के महत्वपूर्ण प्रयासों के बावजूद पेरिस ओलंपिक खेलों में विश्व स्तरीय प्रतिभाओं को तैयार करने में भारत की विफलता पर चिंता व्यक्त की है. पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत मेडल टैली में 71वें स्थान पर रहा, जो टोक्यो ओलंपिक 2020 से भी नीचे था.
महिंद्रा ने खराब प्रदर्शन पर उठाए सवाल
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने X पर अपने नए पोस्ट में, सवाल उठाया है कि सरकार और निजी दोनों क्षेत्रों के महत्वपूर्ण प्रयासों के बावजूद भारत ओलंपिक खेलों में विश्व स्तरीय प्रतिभाओं को तैयार करने में क्यों विफल हो रहा है. उन्होंने कहा, 'मुझे स्वीकार करना चाहिए कि मेरे पास सोचने के लिए कुछ नहीं है और मैं भ्रमित हूं'.
I’m extremely proud, of course, of our valiant medal winners of the Paris Olympics.
— anand mahindra (@anandmahindra) August 17, 2024
But I have to confess a sense of distress when seeing our overall ranking plummet.
Everyone usually has a great theory about what we need to do to live up to our potential & garner a… pic.twitter.com/ZS3SjVBvFn
पेरिस ओलंपिक में भारत पदक तालिका में 71वें स्थान पर रहा, जो टोक्यो 2020 ओलंपिक से भी कम है, जहां यह 48वें स्थान पर था. इन खेलों में भारत, पाकिस्तान से भी नीचे रहा, जिसने 62वें स्थान पर खत्म किया क्योंकि उसके स्टार जैवलिन थ्रोअर अरशद नदीम ने 1 गोल्ड मेडल जीता.
सरकार का किया बचाव
महिंद्रा ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट रूप से काफी पैसा खर्च किया है, और जीतने के लिए प्रोत्साहन भरपूर हैं - राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में खेल के बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता में नाटकीय रूप से सुधार हुआ है.
This was the final medal tally at Paris olympics.
— Protein Pakoda (@proteinpakoda) August 14, 2024
We came 71st with 6 medals and zero gold.
Prakash Padukone said that now atheletes have so many facilities and they must win big for India.
Then, mediocre badminton player Ashwini Ponappa came forward and said that pic.twitter.com/o7mOGoyYtD
प्राइवेट सेक्टर ने दिया योगदान
महिंद्रा ने अपनी पोस्ट में कहा, 'निजी क्षेत्र के खिलाड़ियों ने उदारतापूर्वक योगदान दिया है, सबसे उल्लेखनीय रूप से ओजीक्यू और जिंदल स्पोर्ट्स. स्कूलों ने भी खेलों पर अधिक जोर दिया है'.
उन्होंने कहा कि, 'आम तौर पर हर किसी के पास इस बारे में एक बढ़िया सिद्धांत होता है कि हमें अपनी क्षमता के अनुसार जीने और अपनी आबादी को देखते हुए सम्मानजनक संख्या में पदक जीतने के लिए क्या करना चाहिए'.
𝐈𝐧𝐝𝐢𝐚 𝐜𝐨𝐧𝐜𝐥𝐮𝐝𝐞 𝐭𝐡𝐞𝐢𝐫 𝐏𝐚𝐫𝐢𝐬 𝐎𝐥𝐲𝐦𝐩𝐢𝐜𝐬 𝐜𝐚𝐦𝐩𝐚𝐢𝐠𝐧 𝐰𝐢𝐭𝐡 𝟔* 𝐦𝐞𝐝𝐚𝐥𝐬 (𝟏 𝐒𝐢𝐥𝐯𝐞𝐫 & 𝟓 𝐁𝐫𝐨𝐧𝐳𝐞):
— India_AllSports (@India_AllSports) August 10, 2024
🥈 Neeraj Chopra
🥉 Manu Bhaker
🥉 Manu Bhaker/Sarabjot Singh
🥉 Swapnil Kusale
🥉 Aman Sehrawat
🥉 Hockey
*Pending decision… pic.twitter.com/fnQ2UB2S4O
महिंद्रा ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय मानसिकता बदल गई है, भारतीय एथलीटों में बहुत रुचि है. उन्होंने सवाल किया कि इन सभी प्रयासों के बावजूद, भारत को ओलंपिक खेलों में विश्व स्तरीय प्रतिभाएं खोजने से क्या रोक रहा है ?