ETV Bharat / sports

64 वर्षीय भारतीय के जज्बे को सलाम, अफ्रीका का सबसे ऊंचा पर्वत किया फतह - oldest man to climb kilimanjaro

oldest man to climb kilimanjaro : 64 वर्षीय कांतिभाई पटेल ने अफ्रीका की सबसे ऊंची और सबसे कठिन चोटी किलिमंजारो पर चढ़कर और उस पर तिरंगा फहराकर एक अनूठी उपलब्धि हासिल की है. वह 64 वर्ष की आयु में इस चोटी पर चढ़ने वाले भारत के चौथे सबसे बुजुर्ग भारतीय व्यक्ति भी बन गए हैं. पढे़ं पूरी खबर.

Kantibhai Patel Scaled Kilimanjaro Mountain
कांतिभाई पटेल ने किलिमंजारो पर्वत किया फतह (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Sports Team

Published : Aug 23, 2024, 7:03 PM IST

वापी (गुजरात) : 64 वर्षीय कांतिभाई पटेल ने इस साल 78वां स्वतंत्रता दिवस दक्षिण अफ्रीका के सबसे कठिन पर्वतों में से एक किलिमंजारो पर चढ़कर मनाया. वापी के कांतिभाई पटेल ने इस अनूठी उपलब्धि को हासिल करते हुए पहाड़ की चोटी पर तिरंगा भी फहराया. साथ ही, उन्होंने चोटी पर चढ़ने वाले गुजरात पहले वरिष्ठ नागरिक होने की उपलब्धि भी हासिल की है.

वापी के सलवावन से ताल्लुक रखने वाले और वर्तमान में चाला गांव में रहने वाले 64 वर्षीय कांतिभाई पटेल ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत 'किलिमंजारो' पर चढ़कर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराकर एक रिकॉर्ड बनाया. कांतिभाई किलिमंजारो पर चढ़ने वाले चौथे सबसे बुजुर्ग भारतीय व्यक्ति बन गए हैं.

कांतिभाई की पत्नी की 2014 में लीवर कैंसर से मौत हो गई थी. इसके बाद वे दो साल तक लगातार डिप्रेशन में रहे और यहां तक ​​कि उन्होंने आत्महत्या की कोशिश भी की. लेकिन, वे ट्रैकिंग की दुनिया में लौट आए और अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत 'किलिमंजारो' को फतह कर दिया.

अफ्रीका में किलिमंजारो पर्वत
समुद्र तल से 19,341 फीट ऊपर स्थित किलिमंजारो पर्वत दुनिया की सबसे ऊंची चोटी में से एक है. इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने के लिए 72 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें 6 दिन लगते हैं. पर्वतारोही को बेहद मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और खास तौर पर आखिरी 6 किलोमीटर की चढ़ाई बहुत कठिन होती है.

किलिमंजारो की चोटी पर चढ़ने में युवाओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन वापी के कांतिभाई ने बुढ़ापे में भी चोटी पर चढ़कर युवाओं को प्रेरित किया है. 10 साल पहले उनकी पत्नी की मौत के बाद उनके दो बेटे शादी करके वापी से बाहर बस गए थे.

जीवन में कुछ हासिल करने की ख्वाहिश
अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद, कांतिभाई ने साइकिल चलाना, दौड़ना और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों को चुना. अब तक उन्होंने साइकिल चलाना, दौड़ना और चढ़ाई में कई उपलब्धियां हासिल की हैं.

माउंट किलिमंजारो पूर्वी अफ्रीका में तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी है. यह सबसे ऊंचा स्वतंत्र पर्वत के साथ एक ज्वालामुखी पर्वत है. ज्वालामुखी पर्वत एक ऐसा पर्वत है जो ज्वालामुखी के फटने के बाद ठंडा होने से बनता है, जिससे इस पर चढ़ना एक कठिन काम बन जाता है.

ये भी पढे़ं :-

वापी (गुजरात) : 64 वर्षीय कांतिभाई पटेल ने इस साल 78वां स्वतंत्रता दिवस दक्षिण अफ्रीका के सबसे कठिन पर्वतों में से एक किलिमंजारो पर चढ़कर मनाया. वापी के कांतिभाई पटेल ने इस अनूठी उपलब्धि को हासिल करते हुए पहाड़ की चोटी पर तिरंगा भी फहराया. साथ ही, उन्होंने चोटी पर चढ़ने वाले गुजरात पहले वरिष्ठ नागरिक होने की उपलब्धि भी हासिल की है.

वापी के सलवावन से ताल्लुक रखने वाले और वर्तमान में चाला गांव में रहने वाले 64 वर्षीय कांतिभाई पटेल ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत 'किलिमंजारो' पर चढ़कर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराकर एक रिकॉर्ड बनाया. कांतिभाई किलिमंजारो पर चढ़ने वाले चौथे सबसे बुजुर्ग भारतीय व्यक्ति बन गए हैं.

कांतिभाई की पत्नी की 2014 में लीवर कैंसर से मौत हो गई थी. इसके बाद वे दो साल तक लगातार डिप्रेशन में रहे और यहां तक ​​कि उन्होंने आत्महत्या की कोशिश भी की. लेकिन, वे ट्रैकिंग की दुनिया में लौट आए और अफ्रीका के सबसे ऊंचे पर्वत 'किलिमंजारो' को फतह कर दिया.

अफ्रीका में किलिमंजारो पर्वत
समुद्र तल से 19,341 फीट ऊपर स्थित किलिमंजारो पर्वत दुनिया की सबसे ऊंची चोटी में से एक है. इस पर्वत की चोटी पर पहुंचने के लिए 72 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है, जिसमें 6 दिन लगते हैं. पर्वतारोही को बेहद मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है और खास तौर पर आखिरी 6 किलोमीटर की चढ़ाई बहुत कठिन होती है.

किलिमंजारो की चोटी पर चढ़ने में युवाओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन वापी के कांतिभाई ने बुढ़ापे में भी चोटी पर चढ़कर युवाओं को प्रेरित किया है. 10 साल पहले उनकी पत्नी की मौत के बाद उनके दो बेटे शादी करके वापी से बाहर बस गए थे.

जीवन में कुछ हासिल करने की ख्वाहिश
अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद, कांतिभाई ने साइकिल चलाना, दौड़ना और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों को चुना. अब तक उन्होंने साइकिल चलाना, दौड़ना और चढ़ाई में कई उपलब्धियां हासिल की हैं.

माउंट किलिमंजारो पूर्वी अफ्रीका में तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी है. यह सबसे ऊंचा स्वतंत्र पर्वत के साथ एक ज्वालामुखी पर्वत है. ज्वालामुखी पर्वत एक ऐसा पर्वत है जो ज्वालामुखी के फटने के बाद ठंडा होने से बनता है, जिससे इस पर चढ़ना एक कठिन काम बन जाता है.

ये भी पढे़ं :-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.