Vat Savitri Vrat 2024। मई महीने का आखिरी सप्ताह चल रहा है, आज 27 मई है. जून महीने में वट सावित्री व्रत पड़ रहा है. वट सावित्री व्रत के दिन का इंतजार हर सुहागन महिलाओं को रहता है, क्योंकि इस दिन व्रत करना पूजन करने का विधान है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि वट सावित्री व्रत कब है. किस विधि विधान से पूजन करनी चाहिए. शुभ मुहूर्त कब है और साथ ही पूजा करते समय कौन से कार्य को करना बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए. जिससे मन चाहे फल की प्राप्ति होगी.
जून में वट सावित्री व्रत कब ?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जून महीने में वट सावित्री का व्रत पड़ रहा है. ये जून महीने के पहले सप्ताह 6 जून को ही पड़ रहा है. वट सावित्री व्रत कृष्ण पक्ष अमावस्या 6 जून 2024 दिन गुरुवार को है. उस दिन जो पावन त्यौहार मनाया जाता है. उसे वट सावित्री के नाम से मनाया जाता है. जिसका बहुत ज्यादा महत्व है. इस दिन वट वृक्ष की पूजा करना व्रत करने का विधान है. शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि ऐसा करने से बहुत लाभ होता है. ऐसा करने वाले जातकों को चमत्कारिक फायदा होता है.
ऐसे करें वट सावित्री व्रत
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि वट सावित्री व्रत करने वाली महिलाएं, कुमारी कन्याएं सुबह-सुबह उठकर स्नान ध्यान करके कम से कम 50 मीटर या 100 मीटर सफेद धागा लेकर और उसे हल्दी में पीला करके, वट वृक्ष के पास जाएं. सर्वप्रथम विधि विधान से वट वृक्ष की पूजा करें. फिर इसके बाद सिंदूर, पुष्प और कुछ पकवान और फल चढ़ाने के बाद जो धागा 100 मीटर का रखे हैं. उसे लेकर 108 बार वट वृक्ष में घुमाएं. फिर घुमाने के बाद आरती करें. प्रसाद चढ़ाएं और भगवान को प्रणाम करें और जो मनोकामना है. भगवान के सामने प्रणाम करते हुए मन ही मन दोहराएं, लाभ होगा.
वट सावित्री व्रत के कई लाभ
ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि वट सावित्री व्रत करने और विधि विधान से पूजा पाठ करने के कई लाभ होते हैं.
- जिनका विवाह हो चुका है, उनके पति की आयु में वृद्धि होती है.
- वट सावित्री का व्रत करने से ऐसी महिलाओं के पतियों पर कोई संकट नहीं आता है. किसी तरह का रोग नहीं आता है. हर परेशानी दूर हो जाती है और पति पत्नी के बीच रिश्ते और मजबूत होते हैं.
- जो कुमारी कन्याएं इस दिन व्रत करती हैं. विधि विधान से पूजा पाठ करती हैं, उन्हें विवाह के लिए अच्छे वर की प्राप्ति होती है. मनचाहा वर मिलता है.
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वट सावित्री व्रत के लिए शुभ मुहूर्त
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि जो भी महिलाएं कन्याएं वट सावित्री व्रत करना चाहती हैं. उनके लिए ब्रह्म मुहूर्त से ही शुभ मुहूर्त की शुरुआत हो जाती है फिर भी सुबह 6 बजे से लेकर के 10 बजे के बीच पूजा पाठ जरूर कर लें. ये विशेष शुभ मुहूर्त है. वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा करें. भजन कीर्तन करें और सभी महिलाओं के साथ वहां आरती करें तो उनके घर बड़ी सुख शांति मिलती है और उस घर में खुशी का माहौल रहता है. किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है.