vaishakh purnima 2024 shubh muhurt: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते "वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि बहुत ही शुभ समय माना जाता है. इस बार इस दिन कई योग बन रहे हैं. वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि आखिर कब है, इसे लेकर काफी भ्रम है. कुछ लोग 22 मई तो कुछ लोग 23 में को लेकर कन्फ्यूज में हैं. ऐसे में ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं "वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि 22 मई को सायंकालीन 5:57 से प्रारंभ होगी और 23 मई को शाम 6:41 बजे तक रहेगी. सर्वविदित है कि अपने यहां उदया तिथि मान्य होती है. ऐसे में दिन गुरुवार 23 तारीख को इस बार वैशाख पूर्णिमा मनाई जाएगी."
वैशाख पूर्णिमा को बन रहे कई योग
ज्योतिष आचार्य कहते हैं "इस बार वैशाख पूर्णिमा के दिन कई योग भी बन रहे हैं. वैशाख की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा भी है. कूर्म जयंती भी है. इस दिन गंधेश्वरी पूजा भी है, जो बंगाल में मनाई जाती है. इस दिन गंगाजी में स्नान करें या बहते हुए पानी में स्नान करें तो बहुत पुण्य लाभ मिलता है. सारे पाप नष्ट होते हैं. इस दिन व्रत रखकर गंगाजी में या बहते पानी में स्नान करते हैं तो जाने अनजाने में हुए पापों का प्रायश्चित हो जाता है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, जयप्रद योग, सिद्धि योग है भी पड़ रहा है."
वैशाख पूर्णिमा में करें ये दान
वैशाख पूर्णिमा के दिन कुछ चीजों का अगर दान करते हैं तो बहुत पुण्य लाभ मिलता है. इस दिन काशीजी में जाकर या हरिद्वार में जाकर स्नान करें. गंगाजल घर लाएं. गंगाजल रखने से बहुत पुण्य मिलता है. इस दिन एक माह तक वैशाख माह में सुबह स्नान करने का भी विधान होता है. प्रातः कालीन सुबह जो महीने भर नहाते हैं तो 23 मी को ऐसे व्यक्ति की वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को स्नान की समाप्ति होगी,. ऐसे लोग हवन करें, पूजन करें. इसके बाद दान पुण्य करें.
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वैशाख पूर्णिमा और क्या-क्या करें
पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं "इस दिन ब्राह्मण भोज कराएं, कन्याओं को भोजन कराएं तो बहुत पुण्य लाभ मिलता है. विशेष कर इस दिन घट में जल भरकर किसी को दान करें तो सुकून मिलता है. जो घट का दान करता है, उसके घर में हमेशा जल की पूर्ति बनी रहती है. वहां पर वरुण देवता का निवास हो जाता है. इस पूरे जगत का कल्याण होता है, वैसाख के पूर्णिमा तिथि के दिन जो भी घी का दान करता है, उसके घर में हमेशा दूध बना रहता है. दूध और घी की कमी उस घर में नहीं होती है. जो स्वर्ण का दान करता है उसके लिए बैकुंठ का दरवाजा खुल जाता है." वैशाख पूर्णिमा के दिन नामकरण करना, अन्न प्रासन करना है, व्यापार प्रारंभ करने का मुहूर्त है. किसी भी नौकरी में ज्वाइन करने के लिए विशेष दिन है. शल्य क्रिया करने का विशेष मुहूर्त, पत्र लेखन लिखने का भी मुहूर्त है.