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साल के अंतिम सूर्य ग्रहण पर बनेगा अजब संयोग, पितृ अमावस्या को दौरान ग्रहण काल, कैसे होगा पूजा-पाठ? - Surya Grahan 2024 - SURYA GRAHAN 2024

पंडित सुरेंद्र शर्मा बताते हैं कि बीते 8 अप्रैल को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण था और अब लोगों में उत्सुकता है ये जानने की कि आख़िर साल का दूसरा सूर्य ग्रहण कब लगेगा तो आपको बता दें की इस साल का दूसरा सूर्यग्रहण अक्टूबर महीने में पितृ अमावस्या को लगने जा रहा है. ऐसे में अब लोगों में पितृ अमावस्या की पूजा को लेकर असमंजस है. तो आइए जानते हैं कि पितृ अमावस्या पर पूजन का क्या नियम रहेगा.

SURYA GRAHAN 2024
साल के अंतिम सूर्य ग्रहण पर बनेगा अजब संयोग (Etv Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 8:40 AM IST

सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण ज्योतिष के नजरिए से ये बेहद महत्वपूर्ण घटनाएं होती हैं. माना जाता है कि ग्रहण का प्रकृति से लेकर पृथ्वी पर मौजूद हर प्राणी पर असर होता है. बात करें इस साल के अंतिम सूर्य ग्रहण की तो इस बार सूर्य ग्रहण पर विचित्र संयोग बन रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण के दिन पितृ अमावस्या पड़ रही है. ऐसे में पितृ अमावस्या की पूजा को लेकर असमंजस की स्थिति बनेही. दरअसल, ग्रहण काल किसी भी तरह का पूजा-पाठ वर्जित होता है.

दूसरी बार बना ये विचित्र संयोग

इस वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगने जा रहा है, इसी दिन पितृ अमावस्या भी है. संयोग इस बात का भी है कि ऐसा लगातार दूसरी बार हो रहा है जब साल का आखिरी ग्रहण पितृ अमावस्या के दिन लग रहा है. इससे पहले 2023 का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगा था और उस दिन भी पितृ अमावस्या थी और इस बार भी 2 अक्टूबर को पितृ अमावस्या है.

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पितृ अमावस्या की पूजा पर लगेगा ग्रहण?

अब सवाल आता है कि ग्रहण है तो सूतक काल भी होगा और सूतक काल होगा तो पितृ अमावस्या की पूजा-पाठ प्रभावित होगी या नहीं. तो इस सवाल का जवाब पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया उनके मुताबिक इस वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण पर भारत में सूतक काल लागू नहीं होगा. क्योंकि सूर्यग्रहण इस वर्ष भारत में दिखाई नहीं देगा. इस लिए सूतक काल के कोई दोष नहीं माने जाएंगे. ऐसे में बिना किसी बंदिश लोग सभी प्रकार की पूजा अर्चना इस दिन कर सकेंगे.


डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण ज्योतिष के नजरिए से ये बेहद महत्वपूर्ण घटनाएं होती हैं. माना जाता है कि ग्रहण का प्रकृति से लेकर पृथ्वी पर मौजूद हर प्राणी पर असर होता है. बात करें इस साल के अंतिम सूर्य ग्रहण की तो इस बार सूर्य ग्रहण पर विचित्र संयोग बन रहा है. इस बार सूर्य ग्रहण के दिन पितृ अमावस्या पड़ रही है. ऐसे में पितृ अमावस्या की पूजा को लेकर असमंजस की स्थिति बनेही. दरअसल, ग्रहण काल किसी भी तरह का पूजा-पाठ वर्जित होता है.

दूसरी बार बना ये विचित्र संयोग

इस वर्ष का आखिरी सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर 2024 को लगने जा रहा है, इसी दिन पितृ अमावस्या भी है. संयोग इस बात का भी है कि ऐसा लगातार दूसरी बार हो रहा है जब साल का आखिरी ग्रहण पितृ अमावस्या के दिन लग रहा है. इससे पहले 2023 का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर 2023 को लगा था और उस दिन भी पितृ अमावस्या थी और इस बार भी 2 अक्टूबर को पितृ अमावस्या है.

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अब सवाल आता है कि ग्रहण है तो सूतक काल भी होगा और सूतक काल होगा तो पितृ अमावस्या की पूजा-पाठ प्रभावित होगी या नहीं. तो इस सवाल का जवाब पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया उनके मुताबिक इस वर्ष के आखिरी सूर्य ग्रहण पर भारत में सूतक काल लागू नहीं होगा. क्योंकि सूर्यग्रहण इस वर्ष भारत में दिखाई नहीं देगा. इस लिए सूतक काल के कोई दोष नहीं माने जाएंगे. ऐसे में बिना किसी बंदिश लोग सभी प्रकार की पूजा अर्चना इस दिन कर सकेंगे.


डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

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