Grah Naxatra Rashi Parivartan: ज्योतिष शास्त्र में ग्रह नक्षत्र और उनकी चाल को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. ग्रहों के गोचर का असर हर किसी के जीवन में देखने को मिलता है, जब कभी कोई ग्रह अलग-अलग राशियों में जाते हैं, तो इसका असर हर राशि में अलग-अलग होता है. किसी के लिए अच्छे दिनों की शुरुआत हो जाती है, तो किसी के लिए मुश्किल घड़ी की शुरुआत हो जाती है. ग्रहों का गोचर कैसे होता है. कौन सा ग्रह कितने दिन में अपनी राशि बदलता है, जानते हैं ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से.
ग्रहों के गोचर से आता है बदलाव
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि जो नवग्रह होते हैं, वह अलग-अलग समय में अपने तय समय में अलग-अलग राशियों में प्रवेश करते हैं. जब इनमें से कोई भी ग्रह किसी राशि में प्रवेश करता है, तो वो मेष से लेकर मीन राशि सभी को प्रभावित करता है. हर राशि में इसका अलग-अलग असर भी देखने को मिलता है. एक तरह से कहा जाए तो ग्रहों की जो यह चाल है, ग्रहों का जो का जो एक गोचर है. यह लोगों के जीवन में बदलाव लाता है. सबसे बड़ी बात ये है कि अलग-अलग ग्रह अलग-अलग दिनों में अपने राशियों में प्रवेश करते हैं. किसी को एक महीने का समय लग जाता है. किसी को डेढ़ महीने का समय लग जाता है.
किसी को सालों का समय लगता है. कोई धीमी गति से चलता है कोई तेज रफ्तार से चलता है. कोई पराक्रम का कारक है तो कोई ऊर्जा का कारक है, तो कोई बुद्धि के प्रसार का कारक है. हर ग्रह का अलग रोल होता है. हर ग्रह के चाल से हर राशि प्रभावित भी होती है.
कौन सा ग्रह कितने दिन में बदलता है राशि ?
सूर्य
कौन सा ग्रह आखिर कितने दिन में अपना राशि परिवर्तन करता है. यह उसके चाल पर निर्धारित होता है. कोई ग्रह तेज रफ्तार से चलता है, तो किसी ग्रह की गति धीमी होती है. सूर्य की बात करें तो नवग्रह में सूर्य देव को राजा ग्रह कहा जाता है. सभी ग्रहों में सूर्य राजा ग्रह है और सूर्य को तेज का प्रतीक भी माना जाता है. सूर्य सिंह राशि का स्वामी ग्रह भी है. सूर्य को एक राशि से दूसरे राशि जाने में एक महीने का अंतराल लगता है. या यूं कहे कि सूर्य किसी भी राशि में एक महीने तक रहते हैं और फिर उसके बाद अपना राशि परिवर्तन कर लेते हैं.
चंद्रमा
चंद्रमा की बात करें तो चंद्रमा कर्क राशि का स्वामी है और चंद्रमा को एक राशि से दूसरे राशि जाने में सवा दिन यानी 2.25 दिन का समय लगता है.
मंगल
मंगल ग्रह के गोचर काल की बात करें तो मंगल ग्रह को उग्र गृह माना जाता है. मंगल ग्रह मेष और वृश्चिक दो राशियों का स्वामी होता है. मंगल को निडर और साहस के विशेषताओं से जोड़ कर माना जाता है. मंगल को अपना राशि परिवर्तन करने में लगभग 45 दिन यानी करीब डेढ़ महीने की अवधि लग जाती है.
बुध ग्रह
बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री के मुताबिक बुध को बुद्धि विवेक तर्कशक्ति चतुर्ता का कारक ग्रह है. बुध मिथुन और कन्या राशि का स्वामी ग्रह भी है. बुध के राशि परिवर्तन की बात करें तो बुध 21 दिनों के अंतराल में अपना राशि परिवर्तन करते हैं.
गुरु ग्रह
बृहस्पति ग्रह की बात करें तो इसे गुरु भी कहा जाता है. ये धनु और मीन राशि का स्वामी ग्रह है. गुरु को एक ग्रह से दूसरे ग्रह जाने में 12 महीने लग जाते हैं. गुरु एक साल में यानी 12 महीने में एक राशि में दूसरी राशि में जाते हैं. मतलब इसे ग्रह परिवर्तन में थोड़ा समय लगता है.
शुक्र ग्रह
शुक्र ग्रह की बात करें तो ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को काफी अहम ग्रह माना गया है. धन वैभव, विलासिता और सुख समृद्धि का प्रतीक माना गया है. शुक्र ग्रह वृषभ और तुला दोनों राशियों का स्वामी होता है. शुक्र का गोचर काल 26 दिनों का होता है. मतलब शुक्र को राशि से दूसरे राशि में जाने में 26 दिन का समय चलता है.
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शनि ग्रह
शनि ग्रह को काफी लोकप्रिय और क्रोधी ग्रह माना गया है. शनि जब किसी राशि में परिवर्तन करते हैं, तो इसका असर उस जातक पर बहुत ज्यादा देखा जाता है. शनि को कुंभ और मकर दो राशियों का स्वामी ग्रह माना जाता है. शनि को कर्म, फल दाता, और न्याय का देवता भी माना जाता है. शनि सबसे धीमी गति की चाल वाले ग्रह हैं. शनि को एक राशि से दूसरे राशि में जाने में लगभग ढाई साल लग जाते हैं.
राहु-केतु
राहु केतु का नाम लेते ही लोग डर जाते हैं, कि अब किसकी राशि में राहु केतु का प्रभाव होगा. राहु केतु को शुभ ग्रह नहीं माना जाता है. इसीलिए लोगों के अंदर डर बना रहता है. राहु और केतु को एक राशि से दूसरे राशि में जाने में लगभग 19 महीना मतलब डेढ़ वर्ष तक का समय लेते हैं.