हैदराबादः हर साल जन्माष्टमी उत्सव या कहें श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हिंदू धर्मावलंबी उत्साह के साथ दुनिया भर में मनाते हैं. भगवान कृष्ण को भगवान विष्णु का आठवां अवतार माना जाता है. भगवान कृष्ण ने धरती पर जन्म लेकर कंस का वध कर समाज को उसके आतंक से मुक्त किया था. इस कारण यह त्योहार उनके जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है.
पंचांग के अनुसार हिंदू महीने के भाद्रपद महीने में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (आठवें दिन) को मनाया जाता है. ग्रेगोरियन (अंग्रेजी कैलेंडर) के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 26 अगस्त 2024 दिन सोमवार को मनाई जाएगी. इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्त उपवास करते हैं. भगवान कृष्ण के जन्म के बाद पूजा-पाठ कर उपवास समाप्त करते हैं. माना जाता है कि अकेले जन्माष्टमी का व्रत करने से करोड़ों एकादशी का फल देने वाला माना जाता है. इस अवसर ज्यादातर राज्यों में अवकाश होता है.
इस अवसर सार्वजनिक कृष्ण मंदिरों के अलावा लोग निजी तौर पर अपने-अपने घरों में भगवान कृष्ण के स्वागत में झांकियों को सजाते हैं. भगवान को भोग लगाने के लिए उनके प्रिय भोज्य पदार्थ मक्खन, मिश्री, मेवा, लड्डू आदि का भोग लगाया जाता है और भक्तों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है. दूसरी ओर इस अवसर भक्त मंदिरों में भगवान के सबसे प्रिय भोज्य पदार्थ, पोशाक, जेवरात आदि चढ़ाते हैं. जन्माष्टमी की खरीददारी के लिए बाजारों में काफी भीड़ देखी जा रही है.
जन्माष्टमी पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता का होता है आयोजन
जन्माष्टमी के अवसर पर देश-विदेशों में बड़े पैमाने पर मटकी फोड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इसका प्रसार देश के कोने-कोने में हो चुका है. वहीं कई जगहों पर राधा-कृष्ण से जुड़े प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है. इस पर बड़ी संख्या में माता-पिता अपने बच्चों के राधा-कृष्ण के आकर्षक रूप में सजाते संवारते हैं.
भगवान श्रीकृष्ण ने किया कंस मामा का अंत
पौराणिक हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कंस की चचेरी बहन का नाम देवकी था. कंस उसे सगी बहन की तरह प्यार करते था. कंस ने ही देवकी का विवाह वासुदेव से करवाया था. शादी के बाद देवकी की विदाई की तैयारी चल रही थी. अंतिम घड़ी में आकाशवाणी हुई कि देवकी-वासुदेव का 8वां पुत्र कंस की मृत्यु का कारण बनेगा. इसके बाद कंस ने नवविवाहित जोड़े को ततछण बंदी बना लिया. काफी चौकना रहने के बाद भी अंततः देवकी-वासुदेव के 8वें पुत्र भगवान कृष्ण ने कार्तिक शुक्ल पक्ष की 10वीं तिथि को कंस मामा का वध कर आकाशवाणी संदेश को सच साबित कर दिया.
भारत के 10 प्रमुख स्थल जहां, देश-विदेश बड़ी संख्या में भक्त यहां जुटते हैं.
- उत्तर प्रदेश में मथुरा
- वृन्दावन (उत्तर प्रदेश)
- गोकुल (उत्तर प्रदेश)
- पुणे (महाराष्ट्र)
- नाथद्वारा (राजस्थान)
- द्वारका (गुजरात)
- उडुपी (कर्नाटक),
- कुम्भकोणम (तमिलनाडु)
- गुरुवयूर (केरल)
- पुरी (ओडिशा)