हैदराबादः हर साल कार्तिक महीने में दिवाली, धनतेरस के साथ प्रारंभ होता है और भैया दूज के साथ संपन्न होता है. कार्तिक महीने में ही दिवाली के बाद शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भैया दूज मनाया जाता है. इसे भाऊ बीज, भात्र द्वितीया और भतरु द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. इस साल यह 3 नवंबर 2024 को है. यह त्योहार भाई-बहनों के बीच प्यार का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर पूजा करती हैं. इस दौरान बहनें ईश्वसर से भाई की लंबी, सुखमय, स्वस्थ्य व सफल जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं. इसके बाद मिठाई व पकवान खिलाती हैं.
भाई दूज का समयः
- भाई दूज 3 नवंबर 2024, दिन रविवार
- दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से 3 बजकर 2 मिनट तक
- भाई दूज पूजन अवधिः 2 घंटा 14 मिनट
द्वितीया तिथि प्रारंभः 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 21 मिनट से
द्वितीया तिथि समापनः 3 नवंबर 2024 को रात 10 बजकर 05 मिनट तक
भाई दूज की कहानीः भाई दूज के दिन प्रातः काल में चंद्र-दर्शन करना चाहिए. इसदिन स्नान-ध्यान कर बहन को पकवान, द्रव्यादि से सम्मानित करना चाहिए. अगर बहन ससुराल में है तो वहां जाना चाहिए. भाई दूज पूजन के बाद वहीं भोजन करना चाहिए. पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन यमुना जी ने अपने भाई यमराज को घर पर आदर-सत्कार कर किया. इस दौरान भाई को प्रिय भोजन कराया था. यमराज के अनुसार जो व्यक्ति भाई दूज के दिन गंगा नदी में स्नान कर यम की पूजन करेगा, उन्हें यमलोक से मुक्ति मिल जायेगी. हिंदू धर्म में सूर्य की पुत्री यमुना को सभी कष्टों से मुक्त करने वाला माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मन से यम की पूजा करने पर मनोवांछित फल मिलता है.