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आज है हरियाली तीज व्रत, क्या है इसकी मान्यता, जानिए पूजा-विधि और शुभ-मुहूर्त - Teej festival

Teej festival : हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु और कुंवारी कन्याएं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती है. सावन में हरियाली होती है इसलिए हरियाली तीज पर महिलाएं सोलह श्रृंगार के लिए हरे रंग की सामग्री का इस्तेमाल करती हैं. पूजन विधि, शुभ-मुहूर्त के लिए पढ़ें पूरी खबर...

7 august hariyali teej vrat shubh muhurta and hariyali teej significance worship method
हरियाली तीज व्रत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 6, 2024, 3:07 PM IST

Updated : Aug 7, 2024, 11:37 AM IST

हैदराबाद : हिंदू धर्म में हरियाली तीज का त्योहार काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं पति की दीर्घायु और कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती हैं. इस दिन महिलाएं व कुंवारी लड़कियां व्रत रखकर भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा कर सौभाग्य की कामना करती हैं. ज्योतिष आचार्य डॉक्टर वैभव अलोणी ने बताया कि ''इस वर्ष हरियाली तीज 7 अगस्त को मनाई जाएगी. तृतीया तिथि 6 अगस्त को प्रारम्भ हो जाएगी, जो 6 अगस्त शाम 7:52 से दूसरे दिन 7 अगस्त को रात 10:5 बजे तक रहेगी. इसलिए हरियाली तीज व्रत 7 अगस्त को किया जाएगा.

हरियाली तीज की मान्यता : हिन्दू धर्म में हरियाली तीज का त्योहार बहुत ही व्यापक तौर पर मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती की 108 वर्षों की लंबी तपस्या और प्रार्थनाओं के बाद हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने मां गौरी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. सावन में प्रकृति हरियाली की चादर ओढ़ लेती है और हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है,इसलिए हरियाली तीज पर महिलाएं सोलह श्रृंगार के लिए हरे रंग का इस्तेमाल करती हैं.

क्या है पूजन विधि: पंडित कन्हैयालाल भरद्वाज ने बताया कि हरियाली तीज के दिन व्रती महिलाओं को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नान करना चाहिए और नए वस्‍त्र, मायके से आए हुए हरे श्रृंगार को धारण कर व्रत की तैयारी करना चाहिए.पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शुद्ध मिट्टी से शिव परिवार की प्रतिमा निर्माण करने के बाद स्‍थापित करें.भगवान को भी नए वस्‍त्र पहनाने चाहिए फिर मुहूर्त के अनुसार हरी वनस्पतियों से पूजा करने के साथ निर्जला हरियाली व्रत की शुरुआत करें. इस दिन मां गौरी को हरी चूड़ियां, बिंदी, हरे वस्त्र, सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करने से सुहाग की दीर्घायु और कुंवारी लड़कियां को अच्छे वर और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

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हरियाली तीज की मान्यता : हिन्दू धर्म में हरियाली तीज का त्योहार बहुत ही व्यापक तौर पर मनाया जाता है. मान्यताओं के अनुसार देवी पार्वती की 108 वर्षों की लंबी तपस्या और प्रार्थनाओं के बाद हरियाली तीज के दिन ही भगवान शिव ने मां गौरी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. सावन में प्रकृति हरियाली की चादर ओढ़ लेती है और हरे रंग को सुहाग का प्रतीक माना जाता है,इसलिए हरियाली तीज पर महिलाएं सोलह श्रृंगार के लिए हरे रंग का इस्तेमाल करती हैं.

क्या है पूजन विधि: पंडित कन्हैयालाल भरद्वाज ने बताया कि हरियाली तीज के दिन व्रती महिलाओं को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्‍नान करना चाहिए और नए वस्‍त्र, मायके से आए हुए हरे श्रृंगार को धारण कर व्रत की तैयारी करना चाहिए.पूजा के लिए एक लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर शुद्ध मिट्टी से शिव परिवार की प्रतिमा निर्माण करने के बाद स्‍थापित करें.भगवान को भी नए वस्‍त्र पहनाने चाहिए फिर मुहूर्त के अनुसार हरी वनस्पतियों से पूजा करने के साथ निर्जला हरियाली व्रत की शुरुआत करें. इस दिन मां गौरी को हरी चूड़ियां, बिंदी, हरे वस्त्र, सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करने से सुहाग की दीर्घायु और कुंवारी लड़कियां को अच्छे वर और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

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Last Updated : Aug 7, 2024, 11:37 AM IST
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