सर्दियों में ठंड से बचने के लिए शरीर को गर्म और स्वस्थ रखना बहुत जरूरी होता है. इसलिए अगर आप रात को सोने से पहले दूध में कुछ खास चीजें मिलाकर पीते हैं तो इससे न सिर्फ इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, बल्कि ठंड से होने वाली बीमारियों से बचाव भी होगा. आयुर्वेद में दूध को पौष्टिक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला माना गया है. इस बीच, न्यूट्रिशनिस्ट राखी चटर्जी ने बताया कि इसमें कुछ खास चीजें मिलाकर पीने से इसकी न्यूट्रिशन वैल्यू बढ़ जाती है. न्यूट्रिशनिस्ट राखी चटर्जी के मुताबिक जानिए रात में दूध में क्या मिलाकर पीया जा सकता है?
हल्दी: हल्दी में मौजूद करक्यूमिन एक ऐसा तत्व है जो सूजन और बैक्टीरिया से लड़ने में बहुत प्रभावी है. दूध में हल्दी मिलाकर पीने से गले की खराश, सर्दी और बदन दर्द से राहत मिलती है. यह हमारी रोग प्रतिरोधक (disease resistant) क्षमता को भी बढ़ने में मदद करता है.
शहद: शहद और दूध का मिश्रण गले को आराम देता है खांसी को कम करता है और बेहतर नींद में मदद करता है. शहद में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट सर्दियों के दौरान शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.
अदरक: अदरक पाचन में सुधार करता है और शरीर को गर्म करने में मदद करता है. दूध में अदरक मिलाकर पीने से सर्दी और खांसी के लक्षणों से राहत मिलती है.
केसर: केसर न केवल दूध में स्वाद और सुगंध जोड़ता है, बल्कि रक्त परिसंचरण में भी सुधार करता है और शरीर को ठंड से बचाता है. केसर वाला दूध त्वचा पर भी निखार लाता है.
बादाम पाउडर: बादाम में विटामिन ई और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है. सर्दियों में बादाम का पाउडर दूध में मिलाकर पीने से मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर को ताकत मिलती है.
दालचीनी: दालचीनी बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में बहुत प्रभावी है. इसे दूध में मिलाकर पीने से पाचन क्रिया तेज होती है और शरीर गर्म रहता है.
अश्वगंधा: अश्वगंधा तनाव कम करता है, नींद में सुधार करता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है. सर्दियों में इसे खाने से शरीर को सर्दी से लड़ने की ताकत मिलती है.
इसके लिए एक गिलास गर्म दूध लें. ऊपर बताई गई सामग्री में से एक या दो सामग्री मिलाएं और सोने से 30 मिनट पहले पिएं.
(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)
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