कुल्लू: मनाली सालभर पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, लेकिन क्रिसमस और नए साल के जश्न के लिए भारी संख्या में यहां पर्यटक पहुंचते हैं. ऐसे में आने वाला सप्ताह सैलानियों से गुलजार रहेगा. जिला कुल्लू की पर्यटन नगरी मनाली की बात करें तो यहां पर भी सैलानियों ने एडवांस में होटल बुकिंग शुरू कर दी है. अब तक जिला कुल्लू के 70 प्रतिशत होटल एडवांस में बुक हो चुके हैं.
मनाली में वाटर स्पोर्ट्स, पैराग्लाडिंग, ट्रैकिंग जैसी गतिविधियां होती हैं. पर्यटक यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स का जमकर लुत्फ उठाते हैं. इसके अलावा मनाली में सोलंगनाला, रोहतांग पास, अटल टनल, मणिकर्ण जैसे पर्यटन स्थल भी हैं, जहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है. इसके अलावा हिडिंबा मंदिर, मनु महाराज जैसे कई सालों पुराने प्राचीन मंदिर हैं.
मनाली में ये हैं फेमस ट्रैकिंग रूट
पर्यटन की दृष्टि से मनाली बेहद खास है. यहां कई शानदार ट्रैक हैं, जैसे हम्टा पास ट्रैक, खीरगंगा ट्रैक, मनाली ब्यास कुंड ट्रैक, चंद्रखेरनी ट्रैक, चंद्रताल-बारालाचा ट्रैक बेहद खूबसूरत हैं. ट्रैकिंग पसंद घुमक्कड़ों के लिए मनाली एक मुफीद जगह है. हालांकि ये ट्रेक काफी खतरनाक हैं और यहां अकेले जाना खतरनाक है. रास्ता भटकने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
राफ्टिंग-पैराग्लाइडिंग का भी ले सकते हैं मजा
इसके अलावा मनाली में रोरिक आर्ट गैलरी, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क मनाली के विशेष पर्यटन स्थल हैं. बर्फबारी के बाद सर्दियों में मनाली की खूबसूरती अलग ही नजर आती है. मनाली शहर में आकर सबसे पहले आप सोलंग घूमने का आनंद उठा सकते हैं. यह पर्यटन स्थल साहसिक खेलों का हब है. यहां आकर आप पैराग्लाइडिंग, घुड़सवारी, रोपवे, माउंटेन बाइक, स्नो स्कूटर जैसी गतिविधि का आनंद उठा सकते हैं. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोलंग नाला में पैराग्लाइडिंग का आनंद लिया था. मनाली के ही प्रीणी गांव को देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी अपना दूसरा घर मानते थे. इसके अलावा देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को भी मनाली बेहद पसंद था. उन्होंने कई बार मनाली की यात्राएं की. मनाली में उनके नाम से एक झरना भी है, जिसे नेहरू कुंड के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू को इस झरने का पानी बेहद पसंद था.
लाहौल स्पीति में पर्यटन स्थल
लाहौल स्पीति के पर्यटन स्थल मृकुला देवी मंदिर, चंद्रताल झील, सूरजताल जैसे प्रसिद्ध स्थल हैं. इसके अलावा यहां की और ताबो गोंपा विश्वभर में प्रसिद्ध हैं. लाहौल स्पीति में त्रिलोकीनाथ मंदिर बौद्धों और हिंदुओं दोनों के बीच धार्मिक महत्व रखता है. ये मंदिर गांव में एक चट्टान पर स्थित है. कुल्लू मनाली आने वाले पर्यटक यहां आसानी से पहुंच सकते हैं. त्रिलोकीनाथ के दर्शन कर आप सीधे किशोरी गांव होकर माता मृकला मंदिर पहुंच सकते हैं. क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने आ रहे सैलानियों को यहां पर कुछ खास बातों का भी ध्यान रखना होगा.
बरतें ये सावधानियां
होटल कारोबारियों ने सैलानियों को सलाह दी है कि मनाली आने वाले पर्यटक एडवांस बुकिंग करके ही आएं और आने से पहले अपनी बुकिंग कंफर्म जरूर करें. बिना एडवांस बुकिंग के आ रहे हैं तो मनाली की सर्द रातों में उन्हें ठिठुरना पड़ सकता है. मनाली के होटलों में 50 प्रतिशत कमरे एडवांस बुक हो चुके हैं. ऐसे में बिना एडवांस बुकिंग के आना आपको परेशानी में डाल सकती है.
ट्रैकिंग पर जाते समय बरतें सावधानी
मनाली ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए मुफीद जगह है. ट्रैकिंग रूट पर जाने से पहले सैलानियों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. ट्रैकिंग रूट पर जाने वाले सैलानी गाइड की सहायता लें. गाइड का साथ न रखना बड़ी भूल हो सकती है, क्योंकि आप रास्ता भटक सकते हैं या हादसे का शिकार हो सकते हैं. गौर रहे कि जिला कल्लू की मणिकर्ण घाटी के मलाणा में भी ट्रेकिंग के दौरान हरियाणा के युवक का पैर फिसल गया था और वो गहरी खाई में जा गिरा था. पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उसके शव को रेस्क्यू किया था. इसके अलावा श्रीलंका के कुछ पर्यटक भी बिना गाइड की मदद से मनाली के जोगनी फॉल ट्रैकिंग पर निकले थे, लेकिन वहां पर भी एक युवक पैर फिसलने के कारण खाई में जा गिरा था, जिसे कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू कर लिया गया. इससे युवक के पांव की हड्डी टूट गई और उपचार के बाद उसे वापस रवाना किया गया.
नदी-नालों से रहें दूर
पुलिस ने लोगों को नदी नालों से दूर रहने की सलाह दी है. नदी नालों के ज्यादा करीब फोटग्राफी-वीडियोग्राफी बनाने से बचें. वहीं नदी नालों में भी बर्फ जमने के चलते डूबने का भी खतरा बना हुआ है. इसके अलावा अटल टनल के समीप नाले में फोटोग्राफी के लिए उतरे राजस्थान के युवक की भी डूबने से मौत हो गई.
कुल्लू मनाली पहुंच रहे सैलानी पर्यटन नगरी मनाली के साथ अटल टनल होते हुए लाहौल घाटी का भी रुख कर रहे हैं. कड़ाके की सर्दी के बीच यहां पर ब्लैक आइस का खतरा भी बना हुआ है. ब्लैक आइस में गाड़ी स्किड होने का खतरा बना रहता है. इसके अलावा लाहौल घाटी की बात करें तो ब्लैक आइस सड़क पर जमने के चलते यहां पर वाहन स्किड होकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. हालांकि यहां पर सुबह-शाम के समय ब्लैक आइस का खतरा अधिकतर बना रहता है, लेकिन दोपहर के समय भी जिन सड़कों पर धूप नहीं पड़ती, वहां पर ब्लैक आइस का खतरा बरकरार है. ऐसे में सैलानी इन सब बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें.
बीपी-हार्ट के मरीज रखें ये खास ध्यान
डॉक्टर मुनीष सूद ने कहा कि, बीपी-हार्ट के मरीज अपनी दवाइयां साथ रखें. क्योंकि सर्दियों में बर्फबारी के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है. हार्ट के मरीज ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और गर्म पानी साथ में रखें.
सुबह-शाम गाड़ी चलाने से बचें
मनाली के पर्यटन कारोबारी राकेश कुमार, मुकेश ठाकुर, नरेंद्र सूद का कहना है कि, 'अगर सैलानी अटल टनल होते हुए लाहौल घाटी का रुख कर रहे हैं तो वो दोपहर 11:00 बजे के बाद घाटी की ओर जाएं और शाम 4:00 बजे से पहले मनाली लौट आएं, क्योंकि ब्लैक आइस के चलते वाहन के दुर्घटना होने की भी आशंका बनी रहती है. ऐसे में सैलानियों से भी होटल कारोबारी इन सब बातों का ध्यान रखने का आग्रह कर रहे हैं.'
समस्या होने पर पुलिस से करें संपर्क
एसपी लाहौल स्पीति मयंक चौधरी ने बताया कि, 'लाहौल स्पीति पुलिस ने इस बारे एडवाइजरी भी जारी की है और सोशल मीडिया पर भी लगातार पुलिस के द्वारा सैलानियों को जागरूक किया जा रहा है. लाहौल आने वाले सैलानियों का पुलिस व प्रशासन स्वागत करता है, लेकिन वे प्रशासन के द्वारा जारी सभी एडवाइजरी का विशेष रूप से पालन करें. अगर सैलानियों को किसी प्रकार की दिक्कत आती है. तो वो तुरंत पुलिस के साथ संपर्क करें. पुलिस उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार है.'